केंद्र सरकार का दावा है कि देश में कोविड-19 बीमारी के डेली ग्रोथ रेट में कमी देखने को मिल रही है। उसने यह भी कहा है कि नए कोरोना वायरस का अधिक संक्रमण देश के कुछ ही राज्यों तक सीमित है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कोविड-19 संकट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सकारात्मक रिपोर्ट पेश करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा, 'आप देखें कि मार्च में डेली ग्रोथ रेट करीब 31 प्रतिशत था। मई में यह नौ प्रतिशत हो गया और उसी महीने के अंत तक पांच प्रतिशत के आसपास आ गया था। और अगर आप 12 जुलाई के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि यह दर 3.24 प्रतिशत पर आ चुकी है। यानी नए मामलों से जुड़ी डेली ग्रोथ रेट में काफी गिरावट आई है।'

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स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि यह महत्वपूर्ण आंकड़ा अक्सर कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या की ओर ध्यान देने वाली प्रवृत्ति की वजह से अनदेखा हो जाता है। राजेश भूषण ने इस बात का भी विरोध किया कि मरीजों की संख्या में प्रतिदिन हो रही बढ़ोतरी के चलते स्वस्थ मरीजों और एक्टिव केसों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सरकार का पक्ष रखते हुए राजेश भूषण ने यह भी कहा कि देश में अब तक दर्ज किए गए कोरोना वायरस के सभी मामलों में से 86 प्रतिशत केवल दस राज्यों में सामने आए हैं। उन्होंने कहा, '50 प्रतिशत मामले केवल महाराष्ट्र और तमिलनाडु में देखने को मिले हैं। बाकी के 36 प्रतिशत केस आठ राज्यों में दर्ज किए गए हैं, जिनमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात और असम शामिल हैं।'

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स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्चाधिकारी ने यह भी कहा कि देश के कई बड़े राज्यों, जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, केरल और हिमाचल प्रदेश में हालात तुलनात्मक रूप से काफी बेहतर हैं। उनके मुताबिक, 'यह बताता है कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण समान रूप से नहीं फैला है।' इसके अलावा, वैश्विक आंकड़ों से तुलना करते हुए राजेश भूषण ने यह भी बताया कि पूरी दुनिया में इस समय प्रति दस लाख लोगों में से 1,638 कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं, जबकि भारत में यह संख्या प्रति दस लाख लोगों पर 657 है। उन्होंने कहा कि अगर इसकी तुलना आठ सबसे ज्यादा प्रभावित देशों से की जाए तो भारत के आंकड़े और ज्यादा प्रभावी निकलते हैं। मीडिया से बातचीत में मंत्रालय के सचिव ने कहा, 'रूस में प्रति दस लाख की आबादी में पॉजिटिव केसों की संख्या हमसे सात गुना ज्यादा है, जबकि अमेरिका में 14 गुना ज्यादा।'

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राजेश भूषण ने बताया कि दुनियाभर में प्रति दस लाख लोगों में से औसतन 73 की कोरोना वायरस से मौत हुई है, जबकि भारत में यह आंकड़ा प्रति दस लाख की आबादी पर 17.2 रहा है। उन्होंने कहा, 'यूनाइटेड किंगडम, स्पेन और रूस जैसे विकसित देशों में प्रति दस लाख की आबादी में से 660, 607 और 78 (क्रमशः) मौतें हुई हैं। कई देशों में इस दर से हुई मौतों की संख्या भारत से 35 गुना से भी ज्यादा है।'

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