डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज को कोविड-19 के इलाज के तौर पर संभावित कैंसर की दवा के ट्रायल-3 को मंजूरी मिल गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक एक्सपर्ट कमेटी ने रेड्डी लेबोरेटरीज की सिफारिशों को अनुमति दी है। दरअसल ट्रायल-2 में दवा को लेकर कोविड-19 के मरीजों में कुछ प्रभावशाली प्रमाण मिले हैं। इसके बाद ही ट्रायल-3 को अप्रुव किया गया है। विषय विशेषज्ञ समिति, जो नई दवाओं, क्लीनिकल ट्रायल और वैक्सीन के अप्रुवल से जुड़ी मांग को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सलाह देती है। इस समिति ने कुछ शर्तों के तहत यह मंजूरी दी है। 

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क्या है इस दवा का नाम?
कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली इस दवा का नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज ऑरल पाउडर है जिसे 2-डीजी भी कहा जाता है। दरअसल कैंसर, कोशिकाओं में ग्लूकोज मॉलिक्यूल (अणु) की सप्लाई को रोकने या अवरुद्ध करने का काम करता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बिना ग्लूकोज के ये कोशिकाएं मर जाती हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ही उपरोक्त दवा का इस्तेमाल किया जाता है। 

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दवा के ट्रायल के लिए मेडिकल मॉनिटर हो नियुक्त - एक्सपर्ट
एक्सपर्ट कमेटी ने डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज से ट्रायल से जुड़े सभी जगहों पर परीक्षण के कॉर्डिनेशन (समन्वय) और निगरानी के लिए एक मेडिकल मॉनिटर नियुक्त करने के लिए कहा। साथ ही कहा है कि 28 दिन की मृत्यु दर को प्रभावकारिता के अंतिम बिंदुओं में से एक के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि बीते 29 अक्टूबर को एक्सपर्ट कमेटी की यह बैठक हुई थी। इस बैठक के कुछ अहम बिंदु में कहा गया है "अगर डॉ. रेड्डी कंपनी अंतरिम विश्लेषण करने का इरादा रखती है, तो एक विस्तृत सांख्यिकीय योजना के साथ सभी कारणों को आगे की समीक्षा के लिए समिति को पेश करना होगा।"

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एक्सपर्ट कमेटी ने एक मांग को किया खारिज
रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट कमेटी ने डॉ. रेड्डी के एक अन्य प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इसमें आवेदन के जरिए कोविड-19 के रोगियों के लिए 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज ओरल पाउडर के आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मांगी गई थी। इस दवा को कैंसर के इलाज के लिए भी मंजूरी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एक विभाग, परमाणु चिकित्सा संस्थान और संबद्ध विज्ञान संस्थान के साथ कैंसर की दवा (2-डीजी) के चरण-2 ट्रायल को पूरा किया था।

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