दुनिया भर के 200 से ज्यादा देश अब तक कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। यह संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। वैसे तो यह वायरस सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है लकिन 65 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है, उन्हें अगर यह वायरल इंफेक्शन हो जाए तो उनमें बीमारी के लक्षणों के बेहद गंभीर होने का खतरा अधिक रहता है।
डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी और कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों से पहले से ही पीड़ित मरीजों में कोविड-19 के गंभीर लक्षणों का खतरा अधिक है। हाल ही में डॉक्टरों ने पाया है कि जिन लोगों में आंत की सूजन की बीमारी (इन्फ्लेमेट्री बाउल डिजीज आईबीडी) है वह भी संक्रमण के गंभीर खतरे में हैं। इंसानों में आईबीडी 2 तरह का होता है: क्रोहन डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस। ये क्रॉनिक इम्यून इन्फ्लेमेटरी डिजीज होते हैं जो पेट में दर्द, दस्त और वजन घटने का कारण बनते हैं।
इस लेख में हम आपको आईबीडी रोगियों पर सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस (कोविड-19 का वायरस) के प्रभाव के बारे में बताएंगे। इसके साथ यह भी बताएंगे कि किस प्रकार से आंत में सूजन से परेशान रोगी खुद को कोविड-19 के महामारी के दौरान सुरक्षित रख सकते हैं।