भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 2,300 के पार चली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 से अब तक 2,301 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं। वहां कोविड-19 ने 335 लोगों को बीमार किया है, जिनमें से 16 की मौत हो चुकी है। वहीं, 75 नए मामलों के साथ केरल को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पर अब तमिलनाडु आ गया है। वहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 309 हो गई है। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। केरल में 21 नए मरीजों के साथ कुल मामलों का आंकड़ा 286 हो गया है। इस दक्षिण राज्य में कोरोना वायरस ने अब तक दो लोगों की जान ली है। हालांकि केरल 27 लोगों को बचाने में कामयाब भी रहा है। इस मामले में केवल महाराष्ट्र उससे आगे है, जहां डॉक्टरों को 42 मरीजों की जान बचाने में कामयाबी मिली है।

इन तीनों राज्यों के बाद सबसे ज्यादा मरीज राजधानी दिल्ली में हैं। यहां कोविड-19 के 219 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से चार की मौत हो गई है और आठ को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, सौ मरीजों वाले राज्यों की संख्या नौ हो गई है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाद इस सूची में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और तेलंगाना भी शामिल हो गए हैं।

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आंध्र प्रदेश में तेजी से फैला वायरस
आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक तेजी देखने को मिली है। बीती 27 मार्च तक यहां कोविड-19 का केवल एक मामला था। लेकिन उसके बाद दर्जनों की संख्या में नए मरीज सामने आए हैं। सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 28 मार्च को मरीजों का आंकड़ा एक से सीधे 14 हो गया। एक अप्रैल आते-आते यह संख्या 83 हो गई और तीन अप्रैल तक आंध्र प्रदेश में कोविड-19 ने 132 लोगों को अपना शिकार बना लिया था। अब तक इनमें से एक मरीज की मौत हो गई है और एक को बचाने में डॉक्टर कामयाब रहे हैं। उधर, ताजा मीडिया रिपोर्टें बताती हैं कि आंध्र में कोविड-19 से पीड़ित लोगों का आंकड़ा 160 के पार चला गया है। फिलहाल सरकार की तरफ से औपचारिक पुष्टि किए जाने का इंतजार है।

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टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने की तैयारी
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश के उन इलाकों (हॉटस्पॉट) में कोविड-19 की टेस्टिंग बढ़ाने का सुझाव दिया है, जहां इस बीमारी के मरीजों में बढ़ोतरी देखी गई है। आईसीएमआर का कहना है कि इससे उन मरीजों की पहचान जल्दी हो सकेगी, जिनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना है। इस बारे में आईसीएमआर ने कहा, 'जो इलाके हॉटस्पॉट के दायरे में आते हैं, वहां रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किए जा सकते हैं।' हालांकि इन टेस्ट के परिणामों को पॉलिमरेज चेन रिएक्शन या पीसीआर टेस्ट के बाद कन्फर्म किया जाएगा। बता दें कि पीसीआर टेस्ट के परिणाम आने में पांच घंटों तक का समय लगता है, जबकि एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम मात्र 15 से 30 मिनट में आ जाते हैं। लेकिन चूंकि यह तुरंत किया जाने वाला टेस्ट है, लिहाजा इसके परिणाम को अंतिम नहीं माना जाता है, इसलिए पुख्ता तौर पर पुष्टि करने के लिए दूसरे टेस्ट किए जाते हैं।

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