अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने डायबिटीज रोगियों के लिए तीन अलग-अलग प्रकार के व्यायामों का सुझाव दिया है :
- एरोबिक : यह "माइटोकॉन्ड्रियल घनत्व" को बढ़ाता है। माइटोकॉन्ड्रिया का उच्च घनत्व ग्लूकोज का उपयोग करने की क्षमता को बढ़ाता है और इसलिए ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने नहीं पाता है। नियमित कार्डियो व्यायाम जैसे कि दौड़ना, साइकिल चलाना और तैरना भी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने, वजन घटाने और फेफड़ों की कार्यक्षमता और प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करता है।
- प्रतिरोधक अभ्यास : यह ताकत और मांसपेशियों को बेहतर बनाता है। इसके अलावा चयापचय के कार्य को बढ़ावा देने, वजन कम करने और शरीर को स्वस्थ रखने में सहयक होता है।
- लचीलापन और संतुलन अभ्यास : जो व्यायाम शरीर में लचीलापन और सुतंलन को बनाए रखने में मदद करते हैं डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को ऐसे व्यायाम करने से फायदा पहुंचता है। यह गिरने के जोखिम को काफी कम करता है, न्यूरोपैथी के लक्षणों से राहत देता है और मूड में सुधार करता है।
निम्नलिखित विभिन्न प्रकार के व्यायाम हैं जो डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों को कुशलता से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
- चलना
- साइकिलिंग
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
- तैराकी
- टीम स्पोर्ट्स
- योग
- डांस
- सीढ़ी चढ़ना
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चलना
दिन में कम से कम 30 मिनट तेज गति से चलना स्वास्थ्य को बेहतर रखता है व तनाव के स्तर को भी नियंत्रण रखने का एक शानदार तरीका है। कई बार हम एक ही स्थान पर कई घंटे तक लगातार बैठकर काम करते हैं, ऐसे में यदि समय निकालकर चलने की आदत डाली जाए तो यह रीढ़ की हड्डी से जुड़े कई प्रकार के जोखिमों से बचा सकता है। इसके अलावा स्थिर गति से चलने से दिल को शरीर के सभी हिस्सों में रक्त पंप करने में मदद मिलती है।
दक्षिण भारत में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि छह महीने तक एक हफ्ते में कुल 2.5 घंटे चलने से उपवास और खाने के बाद ब्लड शुगर का स्तर काफी कम हो गया। हालांकि, इससे वजन घटाने पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में ज्यादातर 40-60 आयु वर्ग की महिलाएं थीं।
साइकिलिंग
घर के अंदर या बाहर, लंबे समय तक मध्यम गति से साइकिल चलाना डायबिटीज के खिलाफ एक प्रभावी एरोबिक गतिविधि है। हालांकि, इसे एक कम प्रभाव वाला व्यायाम भी माना जाता है, लेकिन डायबिटीज की वजह से उत्पन्न जोड़ों में दर्द से भी यह राहत दिलाता है और यह दौड़ने की तुलना में अधिक आसान भी है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक प्रभावी तरीका है। यह मांसपेशियों का विकास करता है और शरीर के वजन को विनियमित या कम करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शरीर में संक्रमण व बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। यह हड्डियों के घनत्व में सुधार करने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
तैराकी
हृदय और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में तैराकी महत्वपूर्ण होती है। यह जोड़ों की तकलीफ से निजात दिलाने के लिए कारगर है। इसके अलावा यह अधिक उम्र या मोटे लोगों के लिए भी सुविधाजनक होता है। 2017 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि तैराकी से ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। यह उतना ही फायदेमंद है, जितना कि टाइप 2 डायबिटीज वाले वयस्कों में एरोबिक एक्सरसाइज होता है।
टीम स्पोर्ट्स
ऐसे खेल जिन्हें टीम में रहकर खेला जाता है जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, अल्टिमेट फ्रिसबी, बास्केटबॉल, टेनिस और बैडमिंटन शरीर के लिए एक व्यायाम की तरह होता है जो स्वास्थ्य को बनाए रखने और टाइप 2 डायबिटीज के प्रभाव को कम करने का एक शानदार तरीका है। इसके अलावा किसी खेल में सक्रिय रहने से इंसान मानसिक तौर पर खुश रहता है। यह व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है और दूसरों के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करता है।
योग
नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से डायबिटीज के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह तनाव और ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रण करने, फेफड़ों के कार्य में सुधार, बेहतर नींद और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
डांस
2015 में अमेरिकन जर्नल ऑफ हेल्थ बिहेवियर द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि टाइप 2 डायबिटीज या अधिक वजन या मोटापे से पीड़ित जिन महिलाओं ने 16 सप्ताह तक ज़ुम्बा का अभ्यास किया, ऐसे लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया।
सीढ़ी चढ़ना
लिफ्ट की जगह सीढ़ियां चढ़ना बहुत ही लाभदायक हो सकता है। घर पर या ऑफिस या शॉपिंग सेंटर पर सीढ़ियों का प्रयोग करने से हृदय और फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।