दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला सामने आया था और तब से लेकर अब तक यह इंफेक्शन दुनियाभर के 199 देशों में फैल चुका है। 31 मार्च के आंकड़ों की बात करें तो दुनियाभर में 7 लाख, 85 हजार से ज्यादा लोग सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत की बात करें तो हमारे देश में अब तक 1117 मामले सामने आए हैं और 32 लोगों की मौत हो चुकी है।

डॉक्टरों और हेल्थ केयर प्रफेशनल्स की मानें तो सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 वैसे तो हर उम्र और पीढ़ी के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन वैसे लोग जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है और जिन्हें पहले से कोई बीमारी है उन्हें अगर इस वायरस का संक्रमण हो जाए तो उनमें लक्षण गंभीर होने का खतरा रहता है। दुनियाभर के मामलों पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि कोविड-19 की वजह से अब तक जितनी भी मौतें हुई हैं, उनमें से 90 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी।

17 मार्च 2020 को सामने आयी चीन की पब्लिक हेल्थ रिपोर्ट की मानें तो कोविड-19 की वजह से जिन 355 लोगों की मौत हुई थी, उनमें से 33 प्रतिशत लोगों को पहले से हृदय रोग था। जिन लोगों को डायबिटीज, अस्थमा, हृदय रोग, किडनी की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है, उन्हें कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा सबसे अधिक है।

इस लेख के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि वैसे लोग जिन्हें पहले से हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी है उन्हें कोविड-19 संक्रमण के लक्षण गंभीर होने का खतरा है और इसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए।

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  1. ब्लड प्रेशर पर एन्जियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एन्जाइम-II(ACE-II) का असर
  2. हाई ब्लड प्रेशर और कोविड-19
  3. कोविड-19 के दौरान ब्लड प्रेशर कैसे बरकरार रखें?
  4. और आखिर में
  5. हाई ब्लड प्रेशर वालों को कैसे प्रभावित करता है कोविड-19, जानें के डॉक्टर

हमारे शरीर में एक सिस्टम होता है जिसे रेनिन-एन्जियोटेंसिन सिस्टम कहते हैं जो ब्लड प्रेशर के साथ-साथ शरीर में मौजूद तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को नियंत्रित करता है। जब भी शरीर का ब्लड प्रेशर कम होता है तो रेनिन, एन्जियोटेंसिनोजेन नाम के एन्जाइम को तोड़ता है ताकि एन्जियोटेंसिन बनाया जा सके। चूंकि एन्जियोटेंसिन-I निष्क्रिय प्रोटीन है, इसलिए यह एन्जियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एन्जाइम (ACE) की मदद से सक्रिय रूप एन्जियोटेंसिन-II में बदल जाता है।

एसीई-II हमारे फेफड़ों की परत में, आंत में, किडनी में और रक्त धमनियों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जब भी शरीर का ब्लड प्रेशर कम होता है तो एसीई-II खुद को एसीई रिसेप्टर के साथ बांध लेता है और रक्त धमनियों को संकुचित कर देता है। ऐसा होने पर शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। 

हृदयवाहिनी से जुड़ी बीमारी जैसे- हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर या लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीजों में अगर एसीई-II का लेवल बढ़ जाए तो उनके ब्लड प्रेशर के अचानक बढ़ने का खतरा रहता है। इसे ही रोकने के लिए डॉक्टर ऐसे मरीजों को एन्जियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एन्जाइम अवरोधक (ACEIs) और एन्जियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर (ARBs) लेने की सलाह देते हैं।

वैज्ञानिकों ने यह बात पता लगा ली है कि शरीर की किसी कोशिका पर हमला करने के लिए कोविड-19 वायरस जिसे सार्स-सीओवी-2 वायरस भी कहा जाता है खुद को एन्जियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एन्जाइम-II से बांध लेता है। एसीई-II पर हमला करने के बाद वायरस का शरीर के अंदर फेफड़ों तक पहुंचना आसान हो जाता है। श्वसन पथ की कोशिकाओं पर हमला करने के बाद ही शरीर में खांसी, गला खराब और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं।

जब हाई ब्लड प्रेशर के किसी मरीज के शरीर में मौजूद रक्त धमनियों में एसीई-II का लेवल बढ़ता है तो यह वायरस रक्त धमनियों पर और ज्यादा बुरी तरह से हमला करने लगता है। यही वजह है कि जिन लोगों को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें अगर यह कोविड-19 का वायरस संक्रमित कर दे तो उनमें स्वस्थ लोगों की तुलना में बीमारी के लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं।

कोविड-19 संक्रमण के दौरान किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर न बढ़े, इस खतरे को कम करने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें-

  • दवाइयों का स्टॉक घर में रखें : कोविड-19 की वजह से इस वक्त सभी जगह लॉकडाउन की स्थिति है लिहाजा बेहद जरूरी है कि आप पहले ही अपनी रोजमर्रा की जरूरी दवाइयों का स्टॉक अपने पास घर पर रखें ताकि आपको इंफेक्शन के दौरान घर से बाहर निकलने की जरूरत न पड़े।
  • हर दिन एक्सरसाइज करें : इस वक्त लॉकडाउन के दौरान चूंकि आप घर से बाहर नहीं जा सकते इसलिए घर के अंदर ही हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। आप चाहें तो बेसिक एक्सरसाइज जैसे- स्ट्रेचिंग, वॉकिंग, योगासन आदि हर दिन 30 मिनट के लिए कर सकते हैं।
  • अपना ब्लड प्रेशर चेक करें : ऑटोमैटिक ब्लड प्रेशर मशीन की मदद से हर दिन कम से कम एक बार अपना ब्लड प्रेशर जरूर चेक करें।
  • धूम्रपान न करें : तंबाकू में मौजूद केमिकल्स ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं। लिहाजा इससे बचने के लिए बेहद जरूरी है कि आप धूम्रपान की आदत को छोड़ दें।
  • हेल्दी चीजें खाएं: वैसी चीजें जिनमें नमक की मात्रा अधिक हो उन्हें आपको बिलकुल नहीं खाना चाहिए। साथ ही वैसा नाश्ता जिसमें कैलोरी अधिक हो वह भी नहीं खाना चाहिए। इसकी जगह फाइबर से भरपूर चीजे खाएं, लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें, जिसमें दूध और दही शामिल हैं। वैसी चीजें खाएं जिसमें मैग्नीशियम और पोटैशियम की मात्रा अधिक हो क्योंकि इससे भी शरीर का ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • तनाव-मुक्त रहें : शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक बहुत बड़ा कारण तनाव भी है। इसलिए जहां तक संभव हो शांत रहें और अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें।
  • डॉक्टर से बात करें : अगर आपको खुद में कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षण नजर आएं तो अपने नजदीकी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। डॉक्टर को फोन मिलाएं और उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताएं। डॉक्टर जैसा निर्देश दें उसके हिसाब से कार्य करें।

कोरोना वायरस इंफेक्शन दुनियाभर में हाल से समय की अब तक की सबसे बड़ी महामारी का रूप ले चुका है और इसकी वजह से लोगों की रोजाना की जिंदगी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई है। दुनियाभर के देशों की सरकारों ने अपने-अपने देश में रह रहे लोगों पर सख्त पाबंदियां लगाई हैं, ताकि इस इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके। इतना ही नहीं इटली, स्पेन और अमेरिका जैसे देशों में संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से यहां का पब्लिक हेल्थकेयर सिस्टम भी पूरी तरह से चरमरा गया है।

दुनियाभर के नेता लोगों से यही अपील कर रहे हैं कि वे अपने-अपने घरों में रहें ताकि संक्रमण के मामलों को बढ़ने से रोका जा सके और अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की संख्या को कंट्रोल किया जा सके। वहीं, आम लोगों की बात करें तो उनके लिए घर के अंदर रहना और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपको संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए, नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए और अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए ताकि इस मुश्किल समय से बाहर निकला जा सके।

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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