साल 2019 के आखिरी के महीनों में कोविड-19 इंफेक्शन चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ था और उसके बाद से ही सांस से जुड़ी यह बीमारी दुनियाभर में फैल चुकी है और करीब 2 करोड़ 20 लाख लोगों (18 अगस्त 2020 के आंकड़े) को अब तक संक्रमित कर चुकी है। इतना ही नहीं करीब 7 लाख 75 हजार लोगों की कोविड-19 की वजह से मौत भी हो चुकी है। हालांकि इन 2 करोड़ 20 लाख में से 1 करोड़ 47 लाख से ज्यादा लोग बीमारी से रिकवर भी हो चुके हैं।
लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर कोविड-19 बीमारी में रिकवरी का मतलब क्या है? कोविड-19 के वे मरीज जो इलाज के दौरान नेगेटिव टेस्ट होते हैं क्या वे सचमुच बीमारी से पूरी तरह से ऊबर चुके होते हैं, अगर उनमें फिर भी बीमारी के लक्षण हों और वे अपनी रोजाना की जिंदगी सही तरीके से न जी पाएं? पोस्ट कोविड यानी कोविड के बाद के ये लक्षण कितने दिनों तक जारी रहते हैं?
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पिछले कुछ महीनों में, इस नए कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित लोगों ने अपनी आपबीती बतायी कि कैसे उनमें कोविड-19 के विभिन्न लक्षण दिख रहे हैं, अस्पताल से छुट्टी मिलने, इस बीमारी के लिए नेगेटिव टेस्ट होने और क्लिनिकली या चिकित्सीय रूप से रिकवर्ड का टैग मिलने के बाद भी। कोविड-19 के आफ्टर-इफेक्ट्स या बाद के प्रभाव से पीड़ित लोगों की संख्या और सबूत बढ़ते जा रहे हैं, जिसने 'लॉन्ग कोविड' और 'लंबे समय तक चलने वाला कोविड' जैसे शब्दों को जन्म दिया- ऐसे लोगों के बारे में बताने के लिए जिनमें कई-कई हफ्तों या महीनों तक कोविड-19 के लक्षण मौजूद रहते हैं।
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चिकित्सा और विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ अब पब्लिकली इस बात की मांग कर रहे हैं कि इस शब्द और इस कंडिशन को विभिन्न देशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता दी जाए।