इसके अलावा यदि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति कोई दीर्घकालिक या अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त हैं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोरोनरी धमनी रोग, डिस्लिपिडेमिया, अस्थमा, सीओपीडी व अन्य रोग आदि, तो कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं। कुछ मामलों में इन टेस्टों का कोविड 19 संक्रमण से कोई संबंध नहीं होता है, लेकिन यह मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति का अंदाजा लगाने में मदद करते हैं। इन टेस्टों में निम्न शामिल हैं -
1. सीरम ट्रोपोनिन - आई लेवल
ट्रोपोनिन टेस्ट की मदद से रक्त में ट्रोपोनिन नामक प्रोटीन के स्तर की जांच की जाती है। ट्रोपोनिन हृदय की मांसपेशियों में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। यह आमतौर पर रक्त में नहीं होता है, लेकिन जब हृदय की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होती हैं, तो ट्रोपोनिन रक्त से मिल जाता है। इस टेस्ट की मदद से हृदय की मांसपेशियों में क्षति व अन्य समस्याओं का पता लगाया जाता है।
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2. सीरम एनटी प्रो बीएनपी
यदि आपका एनटी प्रो बीएनपी का स्तर सामान्य से अधिक है, तो यह हार्ट फेलियर की तरफ संकेत करता है। एनटी प्रो बीएनपी टेस्ट का स्तर जितना अधिक होगा स्थिति उतनी ही गंभीर होती है। यदि बीएनपी या एनटी-प्रो बीएनपी का स्तर सामान्य है, तो आपको हो रहे लक्षण हार्ट फेलियर से संबंधित नहीं है।
3. एचबीएन1सी टेस्ट
इसे हीमोग्लोबिन ए1सी टेस्ट की मदद पिछले 2 से 3 महीनों में आपके ब्लड शुगर के स्तर का औसत पता चल जाता है। इस टेस्ट को ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट और ग्लाइकोहीमोग्लोबिन टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। एचबीए1सी टेस्ट को डायबिटीज रोग का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है।
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4. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जिसकी मदद से रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड नामक वसा के स्तर को मापा जाता है। इस टेस्ट की मदद डॉक्टर आपको रक्त में होने वाली समस्याओं की एक त्वरित जानकारी मिल जाती है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड धमनियों में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
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5. सीरम प्रोलैक्टिनोनिन
सेप्सिस या सिस्टेमिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने पर रक्त में प्रोलैक्टिनोनिन का स्तर बढ़ जाता है। सीरम प्रोलैक्टिनोनिन की मदद से रक्त में इसके स्तर की जांच की जा सकती है।
प्रोलैक्टिनोनिन एक विशेष पदार्थ है जिसे शरीर में कई अलग-अलग कोशिकाओं के द्वारा बनाया जाता है। ये कोशिकाएं आमतौर पर संक्रमण या ऊतकों में चोट लगने पर उसकी प्रतिक्रिया के रूप में प्रोलेक्टिनोनिन को बनाती हैं और सीरम प्रोलैक्टिनोनिन टेस्ट की मदद से स्थिति का पता लग जाता है।