कोविड-19 महामारी का संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, उसे देखते हुए दुनिया का शायद ही कोई देश ऐसा बचा होगा जहां इस बीमारी से संक्रमित मरीज न हों। मौजूदा समय में दुनियाभर के 14 लाख से ज्यादा लोग कोविड-19 इंफेक्शन से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 को लेकर इस वक्त भारत की स्थिति दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित देशों जैसे- इटली, स्पेन, फ्रांस और अमेरिका की तुलना में भले ही कुछ बेहतर हो, लेकिन यहां भी संक्रमित मरीजों और मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।

8 अप्रैल 2020 के आंकड़ों की मानें तो भारत में अब तक कोविड-19 के 5 हजार 193 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 4643 मरीजों का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है, 401 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं और 149 मरीजों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 बीमारी को और ज्यादा फैलने से रोकने के मकसद से ही भारत सरकार ने 25 मार्च 2020 से देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन कर रखा है। यह सख्त कदम इसलिए उठाया गया है ताकि लोग फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें जिसे कोविड-19 को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। इसके अलावा हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी या सैनिटाइजर से साफ करते रहना, सांस से संबंधी साफ-सफाई का ध्यान रखना आदि कुछ ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

इस वक्त कोविड-19 को फैलने और इसकी वजह से तेजी से हो रही मौतों के सिलसिले को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है, लेकिन यह हमेशा ऐसे ही नहीं रहने वाला। महामारी चाहे जितनी बड़ी और जितनी तेजी से क्यों न फैल रही हो, कभी न कभी नियंत्रण में आ ही जाएगी और फिर दुनियाभर में परिस्थितियां पहले की तरह सामान्य हो जाएंगी। लेकिन मौजूदा समय में सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इतनी बड़ी महामारी से हम क्या सीख लेते हैं। इस बात को जानते हुए कि कोविड-19 या इस तरह के दूसरे संक्रमण इंसान से इंसान के संपर्क में आने से फैलते हैं, दूषित सतहों से फैलते हैं- लिहाजा यह इंफेक्शन फिर से न फैले इसके लिए हमें कुछ जरूरी तैयारियां करने की जरूरत है।

ऑफिस या वर्कप्लेस जैसी जगहें जहां लिमिटेड जगह में बड़ी संख्या में लोग एक साथ बैठकर काम करते हैं और अपना काफी समय वहां बिताते हैं, ऐसी जगहें कोविड-19 जैसे इंफेक्शन के फैलने के लिए हाई-रिस्क जोन में आती हैं। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO और भारत के नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल NCDC ने कुछ असरदार और जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसे दुनियाभर के कार्यस्थलों को फॉलो करना चाहिए ताकि किसी भी तरह की महामारी को फैलने से रोका जा सके।

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  1. कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए नियोजक (employer) क्या करें?
  2. मीटिंग, कॉन्फ्रेंस या इवेंट्स के दौरान कोविड-19 कैसे मैनेज करें?
  3. यात्रा करने के दौरान नियोजक या कर्मचारियों के लिए जरूरी टिप्स
  4. आखिर में इन बातों का भी रखें ध्यान
  5. लॉकडाउन के बाद ऑफिस और वर्कप्लेस को कोविड-19 के लिए ऐसे करें तैयार के डॉक्टर

ऐसे कई बेहद आसान और कम खर्च वाले उपाय हैं जिनका इस्तेमाल कर नियोजक अपने दफ्तर में इंफेक्शन के रिस्क को कम कर सकते हैं। इन उपायों को अपनाने से न सिर्फ अभी कोविड-19 फैलने का खतरा कम होगा बल्कि कई और संक्रामक बीमारियों जैसे- कॉमन कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम, फ्लू, और यहां तक की पेट दर्द जैसी बीमारियां भी कम होंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ऑफिस के अंदर का माहौल वायरल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन और फंगल इंफेक्शन से मुक्त होगा तो वहां काम करने वाले लोग कम बीमार पड़ेंगे।

साथ ही नियोजकों के लिए बेहद जरूरी है कि वे लॉकडाउन के बाद ऑफिस खुलने से पहले ही इन बदलावों और उपायों को ऑफिस में अपना लें ताकि लॉकडाउन के बाद ऑफिस खुले तो इन नियमों को सभी कर्मचारी फॉलो करें। यहां जानें कि संक्रमण से बचने के लिए ऑफिस के नियोजक के साथ-साथ कर्मचारियों को भी किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आपका ऑफिस या वर्कप्लेस पूरी तरह से साफ-सुथरा हो। इसका मतलब है कि ऑफिस की सभी सतहों और वहां मौजूद चीजों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुमुक्त बनाना।
  • ऑफिस आने वाले सभी कर्मचारियों, नियोजकों, आगंतुकों और कॉन्ट्रैक्टर्स को नियमित रूप से अपने हाथों को धोते रहना चाहिए।
  • सभी लोगों के लिए ऑफिस में हैंड सैनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। ऑफिस में एक नहीं बल्कि कई जगहों पर हैंड सैनिटाइजर रखे होने चाहिए ताकि लोगों को हाथों की सफाई का बार-बार याद रहे।
  • काम की जगह पर श्वास संबंधी सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी है। ऑफिस में टीशू पेपर, डस्टबिन और फेस मास्क की सभी के लिए व्यवस्था होनी चाहिए, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें सर्दी और खांसी हो।
  • देश के अंदर या विदेश में भी अगर जरूरी न हो तो यात्रा करने से बचें। अगर काम के सिलसिले में आपका यात्रा करना जरूरी है तो यात्रा से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
  • आपके ऑफिस या संस्थान से जुड़े सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य से जुड़े सभी अपडेट्स और दिशा-निर्देशों की जानकारी होनी चाहिए।
  • साथ ही अपने कर्मचारियों से कहें कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और अगर वे बीमार हों तो घर पर ही रहें। अगर उन्हें खुद में कोविड-19 या किसी और संक्रामक बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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जब बात संक्रामक बीमारियों की आती है फिर चाहे वह मामूली सी सर्दी हो या कोविड-19, बेहद जरूरी है कि आप संक्रमित होने के बाद पछताने की बजाए पहले से ही सावधानियां बरतें। सभी नियोजकों और कर्मचारियों को यह बात समझने की जरूरत है कि ऑफिस या वर्कप्लेस पर हर दिन होने वाली मीटिंग, कॉन्फ्रेंस और इवेंट्स के जरिए भी कोविड-19 फैलने का खतरा काफी अधिक है। इन मीटिंग्स या इवेंट्स में शामिल होने वाले लोग जाने-अनजाने इंफेक्शन को आपके ऑफिस में लेकर आ सकते हैं, जहां से यह बड़ी तेजी से फैल सकता है। लिहाजा इन मीटिंग्स, कॉन्फ्रेंस और इवेंट्स का आयोजन करने वालों को कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए:

  1. मीटिंग या इवेंट से पहले सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं
  2. मीटिंग या इवेंट के दौरान के लिए प्रिकॉशन्स
  3. इवेंट या मीटिंग खत्म होने के बाद इन बातों का रखें ध्यान

मीटिंग या इवेंट से पहले सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं

  • स्थानीय अधिकारियों और स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े लोगों से बात करके इस बात की पुष्टि कर लें मीटिंग की लोकेशन पूरी तरह से सेफ है या नहीं।
  • मौजूदा समय में डिजिटल टेक्नोलॉजी काफी विकसित हो चुकी है। लिहाजा खुद से सवाल पूछें कि क्या सभी को एक जगह पर इक्ट्ठा कर मीटिंग करना जरूरी है या फिर टेलीकॉन्फ्रेंस या विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए काम बन सकता है।
  • अगर फिजिकल मीटिंग करना जरूरी है तो इस बात का ध्यान रखें कि जहां तक संभव हो कम से कम लोग इसमें शामिल हों ताकि इंफेक्शन का खतरा कम रहे।
  • टीशू पेपर, सैनिटाइजर्स इन चीजों का इंतजाम मीटिंग या इवेंट की जगह पर पहले से होना चाहिए। अगर मीटिंग के दौरान किसी को सर्दी-खांसी हो या सांस लेने में तकलीफ हो तो उन्हें मास्क या फेस-कवर पहनने को कहें।
  • मीटिंग या इवेंट में शामिल होने वाले सभी लोगों और आयोजक के कॉन्टैक्ट डीटेल, सेहत की जानकारी, उनका पता और इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर लेकर रखें और उन्हें बता दें कि अगर इवेंट के दौरान किसी तरह की इमरजेंसी की स्थिति बनती है तो ये जानकारी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों को दी जाएंगी।
  • अगर मीटिंग या इवेंट के दौरान कोई बीमार हो जाता है तो उनका ध्यान कैसे रखना है इसका इंतजाम होना चाहिए। मरीज को तुरंत किसी सुरक्षित कमरे में आइसोलेट करें और उसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम करें।
  • अगर मीटिंग या इवेंट में शामिल होने वाला कोई शख्स कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है तो उस मीटिंग या इवेंट में शामिल हुए सभी लोगों को क्वाइंटाइन या आइसोलेशन में जाने को कहें और उन्हें अपनी जांच करवाने को भी कहें।

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मीटिंग या इवेंट के दौरान के लिए प्रिकॉशन्स

  • मीटिंग या इवेंट में शामिल होने वाले सभी लोगों को लिखित और मौखिक रूप से इस बात की जानकारी दें कि आपने कोविड-19 या दूसरे इंफेक्शन्स से बचने के लिए क्या-क्या इंतजाम किए हैं।
  • शामिल होने वाले सभी लोगों से कहें कि वे जरूरी सुरक्षात्मक उपाय जैसे नियमित रूप से हाथ धोना और श्वास संबंधी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • मीटिंग या इवेंट का हिस्सा बनने वाले सभी प्रतिभागियों से कहें कि वे एक दूसरे से हाथ मिलाने की बजाए मौखिक रूप से एक दूसरे का स्वागत करें या फिर नमस्ते करें।
  • हैंड सैनिटाइजर, साबुन-पानी, टीशू पेपर जैसी चीजों को मीटिंग या इवेंट की लोकेशन पर कई जगहों पर रखें और उन्हें नियमित रूप से री-फिल करवाते रहें।
  • सभी लोगों से कहें कि अगर उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की मुश्किल महसूस हो तो वे तुरंत इस बात की सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें।
  • सभी सीटों के बीच 1 मीटर की दूरी बनाए रखें और मीटिंग में शामिल होने वाले लोगों से भी कहें कि वे एक दूसरे से फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें।
  • जिस लोकेशन पर यह मीटिंग या इवेंट हो रहा हो वह जगह हवादार बनी रहे इसके लिए सभी खिड़की दरवाजे खोलकर रखें।

इवेंट या मीटिंग खत्म होने के बाद इन बातों का रखें ध्यान

  • करीब 1 महीने तक मीटिंग या इवेंट में शामिल हुए सभी लोगों की जानकारी संभाल कर रखें। ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर मीटिंग में शामिल हुआ कोई भी व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है तो बाकी लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए आसान होगा।
  • अगर मीटिंग या इवेंट के दौरान किसी बीमारी या कोविड-19 से जुड़े लक्षण दिखने की वजह से किसी को आइसोलेट किया गया हो तो इवेंट में शामिल हुए बाकी सभी लोगों को भी इस बात की जानकारी दें कि वे अपने स्वास्थ्य पर नजर रखें और 14 दिनों तक अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें और दिन में 2 बार अपना तापमान मापते रहें।
  • अगर मीटिंग में हाजिर हुए लोगों में से किसी में भी मीटिंग या इवेंट के बाद कोविड-19 के कोई लक्षण विकसित हों तो उन्हें खुद को सेल्फ-आइसोलेट करने के बाद आयोजक को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि इवेंट में शामिल हुए बाकी लोग भी जरूरी सुरक्षात्मक कदम उठा पाएं।

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काम के सिलसिले में अगर यात्रा करनी हो फिर चाहे वह स्थानीय स्तर पर हो, राष्ट्रीय स्तर पर या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर- इस दौरान संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा अधिक रहता है। यही वजह है कि यात्रा से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए खासकर कोविड-19 जैसी महामारी से जुड़े समय पर।

वैसे तो लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी आपके ऑफिस या वर्कप्लेस को सभी जरूरी सुरक्षात्मक कदम उठाने चाहिए ताकि कोविड-19 के दोबारा शुरू होने का खतरा न रहे। यही वजह है कि काम के सिलसिले में यात्रा करने के दौरान निम्नलिखित जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. यात्रा से पहले
  2. यात्रा करने के दौरान
  3. यात्रा के बाद

यात्रा से पहले

  • कोविड-19 या किसी भी दूसरी बीमारी के फैलने के मद्देनजर आप जिस जगह यात्रा करने जा रहे हैं उस लोकेशन के बारे में सभी जानकारियां जुटा लें।
  • नियोजकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वैसे कर्मचारी जो उम्रदराज हैं या फिर जिन्हें पहले से हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी, डायबिटीज या हाई बीपी की दिक्कत हैं उन पर काम के सिलसिले में यात्रा करने का दबाव न डालें।
  • सभी कर्मचारी जो यात्रा कर रहे हों उन्हें इससे जुड़े हेल्थ रिस्क, सुरक्षात्मक उपाय, कॉन्टैक्ट डीटेल्स और स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों से जुड़ी पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • बेहद जरूरी है कि यात्रा करने वाले कर्मचारियों को आप साफ-सफाई से जुड़ी सभी चीजें जैसे- हैंड सैनिटाइजर, टीशू आदि की व्यवस्था करके दें ताकि वे सुरक्षात्मक उपायों को अपना सकें।
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यात्रा करने के दौरान

  • कर्मचारियों से कहें कि वे हर वक्त सभी लोगों से जहां तक संभव हो 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें।
  • इस बात का भी ध्यान रखें कि ट्रिप के दौरान कर्मचारी श्वास संबंधी साफ-सफाई और हाथों की सफाई का भी पूरा ध्यान रखें।
  • अगर यात्रा करने के दौरान कोई मेडिकल इमरजेंसी हो जाती है तो कर्मचारी को किससे संपर्क करना है इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • ध्यान रखें कि कर्मचारी, यात्रा के दौरान सभी जरूरी स्वास्थ्य निर्देश, प्रोटोकॉल आदि का पालन करें।

यात्रा के बाद

काम के सिलसिले में यात्रा से वापस लौटने के बाद कर्मचारियों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • अगर कर्मचारी किसी ऐसी जगह से लौटे हैं जहां पहले या मौजूदा समय में कोविड-19 संक्रमण फैला हुआ है तो उस कर्मचारी को 14 दिनों तक खुद में लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए और रोजाना 2 बार अपना टेंपरेचर भी नापना चाहिए।
  • अगर यात्रा से लौटने के बाद कर्मचारी को खांसी या हल्का बुखार हो तो उन्हें खुद को घर में सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए और फिर डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क करना चाहिए। साथ ही कर्मचारी को अपने परिवारवालों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए और अपनी सेहत पर नजर रखनी चाहिए।

कोविड-19 ने हमें जो एक सबसे जरूरी बात सिखायी है वो ये है कि अगर संक्रामक बीमारियां फैल जाएं और समय रहते उन पर काबू न पाया जा सके तो ये महामारी का रूप ले सकती हैं। ऐसे समय में सभी ऑफिस और वर्कप्लेस की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। साथ ही इस तरह की पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी दोबारा न हो इसका भी ध्यान रखें। लिहाजा सभी कर्मचारियों को इन जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा:

  • एक प्लान बनाएं ताकि किसी भी तरह के इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके। अगर कर्मचारियों में से कोई संक्रमित हो जाता है तो उन्हें पूरा समर्थन भी दें।
  • प्लान बनाते वक्त इसमें कर्मचारियों को भी शामिल करें ताकि अगर कोई कर्मचारी बीमार हो तो उसे किसी तरह का पक्षपात या भेदभाव महसूस न हो।
  • अगर आप अपने ऑफिस के लिए स्वास्थ्य और साफ-सफाई से जुड़ा कोई प्लान बना रहे हैं तो इसमें स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को भी शामिल करें। ऐसा करने से आपको उन प्रफेशनल्स का सहयोग मिलेगा जो पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी जैसी परिस्थिति से निपटने में माहिर हैं।
  • कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति में सभी कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • किसी भी तरह की आपातकालीन समस्या या पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी से निपटने के लिए आपातकालीन या कंटिनजेंसी प्लान तैयार करें।
  • सभी कर्मचारियों के बीच संपर्क बना रहे और उनके बीच प्लान को लेकर पारदर्शिता बनी रहे इस बात का भी पूरा ध्यान रखें।
  • इस बात का भी ध्यान रखें कि सभी कर्मचारियों की शारीरिक सेहत के साथ-साथ मानसिक सेहत भी बनी रहे।

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