कोविड-19 का असर पूरी दुनिया पर पिछले 3 महीने से ज्यादा समय से देखने को मिल रहा है। चूंकि अब तक कोविड-19 का कोई निश्चित इलाज खोजा नहीं जा सका है, इसलिए डॉक्टर और वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं कि उपलब्ध सभी संसाधनों से अधिक से अधिक मरीजों का इलाज किया जा सके। मौजूदा समय में ​कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए डॉक्टर मेकैनिकल वेंटिलेशन, हाई-फ्लो नेजल ऑक्सीजन(HFNO), नॉन-इन्वेसिव वेंटिलेशन, सिस्टेमिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड और विभिन्न एंटीवायरल थेरेपी का उपयोग कर रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने कई ऐसी दवाओं को भी इलाज के लिए प्रयोग में लाने की सलाह दी है जो अन्य कई बीमारियों के इलाज के लिए बनाई गई थीं। जैसे इबोला की दवा (रेम्डेसिविर), मलेरिया की दवा (हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन), जापानी फ्लू की दवा और कई दूसरी दवाएं। इनमें से अधिकांश दवाएं प्री-क्लिनिकल चरणों में हैं, वहीं इबोला दवा को मानवों पर परीक्षण की योजना बनाई जा रही है। वैज्ञानिको को उम्मीद है कि यह दवा कोविड-19 के इलाज की पहली दवा हो सकती है।

इस लेख में हम आपको कोविड-19 के लिए इबोला की दवा के मानव परीक्षण से जुड़ी सभी जानकारियां देंगे।

  1. इबोला की दवा: रेम्डेसिविर
  2. कोविड-19 के लिए रेम्डेसिविर का परीक्षण
  3. कोविड-19 के उपचार के लिए रेम्डेसिविर का मानव परीक्षण
  4. कोविड-19 संक्रमण के लिए रेम्डेसिविर के अन्य परीक्षण
  5. कोविड-19 के इलाज में इबोला की दवा का मानव परीक्षण शुरू के डॉक्टर

इबोला के प्रकोप के दौरान अमेरिका की एक फार्मा कंपनी गिलियड साइंसेज ने इस वायरस से लड़ने के लिए रेम्डेसिविर नाम की दवा विकसित की। इस दवा ने एंजाइम आरएनए पोलीमरेज की प्रक्रिया को रोक दिया जो वायरस बढ़ने में मदद करता है। चूंकि वायरस का प्रसार नहीं हो सका और वह अपनी और ज्यादा प्रतिकृतियां नहीं बना पाया, ऐसे में उसका प्रभाव स्वत: ही समाप्त हो गया। लेकिन यह दवा, इबोला वायरस के लिए काम नहीं करती है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

वर्ष 2017 में गिलियड के वैज्ञानिकों ने कोरोनो वायरस के विभिन्न रूपों के लिए इसी दवा का परीक्षण किया था। प्रयोगशालाओं में टेस्ट ट्यूब और रीसस मकाउ बंदरों में इसपर शोध किया गया जो mers-cov इंफेक्शन से संक्रमित थे। शोध से पता चला कि रेम्डेसिविर में सार्स और मर्स दोनों वायरसों को नष्ट करने की क्षमता है। प्रीक्लिनिकल अध्ययनों से पता चला कि रेम्डेसिविर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और उपचार दोनों में ही प्रभावी हो सकता है।

4 अप्रैल 2020 को गिलियड साइंसेज के सीईओ डैनियल ओ'डे ने कहा कि रेम्डेसिविर की अभी भी जांच चल रही है और इसे लेकर कई स्तर पर परीक्षण चल रहे हैं। दुनियाभर में कोविड-19 के हजारों मरीजों पर इन परीक्षणों को किया गया है। चूंकि इसे अब तक सुरक्षा और प्रभावशीलता के आधार पर इस दवा को प्रमाणित नहीं किया गया है इसलिए इसे अभी तक कोविड-19 के उपचार के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है।

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा मानव परीक्षण की स्वीकृति मिलने के बाद गिलियड ने परीक्षण शुरू कर दिया है। इसने कोविड-19 संक्रमित वयस्कों में रेम्डेसिविर का क्या असर होगा साथ ही सुरक्षा और प्रभाव के दृष्टि से यह कितना फायदेमंद हो सकता है इसके मूल्यांकन के लिए दो फेज 3 चरणों के परीक्षण अध्ययन शुरू किया है।

फर्म ने मार्च 2020 से मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया और अध्ययन के प्रारंभिक चरण में सबसे ज्यादा संक्रमण प्रभावित देशों के करीब 1,000 रोगियों को शामिल किया जाएगा।

पहले अध्ययन में, कोविड-19 के गंभीर रोगियों को क्रमशः दो स्लॉट में, पांच और 10 दिनों के लिए दवा दी जाएगी। डॉक्टर और शोधकर्ता दोनों खुराक अवधि की सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे।

दूसरे अध्ययन में, कोविड-19 के मध्यम स्तरीय रोगियों को पहले की तरह ही समान खुराक में दवा दी जाएगी। गंभीर और मध्यम दोनों रोगियों को पूरे अध्ययन में आवश्यक देखभाल और उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

गिलियड साइंसेज के इस मानव परीक्षण को ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआए), नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च (एनआईएचआर) और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर (डरएचएससी) द्वारा समर्थन भी दिया जा चुका है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण के ​इलाज को लेकर रेम्डेसिविर दवा के सुरक्षा और प्रभाव को जानने के लिए कई अन्य देशों में भी परीक्षण किए जा रहे हैं। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों और चीन-जापान मैत्री अस्पतालों द्वारा भी इस दवा के दो अलग-अलग नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं। हुबेई प्रांत में विभिन्न स्थानों पर भी परीक्षण किए जा रहे हैं।

परीक्षण के बाद उन रोगियों में रेम्डेसिविर के प्रभाव का आकलन किया जाएगा जिनमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और सांस लेने में दिक्कत जैसे गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं। अन्य अध्ययन में उन रोगियों में भी दवा के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा जिनमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हो गई है लेकिन गंभीर लक्षण विकसित नहीं हुए हैं।

अमेरिका की नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज़ जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ (एनआइएच) का एक हिस्सा है, उसने भी फेज़ 2 का परीक्षण शुरू कर दिया है। इसमें मरीजों के दो समूह होंगे जिनमें से एक समूह को दवा दी जाएगी जबकि दूसरे को प्लेसबो उपचार दिया जाएगा।

इसी को लेकर एक अन्य शोध INSERM द्वारा किया जा रहा है, जो कि फ्रेंच नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च है। INSERM कोविड-19 संक्रमणों के लिए रेम्डेसिविर और अन्य संभावित उपचारों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विकसित एक मास्टर प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है।

Dr Rahul Gam

संक्रामक रोग
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Arun R

संक्रामक रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Neha Gupta

संक्रामक रोग
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Anupama Kumar

संक्रामक रोग

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें