मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड-19 के एक मरीज की एमरजेंसी सर्जरी किए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि भारत में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोरोना वायरस से होने वाली इस बीमारी के किसी मरीज की आपातकालीन हालात में सर्जरी करनी पड़ी है। 

खबरों के मुताबिक, एम्स भोपाल में बीते शुक्रवार की रात को यह सर्जरी की गई। इसके बाद शनिवार को संस्थान की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया, 'कोविड-19 के मरीजों की देखभाल के संबंध में एम्स भोपाल ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कोविड-19 के एक मरीज को बचाने के लिए पहली बड़ी लाइफसेविंग एमरजेंसी सर्जरी भोपाल स्थित एम्स में अंजाम दी गई।'

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बयान के मुताबिक, जिस मरीज की सर्जरी की गई वह एक 61 वर्षीय महिला है, जिसे बीती 28 अप्रैल को बुखार और कोविड निमोनिया के चलते भर्ती कराया गया था। संस्थान का कहना है कि मरीज को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की परेशानी पहले से थी। उसके पेट में भी दर्द था, जिसके चलते सीटी स्कैन करना पड़ा। इसके अलावा आंतें क्षतिग्रस्त थीं और उनमें तथा शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त पहुंचाने वाली एक बड़ी वाहिका में ब्लड क्लॉटिंग का भी पता चला था। बयान में आगे कहा गया है कि जब दवाओं से मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ तो देर रात उसकी एमरजेंसी सर्जरी करने का फैसला किया गया।

इसके बाद बयान कहता है, 'यह केस कई मायनों में चुनौतीपूर्ण था। मरीज को कोविड निमोनिया था, उसकी उम्र 60 साल थी, डायबिटीज और हाइपरटेंशन पहले से थे। इसके अलावा आंतें खतरनाक ढंग से क्षतिग्रस्त थीं, उनमें छेद भी पाया गया था। इसलिए उस हिस्से को काट कर सर्जिकल ऑपरेशन किया गया। फिलहाल मरीज कोविड-19 के लिए (विशेष रूप से) बनाए गए आईसीयू में वेंटिलेटर पर है। वहां क्रिटिकल केयर टीम उनका ध्यान रख रही है।'

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