पूरे शरीर के ठीक तरह से काम करने के लिए हृदय का स्वस्थ होना जरूरी है. इसलिए, हृदय का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए. जरा-सी लापरवाही हृदय पर भारी पड़ सकती है, जिससे हार्ट फेल तक हो सकता है. ऐसा हृदय की मांसपेशियों में कमजोरी आने के कारण होता है. राइट साइड हार्ट फेलियर भी कुछ इसी तरह की परेशानी है. यह समस्या शराब पीने, मोटापे या फिर फेफड़ों से जुड़ी परेशानी होने के कारण हो सकती है. वहीं, सीने में दर्द, वजन बढ़ना व चक्कर आना आदि इसके लक्षण हैं.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि राइट साइड हार्ट फेलियर के लक्षण, कारण व इलाज क्या-क्या हैं -

(और पढ़ें - कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का इलाज)

  1. राइट साइड हार्ट फेलियर क्या है?
  2. राइट साइड हार्ट फेलियर के लक्षण
  3. राइट साइड हार्ट फेलियर के कारण
  4. राइट साइड हार्ट फेलियर का इलाज
  5. सारांश
राइट साइड हार्ट फेलियर के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने और हृदय के सही तरीके से खून को पंप न कर पाने से हार्ट फेलियर होता है. हालांकि, इस अवस्था में भी हार्ट रक्त को पंप करता है, लेकिन पहले की तुलना में काफी कम. हृदय का दाहिना भाग शरीर से उपयोग किया हुआ रक्त फेफड़ों में वापस पंप करता है, जहां इसे ऑक्सीजन मिलती है. वहीं, जब हृदय का दाहिना भाग कमजोर हो जाता है और रक्त को पंप नहीं कर पाता है, तो इस अवस्था को राइट साइड हार्ट फेलियर कहा जाता है.

(और पढ़ें - हार्ट फेलियर की दवा)

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राइट साइड हार्ट फेलियर के लक्षण निम्न प्रकार के हो सकते हैं -

(और पढ़ें - हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में अंतर)

लक्षण के बाद अब जानते हैं कि राइट साइड हार्ट फेलियर के कारण क्या-क्या हो सकते हैं -

(और पढ़ें - हृदय के लिए खराब आदतें)

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अगर किसी व्यक्ति में यहां बताए गए लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखते हुए निम्न प्रकार से इलाज कर सकते हैं -

दवाइयां

मरीज की अवस्था को चेक करने के बाद ही डॉक्टर बताते हैं कि उसे क्या दवा देनी चाहिए -

  • ड्यूरेटिक - ड्यूरेटिक युक्त दवाएं अतिरिक्त तरल पदार्थ और सोडियम को शरीर से बाहर निकलाने में मदद करती हैं.
  • वासोडिलेटर - ये दवाएं रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाने में मदद करती हैं, इससे हृदय भारी काम करने से बचता है और केमिकल के जरिए हृदय कमजोर भी नहीं होता है. वासोडिलेटर के तहत दो मुख्य दवाएं एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी) और एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (एसीई) अवरोधक शामिल हैं.
  • बीटा ब्लॉकर्स - बीटा ब्लॉकर्स वाली दवाएं हार्ट रेट को सामान्य कर मदद करती हैं. इससे हृदय की मांसपेशियों पर कम भार पड़ता है.
  • डिजॉक्सिन - डिजॉक्सिन एक दवा है, जो हृदय की पंपिंग क्षमता को मजबूत करने में मदद करती है. इसे आमतौर पर हार्ट फेलियर के गंभीर मामलों में इस्तेमाल किया जाता है.
  • पल्मोनरी वेसोडिलेटर्स - पल्मोनरी हाइपरटेंशन के मामलों में राइट साइड हार्ट फेलियर होने पर ये दवा दी जाती है. ये दवा हृदय से फेफड़ों तक जाने वाली रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाती है.

(और पढ़ें - हाइपरटेंशन हार्ट डिजीज का इलाज)

जीवनशैली में बदलाव

अपनी रोजमर्रा के जीवन में निम्न बदलाव करके राइट साइड हार्ट फेलियर से बचा जा सकता है -

  • धूम्रपान से परहेज
  • वजन संतुलित रखना 
  • सही संतुलित डाइट, जिसमें सोडीयम इंटेक कम करने की सलाह दी जाती है 
  • तरल पदार्थों का सेवन कम करना 
  • डॉक्टर के सलाह अनुसार व्यायाम करना 

(और पढ़ें - महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण)

उपकरण

जब दवाइयों और जीवशैली में बदलाव करने के बाद भी कुछ खास फर्क न दिखे और स्थिति गंभीर हो, तो डॉक्टर इम्प्लैंटेड डिवाइस का सहारा ले सकते हैं. इसमें हार्ट को सही तरीके से पंप करने के लिए उपकरण लगाए जाते हैं. इस डिवाइस से हृदय को बेहतर तरीके से पंप करने में मदद मिल सकती है. ये कुछ इस प्रकार हैं -

  • इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर.
  • कार्डियक रीसिंक्रनाइजेशन थेरेपी, एक प्रकार का पेसमेकर.
  • लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस.

इसके अलावा, कुछ गंभीर मामलों में हार्ट सर्जरी या हार्ट ट्रांसप्लांट का सहारा भी लिया जा सकता है.

(और पढ़ें - हृदय के कौन-कौन से टेस्ट होते हैं)

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हृदय शरीर में मौजूद नाजुक अंग है. इसमें आई खराबी कई समस्याओं का कारण बन सकती है. इसलिए, हृदय का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. जरा-सी लापरवाही राइट साइड हार्ट फेलियर का कारण बन सकती है. थकावट, भूख में कमी व वजन बढ़ना आदि इसके मुख्य लक्षण होते हैं. इसलिए, ऐसा कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज करवाएं. इसके अलावा, नियमित योग व व्यायाम करना भी जरूरी है. 

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