दिल्ली में कोविड-19 की 'तीसरी लहर' चल रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को यह बात कही है। इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आशंका जताई थी कि हो सकता है राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आ चुकी हो। वहीं, बीते दिन सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक तरह से इसकी पुष्टि कर दी। उन्होंने कहा कि हाल में राजधानी में कोविड-19 के मामलों में हुई बढ़ोतरी कोरोना वायरस की तीसरी लहर का परिणाम हो सकती है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल ने बताया, 'कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। हम इसे कोविड की तीसरी लहर कह सकते हैं। सितंबर-अक्टूबर में (कोरोना वायरस के) केस कम होना शुरू हो गए थे। हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरी कदम उठाएंगे। (दिल्ली के) अस्पतालों में बेड और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं है।'
उधर, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी एक बार फिर कहा है कि दिल्ली में कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति को इसकी तीसरी लहर कहा जा सकता है। इससे पहले बीते महीने के अंत में सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में आई बढ़ोतरी कोरोना वायरस की 'तीसरी लहर' की शुरुआत का संकेत है। हालांकि उस समय उन्होंने इसे सीधे-सीधे तीसरी लहर कहने से इनकार कर दिया था। जैन का मानना था कि इसके लिए एक हफ्ता और इंतजार करने की जरूरत है। अब उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए साफ कहा है कि राजधानी में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है।
दिल्ली सरकार के प्रमुख मंत्रियों की तरफ से कोविड-19 की तीसरी लहर की पुष्टि ऐसे समय में की गई है, जब यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या अभूतपूर्व तरीके से बढ़ रही है। अब यहां प्रतिदिन 6,000 से ज्यादा कोरोना मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार को राजधानी में फिर रिकॉर्ड स्तर पर नए मामलों की पुष्टि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटों में दिल्ली में 6,842 लोग सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इसी दौरान यहां 51 मौतों की पुष्टि हुई है। इससे दिल्ली में कोविड-19 से मारे गए लोगों की संख्या 6,700 के पार चली गई है और मरीजों का आंकड़ा चार लाख दस हजार के करीब आ गया है।
हालात देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राजधानी में कोविड-19 की निगरानी व रोकथाम के लिए बाजारों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर विशेष रूप से कोरोना टेस्ट करना शुरू कर दिया गया है। साथ ही, क्रिटिकल जोन माने गए इलाकों में मेडिकल संसाधन (बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर्स आदि) की उपलब्धता बढ़ाने का भी फैसला किया गया है।