वायरल हेपेटाइटिस लिवर में सूजन और जलन उत्पन्न करके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। हेपेटाइटिस बीमारी कई अलग-अलग वायरस के कारण होती है, जिसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस शामिल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभार में ऐसे लाखों लोग हैं जो हेपेटाइटिस बी या सी बीमारी के साथ जी रहे हैं- ये दोनों क्रॉनिक यानी दीर्घकालिक हेपेटाइटिस के सबसे सामान्य कारणों में से हैं। बावजूद इसके, हेपेटाइटिस वायरस के संचरण (ट्रांसमिशन) को लेकर लोगों के मन में कई मिथक हैं।

आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं कि लिवर रोग का इलाज क्या है।

आज इस लेख में हम आपको हेपेटाइटिस के बारे में फैले मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताएंगे -

(और पढ़ें: हेपेटाइटिस की आयुर्वेदिक दवा और इलाज)

  1. हेपेटाइटिस के सभी वायरस एक जैसे होते हैं और एक ही तरह से फैलते हैं
  2. भारतीय वयस्कों में सबसे कॉमन है हेपेटाइटिस ए वायरस
  3. हेपेटाइटिस आनुवांशिक बीमारी है
  4. एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस (एवीएच) के सभी मरीजों को पीलिया होता है
  5. सभी तरह के हेपेटाइटिस वायरस के खिलाफ वैक्सीन मौजूद है
  6. हेपेटाइटिस ए हो जाए तो व्यक्ति सभी तरह के हेपेटाइटिस के प्रति इम्यून हो जाता है
  7. हेपेटाइटिस के मरीज को सिर्फ उबला हुआ भोजन ही खाना चाहिए
  8. हेपेटाइटिस से संक्रमित होने पर स्तनपान कराना असुरक्षित है
  9. हेपेटाइटिस के मरीज में जब पीलिया ठीक हो जाता है तो वे अल्कोहल का सेवन कर सकते हैं
  10. हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है
  11. सारांश
हेपेटाइटिस वायरस के संचरण से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के डॉक्टर

सच्चाई - हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस अलग हैं और इनके संचरन यानी ट्रांसमिशन का तरीका भी अलग-अलग है। हेपेटाइटिस ए और ई वायरस खाना और पानी के संपर्क से फैलता है जो संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूषित किया गया हो। हेपेटाइटिस ई वायरस अधपके मांस के जरिए भी फैलता है। हेपेटाइटिस बी, सी और डी वायरस के ट्रांसमिशन की बात करें तो यह ज्यादातर संक्रमित मरीज के खून के संपर्क में आने से फैलता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Yakritas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को लिवर से जुड़ी समस्या (फैटी लिवर, पाचन तंत्र में कमजोरी) में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Liver Detox Tablets
₹899  ₹999  10% छूट
खरीदें

सच्चाई - 10 साल की उम्र तक आते-आते भारत के करीब 95 प्रतिशत बच्चे हेपेटाइटिस ए के लिए पॉजिटिव टेस्ट किए जाते हैं। यह इस बात का संकेत है कि भारत में स्वच्छता की स्थिति कितनी खराब है। भारतीय वयस्कों में पाया जाने वाला सबसे कॉमन हेपेटाइटिस इंफेक्शन हेपेटाइटिस ई है और इसका मुख्य कारण स्ट्रीट फूड का सेवन करना है।

(और पढ़ें : हेपेटाइटिस बी में परहेज, क्या खाएं क्या नहीं)

सच्चाई - हेपेटाइटिस आनुवांशिक या वंशानुगत बीमारी नहीं है। हेपेटाइटिस बी संक्रमित मां से उसके बच्चे में जन्म के वक्त संचारित हो सकता है। हालांकि इस स्थिति से भी बचा जा सकता है अगर वायरस की स्थिति पता हो और बच्चे के जन्म से 12 घंटे पहले उसे इम्यूनोग्लोबुलिन (एंटीबॉडीज) दी जाए।

आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं कि फैटी लिवर का इलाज क्या है।

सच्चाई - पीलिया या जॉन्डिस की अनुपस्थिति मरीज में वायरल हेपेटाइटिस संक्रमण की संभावना से इंकार नहीं करती है। कभी-कभी किसी मरीज में केवल बुखार, उल्टी और भूख न लगना जैसे लक्षण ही दिखाई देते हैं।

सच्चाई - वैक्सीन सिर्फ हेपेटाइटिस ए और बी के लिए मौजूद है

(और पढ़ें : हेपेटाइटिस ए का टीका, खुराक और कीमत)

सच्चाई - अगर किसी मरीज को हेपेटाइटिस ए हो जाए तो वह सिर्फ हेपेटाइटिस ए के प्रति ही जीवनभर के लिए इम्यून हो जाता है। हालांकि उस व्यक्ति को अन्य प्रकार के हेपेटाइटिस वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।

सच्चाई - हेपेटाइटिस के मरीज के लिए पोषण बेहद जरूरी है। हालांकि, आम धारणा के विपरीत, हेपेटाइटिस के मरीजों को जो कुछ भी वे चाहते हैं, खिलाया जा सकता है। लेकिन गन्ने का जूसकरेलामूली और ग्लूकोज का घोल देने की सिफारिश नहीं की जाती है।

Wheatgrass Juice
₹446  ₹499  10% छूट
खरीदें

सच्चाई - मां का ब्रेस्ट मिल्क किसी भी हेपेटाइटिस वायरस को नहीं फैला सकता और इसलिए, हेपेटाइटिस के दौरान स्तनपान कराना बिल्कुल सुरक्षित है।

(और पढ़ें : स्तनपान या बोतल से दूध पिलाना- क्या है बेहतर)

सच्चाई - हेपेटाइटिस ए और ई इंफेक्शन के बाद कम से कम 6 महीने तक अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि लिवर को पूरी तरह से रिकवर होने में कम से कम 6 महीने का वक्त लगता है। हालांकि वैसे लोग जिन्हें दीर्घकालिक हेपेटाइटिस बी या सी का संक्रमण हो जाए उन्हें जीवनभर अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।

सच्चाई - हेपेटाइटिस के कुछ प्रकार ऐसे भी हैं जिनसे रिकवर होने के लिए किसी तरह के इलाज या हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती लेकिन कभी-कभी यह लिवर के क्षतिग्रस्त होने का भी कारण बन जाता है, ऐसे मामले में मरीज को आराम करना चाहिए और डॉक्टर से पूछकर उचित दवा का सेवन करना चाहिए और अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए। डॉक्टर ऐसे मरीजों को एंटीवायरल एजेंट्स प्रिस्क्राइब करते हैं।

आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि हेपेटाइटिस इंफेक्शन से बचने के लिए नियमित रूप से अपने हाथों की सफाई और टीकाकरण जैसी विभिन्न सावधानियों बरतें। हालांकि, बीमारी की रोकथाम पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति को किस तरह का हेपेटाइटिस संक्रमण हुआ है।

Dr. Murugan N

Dr. Murugan N

हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा )
18 वर्षों का अनुभव

Dr. Ashwin P Vinod

Dr. Ashwin P Vinod

हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा )
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Rathod Bhupesh

Dr. Rathod Bhupesh

हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा )
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Datta Sawangikar

Dr. Datta Sawangikar

हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा )
3 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें