दिल्ली में कोविड-19 बीमारी से हुई मौतों में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, राजधानी में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मारे गए लोगों की संख्या 316 से सीधे 398 हो गई है। हालांकि, सभी 'नई' 82 मौतें एक ही दिन में नहीं हुई हैं। दिल्ली सरकार के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, कोविड-19 के चलते हुई इन 82 मौतों में से 69 ऐसी हैं, जिनकी किसी कारणवश रिपोर्टिंग नहीं हो पाई। दिल्ली सरकार ने राजधानी में कोरोना वायरस से हुई मौतों के आंकड़े में इन मृतकों को ऐसे समय शामिल किया है, जब हाल में उस पर मौतों की असली संख्या छिपाने के आरोप लगे हैं।
ताजा आंकड़ों को लेकर शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन 69 मौतों में से 52 सफदरजंग अस्पताल में हुई हैं। उनके मुताबिक, इन मौतों की रिपोर्टिंग देरी से हुई, जिसके चलते इन्हें अभी तक आधिकारिक रूप से आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया था। लेकिन अब इन्हें शामिल कर लिया गया है। वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया है कि बीते 24 घंटों में राजधानी में 1,106 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। यह लगातार दूसरा दिन है, जब दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में 1,000 से ज्यादा की वृद्धि हुई है।
ताजा आंकड़े जारी होने के बाद उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 का रिकवरी रेट 'करीब 50 प्रतिशत' है। उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के लक्षण दिखने से पहले अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। 80 से 90 प्रतिशत मरीज घर पर आइसोलेशन में रहते हुए ही ठीक हो रहे हैं।' उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर हैंडल से लोगों को यह सलाह दी है कोविड-19 के बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीज घर में ही रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीज घर में रहते हुए ही रिकवर हो सकते हैं।
कैसे आया इतना बड़ा अंतर?
मीडिया रिपोर्टों में सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी आंकड़े इकट्ठा करने वाली टीम में लगातार बदलाव करते रहते हैं। इस कारण स्टाफ के लोगों में ही गलत जानकारी शेयर हो रही है। खबरों के मुताबिक, अस्पताल ने पिछले दो महीनों के दौरान हुई 52 मौतों की सूची मंगलवार शाम तक सरकार को दे दी थी।
एनडीटीवी से बातचीत में सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट बलविंदर सिंह ने कहा कि एक फरवरी के बाद से अस्पताल में कोविड-19 के चलते 103 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा, 'एक फरवरी से 27 मई के बीच 70 मौतें हुई थीं। (इसी दौरान) कोविड-19 से जुड़ी 33 मौतें ऐसी थीं, जिनमें मरीज पहले से किसी बीमारी से पीड़ित थे।' बलविंदर सिंह ने दावा किया है कि अस्पताल कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की जानकारी गृह मंत्रालय को देता रहा है। उधर, दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता का कहना था कि मंगलवार तक सफदरजंग अस्पताल में केवल चार मौतें कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई हैं।
बहरहाल, ताजा आंकड़ों के जारी होने के बाद दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 16,281 से बढ़कर 1,7387 हो गई है। इनमें से 398 की मौत हो गई है, जो कुल मरीजों का 2.28 प्रतिशत है। इसके बाद कोरोना वायरस से हुई सबसे ज्यादा मौतों के मामले में दिल्ली तीसरे नंबर पर आ गई है। इस मामले में उसने मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है, जहां अब तक 321 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। हालांकि, राजधानी में कोविड-19 से बचाए गए मरीजों का आंकड़ा 7,846 हो गया है। यह कुल मामलों का 45 प्रतिशत है।