दुनियाभर में कोविड-19 बीमारी से हुई मौतों की संख्या औपचारिक रूप से दिए गए आंकड़ों से 60 प्रतिशत ज्यादा हो सकती है। प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अखबार फाइनैंशिय टाइम्स (एफटी) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। अखबार ने 14 देशों में कोविड-19 महामारी के चलते हुई मौतों के विश्लेषण के बाद यह आशंका जताई है। वहीं, अमेरिका के चर्चित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी 12 देशों के आंकड़ों के आधार पर इसी तरह की एक रिपोर्ट में बताया है कि कैसे 12 देशों में कोविड-19 से होने वाली 36,000 मौतें रिकॉर्ड नहीं की जा सकीं।
एफटी के मुताबिक, कोरोना वायरस से प्रभावित 14 देशों में कोविड-19 के चलते हुई मौतों की संख्या औपचारिक रूप से 77,000 के आसपास बताई गई है, जबकि असल में यह संख्या एक लाख 22,000 तक हो सकती है। अखबार ने कहा कि उसके विश्लेषण के तहत की गई मौतों की अतिरिक्त गणना को कोरोना वायरस से हुई सारी मौतों पर लागू करें तो असल आंकड़ा दो लाख एक हजार (जब रिपोर्ट लिखी गई तब तक इतनी मौतें हो चुकी थीं) से बढ़कर तीन लाख 18 हजार तक हो जाएगा।
विश्लेषण के परिणाम
एफटी का कहना है कि इस विश्लेषण के तहत किसी विशेष इलाके में सभी कारणों के चलते हुई मौतों का आंकलन किया। यह आंकलन मार्च और अप्रैल महीने में हुई मौतों से जुड़ा था। अखबार ने पाया कि 2015 से 2019 के बीच मार्च और अप्रैल में सामान्य रूप से औसतन जितनी मौतें हुईं, उससे कहीं ज्यादा मौतें मार्च-अप्रैल 2020 में हो गईं। रिपोर्ट में इक्वाडोर के गुआयास प्रांत के हवाले से बताया गया है कि वहां औपचारिक रूप से कोविड-19 के चलते हुई मौतों का आंकड़ा 245 बताया गया, जबकि एक मार्च से 15 अप्रैल के बीच वहां सभी कारणों के चलते हुई अतिरिक्त सामान्य मौतों का आंकड़ा 10,200 बैठता है, जो सीधे 350 प्रतिशत की वृद्धि है।
रिपोर्ट पर गौर करें तो इक्वाडोर की तरह उत्तरी इटली का लोम्बार्डी प्रांत भी अतिरिक्त मौतों के चलते ध्यान खींचता है। यहां आधिकारिक आंकड़ों में अलग-अलग कारणों से हुई 13,000 अतिरिक्त मौतों का पता चलता है। यह संख्या बीते सालों से देखने में आ रही औसतन मौतों से 155 प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि इस प्रांत में कोविड-19 के चलते 4,348 मौतों की पुष्टि की गई है। इस संख्या से भी यह आंकड़ा काफी अधिक है। इसी तरह इटली के ही बेरगामो शहर में सामान्य कारणों के चलते हुई मौतों में 464 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसके बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क में 200 प्रतिशत और स्पेन के मैड्रिड शहर में 161 प्रतिशत अतिरिक्त मौतें हुई हैं।
ना टेस्टिंग ना रिपोर्टिंग
एफटी का कहना है कि किसी देश में कोरोना वायरस के चलते हुई मौतों का असल आंकड़ा इस बात पर निर्भर करता है कि वह देश कितने प्रभावशाली तरीके से मरीजों की टेस्टिंग और रिपोर्टिंग कर रहा है। अखबार के मुताबिक, इस कारण डेनमार्क को छोड़कर सभी देशों की मौतों के आंकड़े वास्तविक संख्या से कम हैं। अखबार की मानें तो यही वजह है कि चीन ने हाल ही में अपने यहां हुई मौतों के आंकड़ों में बदलाव किया था, जिससे वहां कुल मौतों का आंकड़ा 3,300-3,400 से सीधे 4,600 के पार चला गया था।
मौतों के आंकड़ों में इस अंतर को लेकर अखबार ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड स्पीगलहॉल्टर से बात की। उन्होंने बताया कि यूके में कोविड-19 की मौतों का आंकड़ा इसलिए कम है, क्योंकि सरकार केवल अस्पतालों में हुई मौतों को गिन रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत कम देश हैं, जहां स्थानीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं (जैसे रेजिडेंशियल केयर होम्स और डिस्पेंसरी) में हो रही टेस्टिंग को गिना जा रहा है। उनका कहना है कि ऐसी जगहों पर हो रहे परीक्षणों को गिना ही नहीं जा रहा।
यह तथ्य इस मायने में महत्वपूर्ण है कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसका जिक्र करते हुए कहा था कि यूरोप में कोविड-19 की मौतों का असल आंकड़ा औपचारिक से बताई गई गिनती से काफी ज्यादा हो सकता है। अमेरिका के चर्चित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी एफटी की तरह ही एक विश्लेषण रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें अखबार ने बताया है कि कैसे 12 देशों में कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़ों में 3,6000 मौतें कम दिखाई गई हैं। उधर, इस मुद्दे पर जब एफटी ने लंदन स्कूल ऑफ हाईजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में महामारी विशेषज्ञ डेविन लियोन से बात की तो उन्होंने माना कि अगर यह समझना है कि अलग-अलग देशों ने इस महामारी को कैसे लिया और इसने लोगों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव छोड़ा, तो हमें इन अतिरिक्त मौतों की गणना करनी होगी।
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