गैस पाचन की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. ऐसा गलत खानपान व कम शारीरिक गतिविधि की वजह से होता है. गैस बनने के बाद ये कहीं भी फैल सकती है. कुछ लोगों को गैस बनने से सिर में दर्द होता है, तो कुछ लोगों की आंतों में गैस बन जाती है. आंतों में गैस बनने से व्यक्ति को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

आज इस लेख में हम जानेंगे कि आंतों में गैस बनने के लक्षण, कारण व इलाज क्या हैं -

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  1. आंतों में गैस बनना क्या है?
  2. आंतों में गैस बनने के लक्षण
  3. आंतों में गैस बनने के कारण
  4. आंतों में गैस बनने का इलाज
  5. सारांश
आंतों में गैस के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

आंतों में गैस बनने से व्यक्ति को पेट में दर्द और सूजन महसूस हो सकती है. दरअसल, आंतों की गैस ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन और मीथेन समेत कई गैसों का मिश्रण होती है. जब ये सभी गैस आंतों के बैक्टीरिया के साथ मिलती हैं, तो एक गंध विकसित होती है. यह गंध मुंह या मलाशय के द्वारा बाहर निकलती है. कई बार गैस पेट में ही फंस जाती है, इसकी वजह से पेट में दर्द और सूजन हो सकती है.

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आंतों में गैस बनने पर व्यक्ति को कई लक्षण महसूस हो सकते हैं. इसमें पेट में दर्द और डकार आना सबसे आम है. अन्य लक्षण निम्न प्रकार से हो सकते हैं -

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आंतों की गैस पेट को फूला हुआ महसूस करा सकती है. इससे पेट में सूजन आ सकती है. इस स्थिति में व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है. आंतों में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं -

भोजन न पचना

जब छोटी आंत में कार्बोहाइड्रेट को पचाने और अवशोषित करने के लिए जरूरी एंजाइम्स की कमी होती है, तब आंतों में गैस बन सकती है. दरअसल, बिना पचा हुआ भोजन बड़ी आंत में जाता है. वहां हानिरहित बैक्टीरिया भोजन को तोड़ते हैं और इससे कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है.

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आंतों के बैक्टीरिया

कुछ लोगों में आंतों के बैक्टीरिया भी मीथेन गैस पैदा कर सकते हैं. इससे व्यक्ति को पेट फूलने और गैस बनने की समस्या हो सकती है.

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खाने के साथ हवा निगलना

जो लोग खाते समय बात करते हैं, वो अक्सर पेट में हवा निगल लेते हैं. इससे आंतों में गैस बन सकती है. इसके अलावा, कई लोग पानी पीते समय, च्युइंग खाते समय या फिर धूम्रपान करते समय भी हवा निगल लेते हैं. अधिक हवा निगलने से डकार आने लगती है, गैस मुंह से बाहर निकलती है, लेकिन कुछ हवा को आंत अवशोषित कर लेती हैं, जो गैस का कारण बनती है.

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एसिड बनाने वाली चीजों का सेवन

कई ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो आंतों में गैस बना सकते हैं. बीन्स, आलूमक्का और हाई फाइबर से आंतों में गैस बन सकती है. इसलिए, इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.

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पाचन समस्याएं

कुछ ऐसी पाचन संबंधी समस्याएं हैं, जो आंतों में गैस पैदा कर सकती हैं. इरिटेबल बाउल सिंड्रोमलैक्टोज इनटॉलेरेंस और सीलिएक रोग जैसी समस्याएं आंतों में गैस का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा, आंतों के बैक्टीरिया की वजह से भी गैस बन सकती है.

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दवाइयां

डायबिटीज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और स्क्लेरोडर्मा जैसी बीमारियों की दवाइयां आंतों की कार्यप्रणाली को धीमा कर देती हैं. इससे आंतों में गैस बन सकती है.

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आंतों की गैस कभी सामान्य, तो कभी गंभीर हो सकती है. इसका इलाज डाइट में बदलाव करके भी किया जा सकता है, लेकिन जब गैस दर्दनाक होती है, तो गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है. इसके लिए व्यक्ति को इलाज की जरूरत पड़ती है. इलाज से आंतों में बनने वाली गैस के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. आंतों के गैस का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है. आइए, इसके इलाज के बारे में जानते हैं -

अल्फा-गलक्टोसिडेस

आंतों की गैस का इलाज अल्फा-गलक्टोसिडेस से किया जा सकता है. यह दवा उन खाद्य पदार्थों को तोड़ने और पचाने में मदद करती है, जिन्हें एंजाइम आसानी से नहीं पचा पाते हैं.

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बिस्मथ सबसैलिसिलेट

अगर किसी व्यक्ति को आंतों में गैस बनने के साथ ही पेट खराबी की शिकायत भी है, तो ऐसे में उसे बिस्मथ सबसैलिसिलेट दवा दी जा सकती है. यह डायरिया के इलाज में असरदार हो सकता है.

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लैक्टेज एंजाइम

जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलेरेंस है यानी दूध शर्करा को पचाने में समस्या होती है, उन्हें लैक्टेज एंजाइम दिया जा सकता है.

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प्रोबायोटिक्स

कई बार आंतों में मौजूद खराब बैक्टीरिया की वजह से भी गैस बनने लगती है. ऐसे में डॉक्टर प्रोबायोटिक्स लेने की सलाह दे सकते हैं. इससे खराब आंत बैक्टीरिया से छुटकारा मिल सकता है.

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सिमेथीकॉन

आंतों की गैस और पेट की सूजन को कम करने के लिए सिमेथीकॉन दवा दी जा सकती है. इससे आंतों के गैस का निर्माण कम होने में मदद मिलती है.

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आंतों में गैस कई कारणों से बन सकती है. इसकी वजह से व्यक्ति को पेट में दर्द, बेचैनी और सीने में दर्द महसूस हो सकता है. लंबे समय तक आंतों में गैस बनना गंभीर स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत हो सकता है. पेट दर्द के साथ अगर मल में खून निकलता है, वजन कम होता है, सीने में दर्द होता है, कब्ज बनती है, तो ये गंभीर हो सकता है. इसलिए, अगर किसी को कुछ दिनों से लगातार गैस बन रही है, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए.

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