विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों में सामने आया है कि विश्व में लगभग 5 करोड़ लोग किसी न किसी तरह के डिजेनरेटिव मानसिक समस्या से ग्रस्त हैं जिसमें डिमेंशिया प्रमुख है। साल 2015 में अल्जाइमर डिजीज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक लगभग 13 करोड़ 5 लाख लोग इस बीमारी की चपेट में होंगे।
डिमेंशिया का संबंध कई ऐसी स्थितियों से है जो मस्तिष्क के कार्य या बौद्धिक कार्य की क्षमता को कम करती है। यह सिर्फ बढ़ती उम्र में नहीं होता है।
अलग शब्दों में कहें तो डिमेंशिया कई लक्षणों का एक समूह है जो याद्दाश्त, व्यवहार को प्रभावित करते हैं और मस्तिष्क के बौद्धिक कार्यों में असमंजसता पैदा करने वाली कई डिजेनरेटिव बीमारियों और स्थितियों में दिखते हैं।
डिमेंशिया करने वाली कुछ आम बीमारियों में अल्जाइमर रोग, पार्किंसन रोग, हंटिंग्टन रोग या अचानक से स्ट्रोक, दिमाग को सीधा चोट लगने, ब्रेन ट्यूमर और शरीर के अन्य विकार शामिल हैं।
इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए क्या उपाय काम आ सकते हैं, अभी इस मामले में और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।