मई महीने के पहले मंगलवार को हर साल विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है और इस मौके पर आज हम एक ऐसी समस्या की बात करेंगे जिसे अस्थमा पीड़ित ज्यादातर लोगों को झेलना पड़ता है जब भी वे एक्सरसाइज करते हैं। यह समस्या है एक्सरसाइज इन्ड्यूस्ड अस्थमा यानी एक्सरसाइज करने की वजह से अस्थमा का प्रेरित होना। इसे मेडिकल भाषा में एक्सरसाइज इन्ड्यूस्ड ब्रॉन्कोकॉन्स्ट्रिक्शन कहते हैं। आमतौर पर जब कोई अस्थमा पीड़ित व्यक्ति 5 या 10 मिनट तक वर्कआउट करता है तो यह समस्या शुरू हो जाती है।
एक्सरसाइज करते वक्त या कोई गेम खेलते वक्त अगर व्यक्ति मुंह से सांस लेने लगता है तो यह समस्या उत्पन्न हो जाती है क्योंकि मुंह के जरिए शरीर के अंदर ली गई हवा पूरी तरह से ड्राई, ठंडी और छनी हुई नहीं होती है। इससे अस्थमा के उभरने का खतरा रहता है क्योंकि अस्थमा के ज्यादातर मरीज वातावारण, सूखी हवा, एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों और प्रदूषण के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं।
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ऐसे में फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ अवी कुमार आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं जिसकी मदद से आप एक्सरसाइज से उभरने वाले अस्थमा को न सिर्फ बेहतर तरीके से हैंडल कर पाएंगे बल्कि पूरी सावधानी और बिना किसी डर के एक्सरसाइज भी कर पाएंगे:
1. अपने डॉक्टर से संपर्क करें
अपना एक्सरसाइज रूटीन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें। वे आपके अस्थमा की गंभीरता को देखते हुए आपको सही दिशा-निर्देश और टिप्स बता सकते हैं। साथ ही वे आपको कुछ दवाइयां भी दे सकते हैं जिसका सेवन आप एक्सरसाइज शुरू करने से पहले कर सकते हैं। साथ ही डॉक्टर आपको उन गतिविधियों के बारे में भी बता सकते हैं जो आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित हों।
2. अपने लक्षणों पर हमेशा नजर रखें
अगर आपकी स्किन उत्तेजित हो जाए, स्किन लाल हो जाए, पसीना निकलने लगे और सांस सामान्य से बहुत ज्यादा तेज चलने लगे तो ये सब दौड़ने के बाद शरीर में दिखने वाले सामान्य संकेत हैं लेकिन खांसी आना, सांस लेते वक्त घरघराहट की आवाज आना, सीने में जकड़न महसूस होना और सांस फूलना- ये सारी चीजें अस्थमा अटैक का संकेत हो सकती हैं।
3. एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप
सीधे एक्सरसाइज करना शुरू करने की बजाए हमेशा ही एक्सरसाइज से पहले वॉर्मअप जरूर करें। ऐसा करने से सीने में जकड़न (चेस्ट टाइटनिंग) की समस्या महसूस नहीं होती।
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4. वातावरण कैसा है इस पर भी नजर रखें
घर से बाहर मैदान में जाकर एक्सरसाइज करने से पहले यह जरूर देख लें कि बाहर का मौसम कैसा है। अगर मौसम बहुत ज्यादा ठंडा या गर्म हो तो एक्सरसाइज करने के लिए बाहर न निकलें क्योंकि इससे आपके अस्थमा के लक्षण सक्रिय हो सकते हैं। स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण का लेवल और पॉलेन काउंट यानी पराग-कण का लेवल कितना है ये भी जान लें उसके बाद ही बाहर निकलें। अगर प्रदूषण और बाकी चीजों का लेवल बहुत अधिक हो तो बाहर निकलने की बजाए घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें।
5. सुबह के समय एक्सरसाइज करें
सुबह के समय मौसम सौम्य रहता है और प्रदूषण का लेवल भी बेहद कम होता है। लिहाजा यह समय सभी लोगों के लिए खासकर अस्थमा से पीड़ित मरीजों के लिए एक्सरसाइज करने के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता है।
6. इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखें
किसी भी परिस्थिति में अपना इन्हेलर साथ रखना न भूलें। आप चाहें तो इसके लिए अपने दरवाजे में या फिर अपने मोबाइल फोन में रिमाइंडर अलार्म भी लगा सकते हैं या फिर अपने बैग में इन्हेलर को हमेशा रखें ताकि आप उसे अपने साथ बाहर ले जाना न भूलें।
7. ऐसी एक्सरसाइज करें जो अस्थमा-फ्रेंडली हो
आपको वैसी ही एक्सरसाइज करनी चाहिए जो दमा के मरीजों के लिए सही हो। आप चाहें तो फुटबॉल, बेसबॉल, जिम्नास्टिक्स, वॉकिंग, हाइकिंग, बाइकिंग और स्विमिंग जैसी गतिविधियों में से किसी को भी चुन सकते हैं। घर के अंदर इंडोर पूल में स्विमिंग करना भी पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है क्योंकि गर्म वातावरण में यह एक अच्छा ऐरोबिक एक्सरसाइज हो सकता है।
8. मास्क या स्कार्फ लगाकर सांस लें
अगर आप एक्सरसाइज कर रहे हैं तो इस दौरान मुंह पर मास्क या स्कार्फ लगाकर रखें और उसके अंदर से ही सांस लें। ऐसा करने से सांस के लिए ली जाने वाली हवा के माध्यम से प्रदूषित हवा और पराग-कण के शरीर के अंदर जाने का खतरा कम हो जाएगा। साथ ही मास्क या स्कार्फ की मदद से शरीर के अंदर जाने वाली हवा पहले से थोड़ी-गर्म हो जाती है और इससे अस्थमा अटैक का खतरा भी कम हो जाता है।
खुद को ऐक्टिव रखना, एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है लेकिन कई बार अस्थमा के मरीजों के लिए एक्सरसाइज करना ही भारी पड़ जाता है और उन्हें अटैक आ सकता है। लिहाजा इससे बचने के लिए ऊपर बताए गए साधारण नियमों का पालन करना आवश्यक है।