हृदय ट्रांसप्लांट सर्जरी रुके हुए हृदय को एक स्वस्थ हृदय से बदलने के लिए की जाती है। जब कोई भी ट्रीटमेंट कारगर न हो तब अंत में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी ही अंतिम विकल्प होता है। हर व्यक्ति हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं करवा सकता है। यह सर्जरी करवाने के लिए कुछ स्थितियां व्यक्ति के शरीर में मौजूद नहीं होनी चाहिए जैसे - व्यक्ति की उम्र 65 वर्ष से अधिक न हो, व्यक्ति को अन्य गंभीर फेफड़ों, लिवर या गुर्दे के रोग न हो और व्यक्ति शराब आदि कोई नशा न करता हो।
इन स्थितियों की जांच करने के लिए डॉक्टर कई सारे टेस्ट करते हैं। एक बार ट्रांसप्लांट हो जाने के बाद व्यक्ति को कई सारे टेस्ट करवाने पड़ते हैं। एक बार ट्रांसप्लांट टीम आपके परिणामों की जांच कर लेती है तो आपका नाम वोटिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है, इसके बाद आपके शरीर के लिए उपयुक्त डोनर मिल जाने पर आपको अस्पताल बुलाया जाता है। जिस दिन आपको अस्पताल बुलाया जाता है उसी दिन आपकी सर्जरी की जाती है। ट्रांसप्लांट के बाद आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आपको कोई भी संक्रमण न लगे, क्योंकि इस समय आपकी इम्यूनिटी कम होगी।
यदि आपको घाव के स्थान पर रक्तस्त्राव दिखाई दे या फिर बुखार महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें।