केंद्र सरकार की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान एजेंसी आईसीएमआर ने साफ कह दिया है कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। कोविड-19 को लेकर गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'भारत बहुत बड़ा देश है और उस हिसाब से (बीमारी का) फैलाव बहुत कम है। भारत में (कोविड-19 के) कम्युनिटी ट्रांसमिशन में नहीं है।'

डॉ. बलराम भार्गव का यह बयान उन आशंकाओं के विपरीत है, जिनमें अंदेशा जताया गया है कि भारत में कोविड-19 महामारी का तीसरा चरण यानी कोरोना वायरस संक्रमण का सामुदायिक स्तर पर फैलना शुरू हो गया है। ऐसा कहने वालों में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया से लेकर दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी शामिल हैं। इसी हफ्ते उन्होंने कहा था कि दिल्ली में कोविड-19 के नए मरीजों में से आधे में कोरोना संक्रमण के सोर्स का पता नहीं चल सका है। उन्होंने राजधानी में वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के संकेत देते हुए कहा कि वे इस बारे में औपचारिक रूप से नहीं बोल सकते, क्योंकि इस बारे में फैसला केंद्र सरकार को करना है। अब आईसीएमआर के रूप में केंद्र सरकार की एक शीर्ष एजेंसी ने इस बात का एक तरह से खंडन कर दिया है।

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देश की बड़ी आबादी अभी भी खतरे में
आईसीएमआर ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात तो नहीं मानी, लेकिन उसने यह जरूर कहा है कि देश में कोविड-19 का खतरा एक बड़ी आबादी पर अभी भी बना हुआ है। हाल में आईसीएमआर ने 83 जिलों में सेरो-सर्वे कर देश में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के बारे में जानने की कोशिश की थी। इसे लेकर आईसीएमआर प्रमुख ने कहा कि इन इलाकों की 0.73 प्रतिशत जनसंख्या कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभाव में आई थी। 

उनके मुताबिक, देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी कोविड-19 के खतरे में है। आईसीएमआर महानिदेशक के मुताबिक, '(ऐसे में) हमें टेस्टिंग और ट्रेसिंग जारी रखनी होगी। प्रभावशानी निगरानी को बरकार रखना होगा और कोविड-19 के नियंत्रण के लिए कंटेंमेंट रणनीतियों पर चलना होगा।' डॉ. भार्गव ने कहा कि इन सबको लेकर ढील नहीं दी जा सकती। इसके अलावा, डॉ. भार्गव ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन जैसे कदम सफल रहे हैं। उनके मुताबिक, लॉकडाउन और कंटेंटमेंट जैसी रणनीतियां वायरस को नियंत्रण में रखने में मददगार रही हैं, जिससे संक्रमण को कम करने और तेजी से फैलने से रोकने में मदद मिली है।

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आईसीएमआर ने ये बातें ऐसे समय में कही हैं जब देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या हर दिन नया आंकड़ा छू रही है। यह खबर लिखे जाने तक देश में कोरोना वायरस के दो लाख 87 हजार से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हो चुकी थी। इनमें से 8,000 से अधिक की मौत हो गई है। हालांकि, मृतकों की यह संख्या कुल मामलों के तीन प्रतिशत से भी कम है। वहीं, भारत में कोविड-19 का रिकवरी रेट भी लगातार सुधरा है। बुधवार को देश में कोविड-19 का रिकवरी रेट 48 प्रतिशत था, जो गुरुवार को 49 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। 

उधर, आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर ने बताया है कि देश में प्रति एक लाख लोगों में कोविड-19 की मृत्यु दर 0.59 प्रतिशत है, जो दुनिया में इस बीमारी के सबसे कम मॉर्टेलिटी रेट्स में से एक है। यहां यह भी बता दें कि अब भारत में कोविड-19 को मात देने वाले लोगों की संख्या एक्टिव मामलों से ज्यादा है।

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