लू लगना एक ऐसी समस्या है जो शरीर का तापमान बहुत ज्यादा हो जाने के कारण होती है। अधिकतर ये समस्या उच्च तापमान में शारीरिक परिश्रम करने या ज़्यादा समय तक गर्म तापमान में रहने के कारण होती है। ये गर्मी से होने वाली समस्याओं में से सबसे खतरनाक समस्या है। अगर आपके शरीर का तापमान 104 डिग्री फेरनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) तक हो जाता है, तो आपको ये समस्या हो सकती है। लू लगने पर आपके शरीर का तापमान तेज़ी से बढ़ने लगता है और कम नहीं हो पाता। लू लगने के साथ शरीर में पानी की कमी की समस्या भी होती है।

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लू लगने पर तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है। चिकित्सा न लेने पर ये समस्या घातक हो सकती है और आपके मस्तिष्क, दिल, गुर्दों और मांसपेशियों को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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चिकित्सा सहायता का इंतज़ार करते समय आप इसके लिए कुछ प्राथमिक चिकित्सा के उपाय कर सकते हैं। इस लेख में लू लगने का पता कैसे चलता है, क्या लू लगना एक गंभीर समस्या है और लू लगने पर क्या करें व क्या न करें के बारे में बताया गया है।

  1. लू लगने पर क्या होता है? - Loo lagne par kya hota hai
  2. क्या लू लगना एक गंभीर समस्या है? - Kya loo lagna khatarnak hota hai
  3. लू लगने पर क्या करें? - Loo lagne par prathmik upchar
  4. लू लगने पर क्या न करें? - Loo lagne par kya nahi karna chahiye
  5. सारांश

लू लगने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं -

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लू लगना एक गंभीर समस्या है जिसमें तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है। हालांकि, चिकित्सा सहायता की प्रतीक्षा करते समय आप व्यक्ति को फर्स्ट ऐड या प्राथमिक चिकित्सा दे सकते हैं। सही समय पर इलाज न मिलने के कारण या शरीर का तापमान कम न हो पाने पर लू लगने से दिमाग और गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुक्सान हो सकता है। इससे मौत भी हो सकती है।

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केवल घरेलू उपचार करना ही लू लगने की समस्या के लिए काफी नहीं होता है। अगर आपको लू लगने की समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत चिकित्सा लें और अगर आपके आस-पास किसी को ये समस्या हो रही है, तो पहले मदद के लिए किसी को बुलाएं और उसे निम्नलिखित तरीके से फर्स्ट ऐड दें -

  • व्यक्ति को किसी छांव वाली जगह ले जाएं जहाँ धूप न हो।
  • हो सके तो व्यक्ति को ए.सी. में ले जाएं।
  • अगर व्यक्ति ने ज़रूरत से ज्यादा कपडे पहने हैं, तो उन्हें उतार दें।
  • व्यक्ति के शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें और उसे हवा करें।
  • व्यक्ति की बगल और पेट व जांध के बीच के भाग में आइस पैक रखें।
  • अगर व्यक्ति को दौरा पड़ रहा है, तो उसके साथ रहें और उसे चोट लगने से बचाएं।
  • अगर व्यक्ति उल्टी कर रहा है, तो उसे एक तरफ लिटा दें ताकि उसकी सांस की नली खुली रहे।
  • अगर व्यक्ति बेहोश है या उल्टी कर रहा है, तो उसे पीने के लिए कुछ न दें।
  • अगर लू लगने के कारण बच्चा सांस नहीं ले रहा है, तो उसे मुंह से सांस दें।
  • व्यक्ति के शरीर का तापमान बार-बार देखते रहें और उसे कम करने का प्रयास करते रहें।
  • लू लगने के अन्य लक्षणों का भी ध्यान रखें।

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अगर किसी को लू लगी है, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  • अगर व्यक्ति बेहोश है या उल्टी कर रहा है, तो उसे पीने के लिए कुछ न दें। 
  • कैफीन ​युक्त पदार्थ, शराब या कोल्ड ड्रिंक (यानी कोक, पेप्सी आदि) न पीएं।
  • शरीर का तापमान कम करने के लिए व्यक्ति को एस्पिरिन (Aspirin) या एसीटामीनोफेन (Acetaminophen) जैसी दवाएं न दें।
  • पीड़ित व्यक्ति को धूप वाली जगह में न रहने दें।
  • गर्मी के मौसम में बच्चों को बंद गाड़ी में छोड़ कर न जाएं।

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नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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लू लगने के बाद जल्दी से जल्दी उचित उपचार आवश्यक है ताकि स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सके। सबसे पहले, प्रभावित व्यक्ति को एक ठंडी, छायादार जगह पर ले जाएं और आराम करने दें। ठंडे पानी से स्पंज करें या ठंडे पानी में भीगे हुए कपड़े से शरीर को पोंछें। ठंडा पानी पिलाएं, लेकिन धीरे-धीरे और छोटे-छोटे घूंट लें ताकि शरीर का तापमान संतुलित हो सके। इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) या नींबू पानी में थोड़ा नमक और चीनी मिलाकर पिलाना भी फायदेमंद हो सकता है। कैफीन और अल्कोहल से बचें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को बढ़ा सकते हैं। अगर लक्षण गंभीर हों, जैसे अत्यधिक पसीना, चक्कर आना, बेहोशी, या मांसपेशियों में ऐंठन, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करें। 

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