जैसे-जैसे मानसून नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे डेंगू का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले छह माह में पुणे में अब तक 57 लोग डेंगू से प्रभावित हो चुके हैं। सिविल अधिकारियों का कहना है कि 57 मामलों में से 17 मामले सिर्फ मई और जून के माह में ही सामने आए हैं।

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कहां-कहां पैर पसार रहा है डेंगू

माना जाता है कि मानसून और सर्दियों के मौसम में डेंगू के मामले सबसे ज्यादा नज़र आते हैं। हालांकि, इस साल डेंगू के मरीजों की संख्या को कम करने के लिए पुणे नगर निगम (पीएमसी) के स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को फैलने से रोकने के कुछ उपाय किए हैं।

इसी प्रक्रिया के तहत अब तक इस विभाग ने उन लोगों को 200 से ज्यादा नोटिस जारी किए हैं, जिनकी प्राॅपर्टी के सामने पानी ठहरा या जमा हुआ है। ध्यान दें कि लंबे समय तक पानी जमा रहने की वजह से डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं।

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अकेला पुणे ही ऐसा शहर नहीं है जहां डेंगू का प्रकोप फैलता जा रहा है बल्कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। अमूमन जुलाई और नवंबर के माह में डेंगू के मामले सामने आते हैं, लेकिन कई बार डेंगू इससे ज्यादा समय तक भी रहता है।

नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार इस साल दिल्ली में अब तक डेंगू के 13 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो मामले जून में, तीन मई में, दो अप्रैल में, चार मार्च में और एक-एक फरवरी तथा जनवरी में दर्ज हुए थे।

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दक्षिण दिल्ली नगर निगम के अनुसार पिछले साल डेंगू के 2,798 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें से 4 लोगों की मृत्यु हो गई थी। डेंगू के अलावा इसी साल 8 जून तक मलेरिया के 13 मामले सामने आ चुके। इसी तरह अब तक चिकनगुनिया के 5 मामले भी दर्ज हो चुके हैं।

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क्यों बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले

सवाल ये उठता है कि हर साल डेंगू के इतने मामले क्यों बढ़ रहे हैं? जबकि इसके प्रति तमाम एहतियात बरती जाती हैं। पुणे में डेंगू के मामलों पर गंभीरता से जांच की गई तो पता चला कि जिन जगहों पर लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं, वहां निजी प्राॅपर्टी निर्माणाधीन हैं।

पुणे के पीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि "हमने निर्माणाधीन क्षेत्रों के सामने से जमे पानी को हटाने का लक्ष्य रखा है।" हालांकि, पुणे में 256 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें से 57 मामलों में ही डेंगू वायरस पाया गया था। पुणे में डेंगू के मरीजों को पुणे रेलवे स्टेशन के पास नायडू अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है।

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कैसे करें बचाव

डाॅक्टर इस संबंध में बार-बार यह सलाह देते हैं कि सबको सावधानी बरतनी चाहिए और डेंगू से बचे रहने के सभी जरूरी उपाय करने चाहिए। आइए जानते हैं डेंगू से बचने के उपायों के बारे में:

  • ध्यान दें कि आपके आसपास मच्छर पैदा न हों और इस मौसम में पूरी बाजू के कपड़े पहनें। संभव हो तो रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। (और पढ़ें - मच्छर भगाने के घरेलू उपाय)
  • अगर कूलर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो उसे सूखा रखें ताकि मच्छर आपके कूलर को अपना घर न बना सकें। इस बात को गहराई से समझें कि डेंगू के मच्छर जमे पानी में उत्पन्न होते हैं।
  • कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहें।
  • कुछ सरकारी संस्थानों ने डेंगू जैसी घातक बीमारियों से बचने के लिए कुछ वर्कशाॅप भी शुरू किए हैं। (और पढ़ें - बच्चों में डेंगू के लक्षण, कारण, इलाज)
  • विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि छत पर रखे पानी के टैंक की भी निरंतर सफाई करते रहें। (और पढ़ें - डेंगू बुखार का आयुर्वेदिक इलाज)
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