राजधानी दिल्ली भारत में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल है। यहां इस बीमारी के कुल 6,318 मरीज हैं, जिनमें से 68 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं, जो बताती हैं कि दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या औपचारिक रूप से बताए गए आंकड़ों से काफी ज्यादा है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली स्थित लोक नायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एम्स के दिल्ली और झज्जर स्थित चिकित्सा केंद्रों में ही कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 116 है, जबकि गुरुवार को जारी किए बुलेटिन में दिल्ली सरकार ने बताया था कि इन अस्पतालों में 33 मौतें हुई हैं। वहीं, अखबार का कहना है कि इन अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि इनमें वायरस से मरने वाले लोगों का आंकड़ा औपचारिक रूप से बताई गई संख्या से ज्यादा है।
अखबार ने बताया है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने ऐसे 52 लोगों की मौत की रिपोर्ट दी है, जो कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन गुरुवार को जारी किए बुलेटिन में दिल्ली सरकार ने बताया कि आरएमएल में 26 मौतें रिकॉर्ड हुई हैं। इस अंतर को लेकर जब अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट मीनाक्षी भारद्वाज से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, 'हम नियमित रूप से दिल्ली सरकार को डेटा दे रहे हैं। हमें नहीं पता कि गलत डेटा कैसे सामने आ रहा है। यहां तक कि कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या भी सही नहीं है। हमने उन्हें कई बार इसकी जानकारी दी है, लेकिन अभी तक आंकड़े सही नहीं किए गए हैं।'
उधर, एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. डीके शर्मा ने अखबार को बताया कि दिल्ली और झज्जर स्थित एम्स के स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना वायरस से 14 मौतें हुई हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के आंकड़ों में यह संख्या केवल दो है। जब उनसे पूछा गया कि क्या दिल्ली सरकार से डेटा शेयर किया गया है तो उन्होंने कहा, 'हम उन्हें पूरा-पूरा डेटा दे रहे हैं। शायद वे केवल दिल्ली का ही डेटा ले रहे हों। हो सकता है वे कहें कि झज्जर का डेटा अलग है, क्योंकि यह हरियाणा में है। लेकिन यहां दिल्ली से मरीजों को ट्रांसफर किया गया है।'
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इसके अलावा दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में 47 मौतें हुई हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के बुलेटिन के मुताबिक, इस अस्पताल में कोविड-19 से केवल पांच मौतें हुईं। इस बारे में अस्पताल के मेडिकल निदेशक डॉ. जेसी पासे ने अखबार से कहा, 'हमारे अस्पताल में कोविड-19 के 47 पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है।' वहीं, लेडी हार्डिंग के मेडिकल निदेशक डॉ. एनएन माथुर के हवाले से बताया गया है कि वहां कोरोना वायरस से तीन मौतें हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने बताया है कि वहां (गुरुवार तक) किसी की मौत कोविड-19 से नहीं हुई है।
रिपोर्ट में अखबार ने बताया है कि उसने इन सभी मौतों के संबंध में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से संपर्क किया है, लेकिन रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था। हालांकि, दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है, 'डॉक्टरों की एक ऑडिट कमेटी है जो इन मौतों की जांच करती है। कोविड-19 के विशेष अस्पताल इन मौतों के बारे में रिपोर्ट देते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि हरेक मौत की रिपोर्ट हो। इस काम में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होता है। लोगों के सामने हरेक तथ्य सही और पारदर्शिता के साथ रखा जा रहा है।' एक और प्रवक्ता का कहना है कि ऐसे समय में जब पूरी सरकार कोरोना से लड़ रही है, तब राजनीति से प्रेरित इस तरह के आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी आंकड़े सही-सही सबके सामने रखे हैं।
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