वास्तव में सेल्फ-केयर यानी खुद की देखभाल करने का मतलब होता है अपने अंदर की आवाज को सुनना और यह समझना कि आखिर आपके शरीर और दिमाग को क्या चाहिए, उनकी क्या जरूरते हैं और उसके हिसाब से मिले ईमानदार जवाब के अनुसार काम करना। अभी का समय अजीबोगरीब है, क्योंकि हम सब इस वक्त बेचैनी और तनाव से गुजर रहे हैं कि कहीं हम इस अनजान बीमारी कोविड-19 का शिकार न हो जाएं। ऐसे समय में अगर हम सब थोड़ा सा खुद का ध्यान रख लें, तो इस महामारी से बड़ी आसानी से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। लिहाजा बेहद जरूरी है कि हम खुद का ख्याल रखने की दिशा में जरूरी ऐहतियाती कदम उठाएं, क्योंकि यही हमारी सेहत और तंदरुस्ती को बनाए रखने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। ऐसे में हम आपको कुछ बेहद आसान टिप्स बता रहे हैं जिनके जरिए आप अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रख सकते हैं :
1. अपने आसपास के वातावरण को व्यवस्थित रखें
हमारी रोजाना की रूटीन लाइफ में लगातार इतनी सारी चिंताएं, परेशानी और तनाव होता है कि उसकी वजह से हमें हड़बड़ाहट, अव्यवस्था और उथल-पुथल महसूस होती रहती है। हमारा दिमाग कोई ईमेल इनबॉक्स तो है नहीं जहां आप सारी चीजों को छांटकर, रद्दी चीजों को अलग करके जरूरी चीजों को व्यवस्थित कर पाएं। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप ऐसी गतिविधियों में शामिल हों, जिसके जरिए आप अपने आसपास के वातावरण के साथ-साथ दिमाग की खाली जगह (हेडस्पेस) को भी व्यवस्थित कर पाएं। अपनी सेहत का ध्यान रखने की ओर पहला कदम यही है कि हम अपने आसपास के परिवेश को व्यवस्थित करें। ऐसा करने से हमें खाली जगह मिल पाती है और हम सोच पाते हैं कि आखिर हमें अपना ध्यान रखने के लिए किस चीज पर फोकस करने की जरूरत है। एक छोटा सा कदम जैसे- प्लैनर बनाना या कैलेंडर साथ रखना, जिसमें हम रोजाना के जो काम करने हैं उसके बारे में लिख सकते हैं। ऐसा करने से हमें सुनियोजित और व्यवस्थित महसूस होगा और दिन पर हमारा पूरा नियंत्रण भी रहेगा। (और पढ़ें - कोविड-19 महामारी ने घर में बंद कर दिया? चिंता और तनाव को ऐसे भगाएं दूर)
2. अपने किसी शौक (हॉबी) को फिर से मौका दें या कुछ नया सीखें
तनाव कम करने का एक बेहतरीन तरीका है अपनी किसी हॉबी में हिस्सा लेना। यह एक सकारात्मक और रचनात्मक तरीका है अपने काम या निजी समस्याओं से अपना ध्यान भंग करने का। किसी ऐसे काम को करना, जिसमें आपको खुशी मिलती है को करने से न सिर्फ आप अपने टैलेंट को खोज पाते हैं, बल्कि आपका नजरिया भी बदलने लगता है। साथ ही साथ आप खुद के लिए कुछ करने के बारे में भी सोचने लगते हैं। अपनी हॉबी को समय देने से आपको नई-नई चुनौतियों और अनुभवों का सामना करने का एक मौका मिलता है, जिससे आपको पूर्णता का भी अहसास होता है। इन सारी चीजों को करने के पीछे मकसद यही है कि आप कुछ नया सीखें, सीखने की इस प्रक्रिया को इंजॉय करें और इससे आपकी उपलब्धियों में भी बढ़ोतरी होती है। आप चाहें तो कोई किताब पढ़ सकते हैं, पेंटिंग में हाथ आजमा सकते हैं, नई-नई रेसिपी ट्राई कर सकते हैं और फिर संगीत में कुछ नया करने की कोशिश कर सकते हैं। (और पढ़ें - घर में रहकर शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी का भी खतरा, ऐसे रखें अपना ध्यान)
3. स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं
लॉकडाउन के इस समय ज्यादातर लोग अपनी जीवनशैली यानी लाइफस्टाइल को अहमियत देना बंद कर देते हैं या फिर घर के कामकाज करने के प्रेशर में आ जाते हैं। एक स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपने शरीर को आराम दें, अच्छी नींद लें और कुछ शारीरिक गतिविधि या एक्सरसाइज भी जरूर करें। वैसे लोग जो पूरा आराम करते हैं उनमें चिड़चिड़ापन नहीं होता और वे तनाव का बेहतर तरीके से सामना कर पाते हैं। साथ ही ऐसे लोगों का मूड भी अच्छा रहता है, जिससे उनकी मानसिक सेहत बनी रहती है।
4. दूर रहने वाले दोस्तों और रिश्तेदारों से फिर से जुड़ें
हमारे जीवन का सबसे मजबूत आधार हैं वे रिश्ते जिन्हें हम खुद बनाते हैं। सकारात्मक, मजबूत और स्वस्थ रिश्ते ही हमारे संतुलित जीवन का आधार होते हैं। अनिश्चितता और सोशल डिस्टेंसिंग के ऐसे समय में अपने प्रियजनों और दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ फिर से जुड़कर, उनसे बातकर आप अपना ख्याल बेहतर तरीके से रख पाएंगे। दिल से जुड़े इन लोगों से जब आप बात करेंगे, दोबारा कनेक्शन बनाएंगे तो आपको जरूरी इमोशनल सपोर्ट मिलेगा, जिससे आपकी मानसिक सेहत बेहतर होगी और आपको अच्छा महसूस होगा। (और पढ़ें - कोविड-19: सामाजिक दूरी कायम रखते हुए भी अपनों से जुड़े रहने के ये हैं 10 आसान टिप्स)
5. दूसरों का आभार व्यक्त करें
अपनी रोजाना की रूटीन लाइफ में आभार व्यक्त करना सीखें। इससे भी आपको खुद का ध्यान रखने में मदद मिलेगी। दरअसल, जो लोग नियमित रूप से समय निकालकर देखते हैं कि उन्हें किन चीजों या लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना, धन्यवाद कहना है, वे लोग आशावादी दृष्टिकोण का अनुभव करते हैं, उनकी भावनाएं सकारात्मक होती हैं, उन्हें अच्छी नींद आती है और वे दया व करुणा जैसे भावों को बेहतर तरीके से व्यक्त कर पाते हैं। दिनभर में एक बार भी किसी को धन्यवाद कहना या आभार व्यक्त करने से आपको खुद में अच्छा महसूस होगा, खुशी मिलेगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। आप चाहें तो एक जर्नल अपने पास रख सकते हैं, जिसमें आप उन चीजों या लोगों का स्केच बना सकते हैं या नाम लिख सकते हैं, जिनके प्रति आप कृतज्ञ और एहसानमंद महसूस करते हैं। (और पढ़ें - COVID 19: ये खबर संभालकर रख लें, लॉकडाउन खुलने के बाद आपके काम आएगी)
6. रोजाना के कामों से थोड़ा ब्रेक लें
हममें से बहुत से लोग इस वक्त घर से ऑफिस का काम भी कर रहे हैं और घर के रोजाना के काम और जिम्मेदारियां भी निभा रहे हैं। जाहिर सी बात है इस वजह से आपका स्ट्रेस और थकान भी बढ़ गया है, जिस कारण कई बार चिड़चिड़ापन महसूस होता है। कई बार तो ऐसा लगता है मानो आपकी आजादी भी छिन गई हो। इन सबकी वजह से आपकी काम करने की उत्पादन क्षमता भी घट जाती है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि हम इस समस्या को समझें और अपने काम से थोड़ा ब्रेक लें, ताकि हमारे दिमाग को भी फिर से तरोताजा होने का समय मिल सके। ऐसा करने से हमारी उत्तेजना का लेवल कंट्रोल में रहेगा, शरीर हेल्दी और फिट रहेगा और आप काम व लाइफ के बीच बेहतर बैलेंस बना पाएंगे।(और पढ़ें - लॉकडाउन में घर से काम कर रहे हैं, इन 7 तरीकों से दूर करें वर्चुअल मीटिंग की थकान)
7. सचेतन से खुद को बांधकर रखें
माइंडफुलनेस या सचेतन करने का अर्थ है अभी के समय या इस पल में पूरी तरह से मौजूद रहना। ऐसा करना आपके खुद के लिए अच्छा है क्योंकि इससे रोजाना के कामों को कैसे संभालना है, इसमें मदद मिलती है। जब हम सचेतन का अभ्यास करते हैं तो हम अपने आसपास एक सकारात्मक वातावरण बनाते हैं, जहां हम साफ-साफ सोच पाते हैं और अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से महसूस कर पाते हैं। सचेतन का अभ्यास करने के लिए आपको रोजाना 10 से 20 मिनट के लिए मेडिटेशन करना चाहिए या फिर कुछ समय के लिए अपनी सांसों पर फोकस करना चाहिए। ऐसा करने से आपको आराम और तसल्ली महसूस होगी।