हाल के कुछ सालों में बड़ी संख्या में लोगों को नींद की कमी, सही से नींद न आना और नींद से जुड़ी कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और नींद, दुनियाभर में चिंता का विषय बनती जा रही है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों के पास इस बात के भी पुख्ता सबूत हैं कि अपर्याप्त नींद की वजह से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं जिसमें हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दुर्घटनाएं और व्यावसायिक क्षेत्र में प्रतिकूल प्रदर्शन शामिल है।

डायबिटीज से बचने के लिए myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे।और अपने जीवन को स्वस्थ बनाये।

मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी ने नींद की कमी और नींद से जुड़ी बीमारियों जैसे- अनिद्रा, हाइपरसोम्निया, पारासोम्निया और शरीर की आंतरिक घड़ी (सर्काडियन रिदम) से जुड़ी बीमारियों की चिंता को बढ़ाने का काम किया है। इसकी मुख्य वजह ये है कि कोविड-19 महामारी अप्रत्याशित वैश्विक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है जिसकी वजह से दुनियाभर के लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं, हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और लॉकडाउन की वजह से करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है।

(और पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल आइसोलेशन और वर्क फ्रॉम होम का बुरा असर)

इतने बड़े पैमाने पर उत्पन्न हुए इस संकट की वजह से अलग-अलग तरह के स्ट्रेस, चिंता, परेशानियां और डर का माहौल बना हुआ है जिसकी वजह से नींद से जुड़ी कई समस्याएं हो रही हैं जैसे- नींद में बाधा आना, नींद न आना आदि। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए हुए लॉकडाउन के कारण लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं, आइसोलेशन में हैं, घर के अंदर सूरज की रोशनी नहीं पहुंच रही, बाहर निकल कर एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे, घर से काम करने की वजह से काम और नींद का पैटर्न बदल गया है और इन सबकी वजह से नींद से जुड़ी समस्याएं और भी गंभीर होती जा रही हैं।

(और पढ़ें: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कुशलता के साथ घर से काम करने के टिप्स)

यही वजह है कि महामारी के इस समय अच्छी नींद लेने पर फोकस करना बेहद जरूरी है। चूंकि अब तक कोविड-19 का कोई इलाज या टीका खोजा नहीं जा सका है, ऐसे में यह बीमारी दुनियाभर में लोगों को लगातार प्रभावित कर रही है- भले ही सीधे संक्रमण के जरिए ना सही लेकिन नींद से जुड़ी बीमारियों और दूसरे मानसिक और शारीरिक बीमारियों के जरिए ही सही। लिहाजा बेहद जरूरी है कि इस समय आप पर्याप्त नींद लें, आराम करें ताकि महामारी के दौरान और उसके बाद भी आपकी सेहत बनी रहे।

  1. आखिर क्यों कोविड-19 महामारी का शिकार है नींद?
  2. तनाव और बेचैनी
  3. डेली रूटीन में आया भटकाव
  4. परिवार और काम से जुड़े तनाव में बढ़ोतरी
  5. आइसोलेशन और डिप्रेशन
  6. थकान
  7. स्क्रीन टाइम का बढ़ना
  8. कोविड-19 महामारी के दौरान नींद जरूरी क्यों है?
  9. कोविड-19 महामारी के दौरान अच्छी नींद पाने के टिप्स
  10. कोविड-19 महामारी के दौरान नींद पर भी फोकस करना है जरूरी, जानें आखिर क्यों? के डॉक्टर

इस बात में कोई शक नहीं कि कोविड-19 महामारी उन लोगों को प्रभावित करती है जो इस बीमारी से संक्रमित हैं या फिर जिन्हें संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है जिसमें मरीजों के अलावा स्वास्थ्यसेवा से जुड़े कर्मचारी, जरूरी सेवाएं प्रदान करने वाले लोग आदि शामिल हैं। लेकिन यह बात भी सच है कि इस वक्त हर एक इंसान इस बीमारी से प्रभावित हो रहा है- फिर चाहे वह प्रत्यक्ष तौर पर हो या अप्रत्यक्ष तौर पर।

बीमारी को लेकर सभी लोगों के मन में डर और बेचैनी है और महामारी से जुड़ा तनाव सभी उम्र, जाति और प्रफेशन के लोगों के बीच देखने को मिल रहा है। यही मुख्य वजह है जिस कारण दुनियाभर में नींद, कोविड-19 महामारी का शिकार बन रही है। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ मुख्य कारणों के बारे में बता रहे हैं जिस वजह से आप या आपके आसपास मौजूद लोग सही ढंग से सो नहीं पा रहे हैं।

आपको या आपके किसी अपने को फिर चाहे वह आपके परिवार का सदस्य हो या दोस्त उन्हें कोविड-19 संक्रमण न हो जाए इस बात का डर लगातर आपके मन में बना रहता है। साथ ही महामारी के दौरान कोई और बीमारी न हो जाए इसकी भी चिंता रहती है। मौजूदा समय में इस तरह की बहुत सारी चीजें हैं जो आपकी चिंता को बढ़ाने का काम कर रही हैं। ऊपर से नौकरी जाने और आर्थिक चिंता अलग से। महामारी के समय बहुत से लोग अपने परिवारवालों से दूर हैं, कहीं फंसे हुए हैं और ये परिस्थितियां भी चीजों को और खराब करने का काम कर रही है।

(और पढ़ें: कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान परिवार से दूर हैं, मानसिक सेहत बनाए रखने के लिए ये टिप्स अपनाएं)

आइसोलेशन और सोशल डिस्टेंसिंग, बेचैनी और चिंता के इस भार को और बढ़ाने का काम कर रहे हैं। कोविड-19 बीमारी से जुड़े तनाव और बेचैनी के अलावा इसके शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक और निजी असर भी इतने ज्यादा हैं कि इसकी वजह से दुनियाभर में लोगों को सही ढंग से नींद नहीं आ रही है। इस बीमारी की वजह से हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव आए हैं और वैश्विक स्तर पर बीमारी के फैलने की दर कम होने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में संकट की यह स्थिति हाल फिलहाल में तो खत्म होती नहीं लगती। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगा पाना नामुमकिन सा लग रहा है कि आखिर कब हम राहत की सांस ले पाएंगे और कब चैन की नींद।

इस वक्त जब ऑफिस बंद है तो ज्यादतर वयस्क और नौकरीपेशा लोग घर से ही काम कर रहे हैं। स्कूल बंद हैं जिस कारण बच्चों की लाइफ भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि हम में ज्यादातर लोगों को सालों से जिस तरह की लाइफ जीने की आदत थी उसमें अचानक से बहुत बदलाव आ गया है और सभी चीजें अस्त व्यस्त सी लग रही हैं। इस वजह से हो सकता है कि आपकी डेली रूटीन पूरी तरह से खत्म हो गई हो या फिर एक ऐसी नई रूटीन बन गई हो जो महामारी के दौरान आपके बॉडी क्लॉक को गड़बड़ कर रही हो।

इतना ही नहीं, ऑफिस और स्कूल जाने और आने के दौरान की गई यात्रा, मार्केट, मूवी हॉल या इस तरह के आराम और इत्मिनान वाली जगहों पर जाना भी पूरी तरह से बंद हो गया है। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामानों की खरीददारी के लिए घर से बाहर निकलना भी बेहद तनावपूर्ण हो गया है और उसमें भी आपको रोजाना बाहर नहीं निकलना है। ऐसे में इस नई तरह की लाइफ को समझने में आपके शरीर और दिमाग के बीच कुश्ती चल रही है और इस कारण भी बहुत से लोगों को अच्छी और चैन की नींद नहीं मिल पा रही है।

वैसे सभी वयस्क जो घर से काम भी कर रहे हैं और घर पर अपने परिवार का भी ध्यान रख रहे हैं और उनकी जिम्मेदारियां उठा रहे हैं उनके लिए काम और जीवन के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है। वास्तव में चूंकि ये दोनों चीजें एक दूसरे में मिक्स हो चुकी हैं इसलिए दोनों ही जगहों पर बेहतर प्रदर्शन करने का प्रेशर काफी बढ़ गया है- खासकर उन लोगों के लिए जिनके घर में 10-12 साल के बच्चे हैं।

(और पढ़ें: कोविड-19 महामारी के दौरान खुद को स्थिति के अनुसार कैसे ढालें, जानें)

मौजूदा समय में वकेशन, हॉलिडे, परिवार संग यात्रा करना- इस तरह की सभी चीजों की अवधारणा खत्म हो गई है और इस कारण भी परिवार के सदस्यों के लिए रोजाना की नीरस रूटीन को तोड़ना भी मुश्किल हो रहा है। काम के क्षेत्र की बात करें तो निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्र के नियोजक इस वक्त अनिश्चित हैं कि वे कब अपना काम पूरी तरह से शुरू कर पाएंगे और क्या वे अपने सभी कर्मचारियों के साथ काम करना जारी रख पाएंगे। इस वजह से भी परिवार के कमाऊ सदस्य की नींद बाधित हो रही है।

सभी लोग इतने लकी नहीं हैं कि वे इस महामारी के समय अपने परिवारवालों के साथ रह पाएं और ना ही उनके पास इतनी सुविधाएं हैं कि वे लगातार परिवारवाले या दोस्तों के साथ संपर्क बनाए रखें। ऐसे में लोगों के मन में अकेलापन आ सकता है और इस कारण डिप्रेशन भी बढ़ रहा है। डिप्रेशन और नींद की कमी इन दोनों के बीच गहरा लिंक है। डिप्रेसिव मूड डिसऑर्डर की वजह से किसी व्यक्ति का दिमाग किस तरह से काम करता है इस पर निर्भर करता है कि किसी को इन्सॉमनिया होगा, हाइपरसॉम्निया या पारासॉम्निया।

(और पढ़ें: कोविड-19 महामारी के बीच इन बीमारियों को न भूलें, इनसे भी बचना है जरूरी)

महामारी में रहने के दौरान आपको कई बातों की चिंता होती है जिस कारण लंबे समय तक स्ट्रेस बना रहता है। क्रोनिक स्ट्रेस की वजह से शरीर में कई तरह के लक्षण जैसे- सिरदर्द, बदहजमी, सीने में जलन, कब्ज, डायरिया और थकान नजर आते हैं। अब थकान- खासकर मनोवैज्ञानिक कारणों से होने वाली थकान आपको आराम करने नहीं देती और रातभर सोने के बाद भी आप थका हुआ ही महसूस करते हैं। अगर थकान हद से ज्यादा हो जाए तो हाइपरसॉम्निया हो सकता है और कुछ मामलों में इन्सॉम्निया भी।

दुनियाभर के स्लीप एक्सपर्ट्स यही मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का स्क्रीन टाइम बढ़ जाए तो उसका उसकी नींद पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं आपको सोने से कम के कम 1 घंटा पहले टीवी, मोबाइल, लैपटॉप आदि की स्क्रीन देखना बंद कर देना चाहिए। लेकिन इस महामारी के दौरान न सिर्फ लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है बल्कि इंगेजमेंट का मुख्य जरिया भी बन गया है।

(और पढ़ें: महामारी ने घर में बंद किया, चिंता और तनाव को ऐसे दूर भगाएं)

घर से काम करने के दौरान स्क्रीन टाइम बढ़ गया है और रोजाना टेक्नोलॉजी और डिजिटल माध्यमों के जरिए दोस्तों और परिवारवालों से संपर्क में रहने के दौरान भी स्क्रीन का ही इस्तेमाल होता है। इसके अलावा अपनी नियमित हॉबी को चूंकि आप पूरा नहीं कर पा रहे हैं इस वजह से भी फिल्में देखना, टीवी सीरियल देखना और कार्टून देखना, पहले की तुलना में ज्यादा हो रहा है। कुल मिलाकर देखें तो स्क्रीन टाइम बढ़ने का असर आपकी नींद में बार-बार बाधा पड़ने के रूप में सामने आ रहा है।

हमारे शरीर की कार्यप्रणाली सही तरीके से काम करे और शरीर का इम्यून सिस्टम बना रहे इसके लिए बेहद जरूरी है आप अच्छी नींद लें। कोविड-19 महामारी के दौरान शरीर को आराम देना और पर्याप्त नींद लेना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि आपके शरीर को इस वक्त शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ रखना है ताकि आप इस स्थिति का डटकर सामना कर पाएं। इसके अलावा भी कई कारण है जिनकी वजह से महामारी के दौरान पर्याप्त नींद लेना जरूरी है:

  • गहरी और बिना बाधा वाली नींद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाती है वहीं, इसके विपरित नींद की कमी की वजह से इम्यूनिटी घट जाती है।
  • नींद, ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाती है और महामारी के समय आपके सामने जो भी परिस्थितियां आएं उससे निपटने के लिए आपके ब्रेन का सही तरीके से काम करना बेहद जरूरी है।
  • नींद की कमी की वजह से कई तरह की मानसिक समस्याएं हो सकती हैं जैसे- बेचैनी, बाइपोलर डिसऑर्डर (द्विध्रुवी विकार), डिप्रेशन आदि। ऐसे समय में अपनी मानसिक सेहत को बनाए रखना भी बेहद जरूरी है।

विश्व की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अच्छी नींद आना किसी चैलेंज से कम नहीं। तनाव, बेचैनी और लगातार मन में चिंता बनी रहने की वजह से अच्छी नींद आने में समस्या होती है। लेकिन बेहद जरूरी है कि आप अपनी सेहत बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लें और आराम करें। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनकी मदद से महामारी के समय भी आप अच्छी नींद ले पाएंगे:

  • नींद का शेड्यूल बनाएं- अगर आप अपने सोने और जगने का एक रूटीन बना लें तो आप असाधारण समय को भी साधारण बना सकते हैं। हर रात लगभग एक ही समय पर सोएं और बिस्तर पर जाने से कम से कम 1 घंटा पहले सोने की तैयारी शुरू कर दें। सोने के साथ-साथ उठने का समय भी फिक्स करें और अलार्म में स्नूज बटन को बिलकुल इस्तेमाल न करें।
  • एक्सरसाइज जरूर करें- दिन के समय एक्सरसाइज करें, भले ही लॉकडाउन की वजह से घर के अंदर एक्सरसाइज क्यों न करना पड़े। खुद को तनावमुक्त करने का यह एक अच्छा तरीका जिससे रोजाना आपको 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद मिल सकती है। नियमित रूप से की जाने वाली डेली ऐक्टिविटीज नींद को नियमित करने में मदद करती हैं।
  • बेडटाइम रूटीन बनाएं- सोने से कम से कम एक घंटे पहले सभी तरह से इलेक्ट्रॉनिक्स और ब्लू लाइट वाले उपकरणों को बंद कर दें। नींद लाने के लिए रिलैक्सेशन टेक्नीक अपनाएं जैसे- योग, स्ट्रेचिंग, मेडिटेशन, शांत म्यूजिक सुनना या फिर कोई किताब पढ़ना।
  • बिस्तर पर बैठकर काम न करें- अपने बिस्तर को सिर्फ सोने के लिए रखें और उस पर बैठकर काम न करें फिर चाहे काम ऑफिस का हो या कुछ और। इसका मतलब है कि आपको मूवी या सीरियल देखने के लिए भी लैपटॉप को बिस्तर पर नहीं लाना है। हर सुबह अपने बिस्तर को अच्छे से बनाएं और दिनभर उसका इस्तेमाल करने से बचें।
  • झपकी लेने को नियंत्रित करें- घर पर रहने और घर से काम करने के दौरान आप सोचते होंगे कि दिन के समय एक-दो बार झपकी लेना अच्छा हो सकता है लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। मुश्किल से 30 मिनट की पावरनैप बहुत है और असरदार भी। इससे ज्यादा दिन के समय न सोएं और दिन में 2 बजे के बाद तो बिलकुल नहीं।
  • रोशनी लेना जरूरी है- रोजाना 15 से 20 मिनट तक खिड़की के पास बैठें, बालकनी में जाएं या फिर बगीचे में जाकर वॉक करें। रोजाना कम से कम एक बार धूप की रोशनी में जाकर विटामिन डी भी जरूर लें। सूरज की रोशनी और विटामिन डी दोनों नींद को नियमित करने में मदद करती है।
  • अपनी डायट को कंट्रोल करें- अल्कोहल, कैफीन, तली-भुनी और मसालेदार चीजें डिनर में बिलकुल न खाएं। इन सबकी वजह से आपको ऐसिडिटी, बदहजमी जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं जिस कारण नींद बाधित होती है। महामारी के दौरान जहां तक संभव हो घर का बना ताजा और हेल्दी खाना ही खाएं।

(और पढ़ें: कोविड-19 के मरीजों ने बताया, कोरोना वायरस ने उनके शरीर के साथ क्या किया)

Dr Rahul Gam

संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta

संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar

संक्रामक रोग

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें