जी हां, डेंगू का बुखार मच्छर के काटने से ही होता है।
जी हां, डेंगू का मच्छर दिन में, सूर्यास्त और सूर्योदय के समय काटता है।
डेंगू का मच्छर काले रंग का होता है। यह मच्छर 4 से 7 मि.मी लंबा होता है। इसके पैरो पर सफेद रंग के धब्बे होते है। मादा मच्छर, नर डेंगू मच्छर से बड़ी होती है।
डेंगू फीवर 7 से 10 दिन में खुद ठीक हो जाता है लेकिन अगर मच्छर के काटने के बाद आपको सिर दर्द, उल्टी, शरीर पर लाल चकत्ते, फीवर, आंखों में दर्द, शरीर टूटने जैसी समस्या होने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
जी हां, डेंगू से संक्रमित मच्छर के काटने पर आपको डेंगू का संक्रमण हो सकता है।
डेंगू का पता सिर्फ उसके लक्षणों से लगाया जा सकता है। डेंगू फीवर के लक्षणों में सिर चकराना, शरीर पर लाल चकत्ते, उल्टी, आंखो के पीछे दर्द होना और शरीर में अकड़न रहना शामिल है।
डेंगू मच्छर के काटने से शरीर पर किसी तरह का निशान नहीं होता है। आमतौर पर, मच्छर के काटने का पता भी हमे नहीं लग पाता है।
जी नहीं, डेंगू का संक्रमण बुखार के साथ ही होता है। बुखार होना डेंगू का पहला लक्षण है।
जी हां, यह संभव है। एक ही व्यक्ति को एक से अधिक बार डेंगू हो सकता है। डेंगू वायरस से 4 तरह के संक्रामक रोग फैलते हैं जिसमें से एक डेंगू है। अगर आपको एक डेंगू मच्छर ने काटा है तो अगली बार डेंगू मच्छर के काटने पर आपको डेंगू नहीं होगा लेकिन अगर किसी दूसरे संक्रमण वाले मच्छर ने काटा है तो आपको दोबारा डेंगू हो सकता है।
डेंगू की ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट 4 दिन में मिल जाती है।
किसी भी बीमारी के बाद रिकवर करने में थोड़ा समय लगता है। आपको कमजोरी ज्यादा है तो डॉक्टर को दिखाएं और साथ ही अच्छी डाइट लें, पानी ज्यादा पिएं।
आप डॉक्टर से मिलें, डॉक्टर बुखार के लिए दवा देंगे और और प्लेटलेट बढ़ाने के लिए ग्लूकोज चढ़ाएंगे। डॉक्टर एक दिन के गैप के बाद आपका प्लेटलेट भी चेक करेंगे।
आप उन्हें ज्यादा मात्रा में पानी पिलाएं। डायरिया को रोकने के लिए डॉक्टर इंट्रावेनस फ्लूइड (शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए) देते हैं।