भारत में नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित हुए लोगों की संख्या साढ़े 24 हजार के पार चली गई है और मृतकों का आंकड़ा 775 हो गया है। शुक्रवार को देशभर में 1,400 से ज्यादा नए मरीजों और करीब 60 मौतों की पुष्टि की गई। सबसे ज्यादा मरीजों और मौतों की पुष्टि महाराष्ट्र में हुई है। यहां अब तक 6,817 लोग नए कोरोना वायरस का शिकार हुए हैं। इनमें से 301 की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद अब राजस्थान में मरीजों की संख्या 2,000 से ज्यादा हो गई है। गुजरात और दिल्ली में जहां (क्रमशः) 2,815 और 2,514 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, वहीं, राजस्थान में यह आंकड़ा 2,034 हो गया है। इन तीनों ही राज्यों में (क्रमशः) 127, 53 और 27 लोगों की मौत हुई है।

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उधर, मध्य प्रदेश के स्थिति बताती है कि यह राज्य भी जल्दी ही 2,000 मरीजों वाले राज्यों की सूची में शामिल हो सकता है। अभी तक यहां कोविड-19 के 1,852 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से 92 की मौत हो गई है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश में नौ नई मौतें दर्ज की गईं। अगर यही सिलसिला आगे भी जारी रहा तो इस सप्ताहांत में मध्य प्रदेश में मृतकों की संख्या सौ के पार जा सकती है। वहीं, अन्य राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भी 1,000 मरीजों वाले राज्यों की सूची में शामिल हो सकते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में अब तक 955 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इनमें से 29 की मौत हो गई है। वहीं, तेलंगाना में ये आंकड़े 984 और 26 हैं।

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डबलिंग रेट में सुधार जारी
शुक्रवार को सरकार ने बताया कि अगर उसने समय पर लॉकडाउन को घोषणा नहीं की होती तो आज देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या एक लाख से ज्यादा होती। यह जानकारी देते हुए सरकार ने कहा कि कोविड-19 संक्रमितों का आंकड़ा (24,506) बताता है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, क्योंकि मरीजों के दोगुना होने की दर यानी डबलिंग रेट दस दिन हो गई है। लॉकडाउन से पहले यह दर 3.4 दिन थी। सरकार का कहना है कि छह अप्रैल के बाद से लॉकडाउन के प्रभाव देखने को मिले, जो मई के मध्य तक जारी रह सकते हैं।

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हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भारत में कोविड-19 की ग्रोथ रेट भले ही कम हुई है, लेकिन यह अन्य देशों से तुलनात्मक रूप से अभी भी कम है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन के पांचवें हफ्ते में भारत में कोविड-18 की ग्रोथ रेट 21.6 प्रतिशत से 8.1 प्रतिशत हो गई है। लेकिन अगर इसकी तुलना अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों से की जाए, जो कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल हैं, तो साफ पता चलता है कि भारत में हालात और बेहतर करने की काफी गुंजाइश अभी बची है। गौरतलब है कि पांच हफ्तों के लॉकडाउन में अमेरिका में कोविड-19 की ग्रोथ रेट 4.8 प्रतिशत हो गई थी, जबकि जर्मनी इस दर दो प्रतिशत पर ले आया था।

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