आयुर्वेद में गोनोरिया का प्राकृतिक, व्यापक और प्रभावकारी उपचार बताया गया है. आयुर्वेद में गोनोरिया का उपचार तीन स्तरों पर होता है. सबसे पहले स्तर पर आयुर्वेदिक थेरेपी के माध्यम से शरीर का शुद्धिकरण किया जाता है.
दूसरे स्तर पर आयुर्वेदिक दवाइयों के माध्यम से गोनोरिया बैक्टीरिया की रोकथाम की जाती है और उसे जड़ से नष्ट किया जाता है. अंतिम स्तर में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से उपचार के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के लिए और किसी संभावित साइड इफेक्ट्स को दूर किया जाता है. इस लेख में गोनोरिया का आयुर्वेदिक उपचार, दवा व जड़ी-बूटी के बारे में विस्तार से जानेंगे-