नए कोरोना वायरस से फैले संकट के बीच राहतभरी खबरों का आना भी जारी है। इसी हफ्ते न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा ऑर्डर्न ने घोषणा करते हुए कोरोना वायरस से 'जंग जीतने' की बात कही थी। अब दक्षिण कोरिया में भी स्थानीय स्तर पर कोविड-19 बीमारी का एक भी नया मामला सामने नहीं आने की जानकारी मिली है।

बीते कई दिनों से दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के मरीजों का प्रतिदिन का आंकड़ा दस के आसपास रहा है। लेकिन 29 फरवरी के बाद गुरुवार को पहला मौका आया, जब दक्षिण कोरिया में स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस का कोई नया घरेलू केस दर्ज नहीं किया गया। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दक्षिण कोरिया की सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी 'कोरिया सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन' (केसीडीसी) के हवाले से यह जानकारी दी है। हालांकि कोरोना संक्रमण से जुड़े चार नए मामले सामने जरूर आए हैं, लेकिन ये सभी विदेशों से आए व्यक्तियों से जुड़े हैं।

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दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के कुल 10,765 मामले हैं। इनमें से 1,065 मामले बाहर से आए थे। बाकी के घरेलू हैं। इन सभी मरीजों में से अब तक 247 की मौत हुई है। वहीं, जिन्हें बचा लिया गया है, उनकी संख्या 9,000 से ज्यादा है। ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि बीती 15 अप्रैल को कोरिया में संसदीय चुनाव के तहत करीब तीन करोड़ लोगों ने वोट दिया था, जिनमें से एक के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट नहीं मिली है। अखबार ने दक्षिण कोरिया की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति के महानिदेशक यून-ताएहो के हवाले से यह जानकारी दी है।

ताइवान एक बड़ा उदाहरण
न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के अलावा ताइवान भी कोविड-19 महामारी को रोकने में काफी हद तक सफल हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्तर की मदद के बिना और चीन द्वारा कई समस्याएं खड़ी करने के बावजूद कोरोना संक्रमण के असर को कम किया गया है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें बताती हैं कि सवा दो करोड़ की आबादी वाले ताइवान को चीन ने कई तरह से परेशान किया, लेकिन तमाम बाधाओं को तोड़कर उसने संक्रमण पर नियंत्रण पाया। बता दें कि ताइवान में कोरोना वायरस के अब तक 400 से कुछ ज्यादा मामलों की पुष्टि की गई है, जिनमें से छह लोगों की मौत हुई। चीन के विपरीत कोविड-19 के खिलाफ ताइवान की सकारात्मक सोच और सफलता ने दिखाया है कि लोकतंत्र विरोधी उपायों के बिना भी इस संकट का मुकाबला किया जा सकता है।

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ताइवान ने इस संकटकाल के दौरान भी मानवता का उदाहरण भी पेश किया है। एक तरफ उसने कोरोना संकट के समय अपने देश के लोगों का ख्याल रखा, तो दूसरी तरफ महामारी से ग्रसित अमेरिका और यूरोपीय देशों को लाखों सर्जिकल मास्क दान किए। ताइवान के विदेश मामलों और राष्ट्रीय रक्षा समिति के सदस्य वांग टिंग-यू के अनुसार, ‘इस साल ताइवान के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भाग लेने के लिए अच्छा मौका होगा, क्योंकि हमनें न केवल वायरस को फैलने से रोकने की अपनी क्षमता दिखाई, बल्कि ऐसा हमने लोकतंत्र का सही इस्तेमाल करते हुए किया है।’

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