किसी तरह के संक्रमण, बीमारी और कुछ अन्य वजहों से हाइपोथेलेमस शरीर के तापमान में बदलाव करके इसे बढ़ा देते हैं। हालांकि, बुखार सर्दी, सूजन और गैस्ट्रोएन्टराइटिस जैसे आम संक्रमण की वजह से होता है।
कई तरह के संक्रमण की वजह से शरीर में बुखार होता है। बुखार अक्सर दोबारा और शरीर में लंबे समय तक रह सकता है। वायरस से होने वाला बुखार एक, दो या तीन दिनों तक या ज्यादा से ज्यादा 2 हफ्तों तक शरीर में रह सकता है, जबकि बैक्टीरियल इंफेक्शन से होने वाला बुखार तब तक रहता है, जब तक कि आप इसके लिए कोई एंटीबायोटिक नहीं लेते हैं।
बुखार होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि किसी तरह का संक्रमण, जिसमें गला खराब होना, फ्लू, चिकनपॉक्स (माता), निमोनिया या रहूमटॉइड आर्थराइटिस शामिल हैं।
लगातार तनाव और भावनात्मक स्थिति की वजह से मनोवैज्ञानिक बुखार हो सकता है। कुछ लोगों में गंभीर तनाव की वजह से लो-ग्रेड बुखार 99 से 100 डिग्री (37 से 38 डिग्री सेल्सियस) के बीच में हो सकता है।
जी हां, बुखार में पसीना आने से मस्तिष्क में थर्मोस्टैट (बाहर के तापमान के हिसाब से शरीर के तापमान को बनाए रखता है) वापस सामान्य हो जाता है, लेकिन यह शरीर में अधिक गर्मी को रिलीज़ करने में समय लगाता है। जब तक आपका तापमान थर्मोस्टेट के बराबर नहीं हो जाता, तब तक आपका शरीर गर्म रहता है और पसीना आता है।
आपके मस्तिष्क में थर्मोस्टैट होता है, जो पसीना बनाता है और गर्मी को रिलीज़ करने के लिए आपकी त्वचा की सतह के पास रक्त भेजता है, जिससे आपके शरीर का तापमान फिर से पहले जैसा सामान्य हो जाता है।
जब आपको बुखार होता है, तो आप नीचे बताए गए उपायों और तरीकों का पालन करें।
बुखार अक्सर एक तरह का संकेत देता है कि आपका शरीर किसी प्रकार के बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण से लड़ रहा है। एक वायरल बुखार वह बुखार है जो किसी मुख्य वायरल बीमारी के कारण होता है। वायरल संक्रमण लोगों में सामान्य सर्दी से लेकर फ्लू तक को प्रभावित कर सकता है। लो-ग्रेड बुखार कई तरह के वायरल संक्रमणों का एक लक्षण है।
मनोचिकित्सा बुखार एक तनाव-संबंधी, मनोदैहिक बीमारी है, जो विशेष रूप से युवा महिलाओं में पाई जाती है। कुछ मरीज जब भावनात्मक स्थितिओं के संपर्क में आते हैं, तो उनके शरीर का तापमान बहुत ही अधिक (41 डिग्री सेल्सियस) तक हो जाता है, जबकि अन्य मरीजों में गंभीर तनाव की स्थितियों के दौरान बुखार लगातार लो-ग्रेड उच्च तापमान (37-38 डिग्री सेल्सियस) में हो सकता है।
जब आपके शरीर का तापमान अपनी सामान्य सीमा में उच्च स्तर पर होता है, तो आपको बुखार होता है। शरीर का एक सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) से थोड़ा अधिक या कम हो सकता है। पहले इस बात का पता लगाना जरूरी है कि आपको बुखार किस कारण से हुआ है, इसके अलावा बुखार के संकेतों और लक्षणों में पसीना भी शामिल हो सकता है।
शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से शाम को बढ़ जाता है। इसलिए अगर दिन में आपको हल्का बुखार है, तो यह रात में आसानी से बढ़ सकता है। इस बीच यदि आप खुद को कमजोर महसूस नहीं करते हैं, तो आप बुखार को कम करने के लिए नहा भी सकते हैं।
कोल्ड कंप्रेस जैसे एक आइस पैक या ठंडे पानी में भिगोए हुए गीले कपड़े का इस्तेमाल दर्द, सूजन और बुखार को कम करने के लिए किया जाता है। बुखार को कम करने एक लिए आप ठंडे पानी में एक कपड़ा भिगोकर अपने माथे पर पट्टी कर सकते हैं। यह आपके बुखार को कम कर सकता है।
पेरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) दर्द और बुखार को कम करने वाली दवा है। पेरासिटामोल का उपयोग सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गठिया, पीठ दर्द, दांत दर्द, जुकाम और बुखार जैसी कई स्थितियों में किया जाता है।
बैक्टीरियल संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होता है, जबकि वायरल संक्रमण वायरस के कारण होता है। दोनों के बीच अंतर करने के लिए चिकित्सीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, क्योंकि दोनों संक्रमण के कारण आपको बुखार और चिड़चिड़ापन जैसी समस्या हो सकती है। ज्यादातर मामलों में, बुखार बस सर्दी वाले वायरस की वजह से होता है।
शरीर के तापमान में असामान्य वृद्धि को बुखार के रूप में जाना जाता है। बुखार एक संक्रमण के लिए इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया का हिस्सा है, जो कि फ्लू का एक लक्षण भी है। बिना बुखार के फ्लू होना संभव है।
शरीर में 99 डिग्री तापमान को हल्का बुखार माना जाता है और 98.6 डिग्री तापमान को शरीर का सामान्य तापमान। सुबह आपके शरीर का तापमान 99 डिग्री हो सकता है, जिसे बुखार की शुरुआत माना जाता है। अगर शरीर का तापमान 100.4 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो इसका मतलब है आपको बुखार है।
टैबलेट Dolo 650 का उपयोग मध्यम से गंभीर दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है। इस दवा में एक ओपिओइड (नार्कोटिक) दर्द निवारक (हाइड्रोकोडोन) और एक गैर-ओपियोड दर्द निवारक (एसिटामिनोफेन) होते हैं। एसिटामिनोफेन बुखार को कम कर सकता है।
बुखार से मस्तिष्क में क्षति आमतौर पर तब तक नहीं होती, जब तक कि बुखार 107.6 डिग्री फारेनहाइट (42 डिग्री सेल्सियस) से अधिक न हो। संक्रमण के कारण अनुपचारित बुखार शायद ही कभी 105 डिग्री फारेनहाइट (40.6 डिग्री सेल्सियस) से अधिक हो सकता है।
जी हां, शरीर का तापमान गिरना गंभीर समस्या हो सकती है। डॉक्टर होने के नाते हम आपको सलाह देते हैं कि आप तुरंत किसी अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में दिखा लें, डॉक्टर इसके मुख्य कारण का पता लगाने के लिए आपकी जांच करेंगे और उसके अनुसार ही आपको ट्रीटमेंट की सलाह देंगे। आप खुद को गर्म रखें और अपने आसपास के वातावरण को भी गर्म रखें।
आप टैबलेट पेरासिटामोल 650 एमजी दिन में तीन बार खाना खाने के बाद 2 दिन के लिए लें। इसी के साथ अधिक मात्रा में पानी पिएं, आराम करें और डाइट में नरम खाद्य पदार्थ का सेवन करें। अगर इसके बाद भी यह समस्या बनी रहती है, तो आप डॉक्टर से सलाह लें।
आप खुद से उसे किसी तरह की दवा न दें, उसे डॉक्टर के पास ले जाएं।
आप अपने शरीर का तापमान चेक करें। अगर यह सामान्य सीमा में है, तो आप चिंता न करें।
जब शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है, तो इसे सामान्य माना जाता है। 99 डिग्री फारेनहाइट तापमान या 37.5 डिग्री सेल्सियस को हल्का बुखार समझा जाता है। आप टैबलेट Dolo 650 एमजी की एक गोली दिन में 2 बार खाना खाने के बाद लें।
आप सामान्य स्थिति में ही रहें। आपको अपने शरीर का तापमान बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है। नॉर्मल रहें और डॉक्टर की दी गई सलाह का पालन करें।
कभी-कभी ऐसा होता है कि आपका माथा गर्म होता है, जबकि हाथ और पैर ठंडे होते हैं। आप उसे हर 6 घंटे में जरूरत के हिसाब से Calpol सिरप दें। वायरल बुखार 3 से 4 दिनों में ठीक हो जाते हैं। अगर उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं दिखाई देता है, तो आप उसे पीडियाट्रिशन के पास ले जाएं।
आप डॉक्टर से मिलकर सलाह लें। वह आपकी समस्या के सही कारण का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट कर सकते हैं। तब तक आप टैबलेट पेरासिटामोल दिन में एक बार 2 दिन के लिए लें।
जी नहीं, आप टैबलेट Mahacef को सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही लें। इसकी बजाए आप टैबलेट पेरासिटामोल 650 एमजी ले सकते हैं।
आप अपने लक्षणों को कम करने के लिए टैबलेट पेरासिटामोल दिन में तीन बार तीन दिनों के लिए लें। अगर इसके बाद भी आपको यह समस्या होती रहती है, तो आगे की जांच और सलाह के लिए आप डॉक्टर से मिलें।
सबसे पहले आप उसे पीडियाट्रिशन के पास ले जाएं और उनसे बच्चे का चेकअप करवा लें। अगर आपके बच्चे के बुखार की पुष्टि हो जाती है, तो पीडियाट्रिशन से उसका ट्रीटमेंट शुरू करवा दें।
आप डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी तरह की दवा न लें। पहले आप गयनेकोलॉजिस्ट से मिलें और अपना चेकअप करवा लें व उनसे ही ट्रीटमेंट लें।