भारत में कोविड-19 बीमारी के चलते लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के बाद सरकार की प्राथमिकता जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा संक्रमित लोगों की पहचान करना है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके। इसके लिए सरकार अब और ज्यादा परीक्षण करने की तैयारी में है। फिलहाल भारतीय चिकिस्ता अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) प्रतिदिन 21,000 टेस्ट कर रही है। खबर है कि इस क्षमता को बढ़ाकर प्रतिदिन 40,000 करने की योजना है।

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मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कोविड-19 को लेकर उच्च अधिकारियों के नेतृत्व वाली एक समिति ने सुझाव दिया है कि अगर कोरोना वायरस के प्रभाव को नियंत्रित करना है तो ज्यादा से ज्यादा सैंपल इकट्ठा कर उनकी टेस्टिंग करनी होगी। गौरतलब है कि जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने इसी रणनीति के तहत अपने यहां कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर काबू पाया है।

लैब की संख्या को दोगुना करने की कोशिश
भारत में इस समय 244 लैबों में कोविड-19 से जुड़े सैंपलों की जांच की जा रही है। इनमें 171 सरकारी और 73 निजी क्षेत्र से जुड़ी हैं। ज्यादा टेस्ट करने के लिए और लैबों की जरूरत है। इसके लिए सरकार और आईसीएमआर प्रयासरत हैं। उनका इरादा टेस्टिंग के लिए लैबों की संख्या दोगुना करने का है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इसके लिए सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिल कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत काम कर रहे इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च जैसे विज्ञान संस्थानों की प्रयोगशालाओं का उपयोग करने की योजना बनाई है। साथ ही नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज को इन नई प्रयोगशालाओं को ट्रैक करने के लिए कहा गया है।

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चीन से खरीदी जाएंगी पीपीई किट
हाल में ऐसी कई रिपोर्टें आई हैं, जिनमें बताया गया था कि भारत में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्वपमेंट यानी पीपीई की काफी कमी है। इसके चलते कोविड-19 के मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने का काफी ज्यादा खतरा है। अब खबर है कि सरकार ने बड़ी संख्या में चीन से पीपीई खरीदने का सौदा किया है। मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक, सरकार ने चीन से करीब डेढ़ करोड़ पीपीई खरीदने का ऑर्डर दिया है। इनमें गाउन, मास्क, दस्ताने और काले चश्मे शामिल हैं। चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री ने मंगलवार को बीजिंग से एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी। भारतीय राजदूत ने यह भी कहा कि दोनों देश फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में सहयोग कर सकते हैं, खास तौर पर दवा उत्पादन से जुड़े कच्चे माल यानी एपीआई को लेकर।

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खबरों के मुताबिक, भारत सरकार और यहां की निजी कंपनियां चीनी कंपनियों से पीपीई खरीदे रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि चीन ने पहले एक लाख 70,000 पीपीई कवर डोनेट किए थे। वहीं, पांच लाख से अधिक टेस्टिंग किट वह पहले ही विभिन्न संस्थाओं को वितरित कर चुका है और अब 10 से 15 लाख किट्स की खरीद और उत्पादन जारी है। बताया गया है कि इनमें से कुछ की डिलीवरी हो चुकी है। 

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