कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की खबरों के बीच एक ड्रग को लेकर दावा किया गया है कि यह नए कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में भी प्रभावी साबित हो सकता है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ एल्बर्ता में किए गए शोध के मुताबिक, 'जीसी376' नामक यह ड्रग बिल्लियों में पाए जाने वाले आम कोरोना वायरस 'एफ-सीओवी' से होने वाली एक जानलेवा बीमारी के इलाज में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा चुका है। कोविड-19 के इलाज के संबंध में इस ड्रग को लेकर किए गए ट्रायलों के परिणामों पर प्रमुख शोधकर्ता जॉनी लेमिक्स का कहना है, 'केवल दो महीनों में मिले परिणामों में हमने देखा है कि यह ड्रग वायरस को अपनी कॉपियां बनाने (रेप्लिकेशन) से रोकने में प्रभावी है। यह इन्सानों पर भी काम कर सकता है। इसलिए हम इसे लेकर उत्साहित हैं कि यह कोविड-19 के मरीजों के लिए एक प्रभावशाली एंटीवायरल ट्रीटमेंट होगा।'

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यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस ड्रग के शुरुआती ट्रायलों से जुड़ा अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है। रिपोर्ट में पत्रिका ने बताया है कि यह ड्रग एक प्रोटीज इनहिबिटर है, जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के एक प्रमुख एंजाइम एमप्रो को टार्गेट कर उसकी रेप्लिकेशन क्षमता में अवरोध उत्पन्न करने का काम करता है। इसके चलते वायरस शरीर में ज्यादा नहीं फैलता और अंततः संक्रमण खत्म हो जाता है।

प्रोटीज शरीर में मौजूद वे एंजाइम होते हैं जो प्रोटीन को विभाजित करने का काम करते हैं। ये एंजाइम हाई ब्लड प्रेशर से लेकर कैंसर और एचआईवी जैसी बीमारियों के इलाज का प्रमुख विषय रहे हैं। लेकिन साल 2002-03 में आए कोरोना वायरस संकट के बाद वैज्ञानिकों ने प्रोटीज को रोकने वाले अवरोधकों यानी इनहिबिटर को और डेवलेप करने का काम शुरू किया था। उसी सिलसिले में जीसी376 प्रोटीज इनहिबिटर को बिल्लियों में कोरोना वायरस की वजह से होने वाली एक घातक बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया था। बताया गया है कि यह प्रयोग सफल रहा था। अब नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 को रोकने के लिए भी शोधकर्ताओं ने जीसी376 प्रोटीज इनहिबिटर को जीसी373 में कन्वर्ट कर कोविड-19 के संभावित ड्रग के रूप में आजमाया है। दावा है कि इसने वायरस के प्रोटीन को बांध लेने की क्षमता दिखाई है।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शोधकर्ता अब इस ड्रग में कुछ ऐसे बदलाव करने जा रहे हैं, जिससे इनहिबिटर वायरस के अंदर ज्यादा बेहतर तरीके से फिट होकर उसे कॉपियां बनाने से रोक सके। हालांकि प्रमुख शोधकर्ता जॉनी लेमिक्स की मानें तो उनके परीक्षणों में ड्रग ने बिना किसी नुकसान के सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ इतनी पर्याप्त एंटीवायरल क्षमता दिखाई है कि इसे तुरंत क्लिनिकल ट्रायलों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि देखना होगा कि ऐसा होता है या नहीं।

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