कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 और इससे होने वाली बीमारी कोविड-19 को लेकर लोगों के जहन में कई तरह के सवाल हैं। इनमें सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सवाल यही है कि आखिर कब तक इस जानलेवा बीमारी की दवा या वैक्सीन बना ली जाएगी। लेकिन जिन लोगों में इस बीमारी के बारे में और जानने की इच्छा है, वे यह भी जानना चाहते हैं कि आखिर सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस की क्षमता क्या है और किन कारणों से यह बीमारी नहीं रुक पा रही है। हाल में कुछ शोधों में इस बारे में अलग-अलग तथ्य सामने आए हैं। इस बारे में जाने-माने अभिनेता अमिताभ बच्चन का भी एक वीडियो काफी चर्चा में रहा, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे नया कोरोना वायरस किसी मरीज के ठीक होने के बाद भी उसके शरीर में कई दिनों तक जिंदा रह सकता है। अब इस विषय पर एक नया शोध सामने आया है, जो अपने अध्ययन के आधार पर इस तथ्य की पुष्टि करता है।

(और पढ़ें- कोरोना वायरस से बचने के चक्कर में ईरान में लोगों ने पिया मेथानोल, सैकड़ों की मौत, हजारों बीमार)

मरीज के ठीक होने के बाद भी एक्टिव रहता है वायरस
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी एक अमेरिकी पत्रिका ‘रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोविड-19 का संक्रमण मरीज के ठीक होने के बाद भी कई दिनों तक उसके शरीर में एक्टिव रह सकता है। शोध में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि उन्होंने कोरोना वायरस के ऐसे कई मरीजों का इलाज किया, जिनमें बीमारी के हल्के लक्षण दिखाई दिए थे। उन्होंने बताया कि इन मरीजों में आधे से ज्यादा मरीज ऐसे थे, जिनके शरीर में कोरोना वायरस लक्षण गायब होने के आठ दिन बाद भी सक्रिय था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बड़ी वजह है कि कोरोना वायरस को नियंत्रण करने में मुश्किल आ रही है।

(और पढ़ें- मक्खियों से फैल सकता है कोरोना वायरस, मानव मल में कई दिन रहता है जिंदा, जानें यह बात कितनी सही)

रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के 16 मरीजों पर शोध किया था। इन सभी का 28 जनवरी से नौ फरवरी के बीच चीन के एक अस्पताल में इलाज किया गया था। अध्ययन के लिए इन मरीजों के गले के अंदरूनी नमूने लिए गए थे। शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि मरीजों को कम से कम दो पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट के बाद संक्रमण से पूरी तरह मुक्त करार दिया गया था। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन अध्ययन की जांच में सामने आया कि इलाज के बाद भी आधे मरीजों में सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण लक्षण दिखे बगैर मौजूद था। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि कोविड-19 के गंभीर मामलों में भी मरीज के ठीक होने पर उसके शरीर में संक्रमण मौजूद रह सकता है।

(और पढ़ें- अमेरिका में सोशल डिस्टेंसिंग की अवधि बढ़ाई गई, अकेले न्यूयॉर्क में 1,000 मौतें)

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें