कोविड-19 महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और शीर्ष अमेरिकी संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने बड़े बयान दिए है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने साफ कर दिया है कि कोविड-19 के इलाज के लिए बनाई जा रही वैक्सीन के इस्तेमाल की उम्मीद अगले साल से पहले नहीं की जा सकती। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वैक्सीन बनाने के प्रयासों में अच्छी प्रगति देखने को मिली है, लेकिन इसका सबसे पहला इस्तेमाल 2021 से पहले होने की संभावना नहीं है। उधर, एंथनी फाउची ने कहा है कि इस महामारी की वजह बना नया कोरोना वायरस शायद कभी भी खत्म न किया जा सके और फिलहाल इसके खिलाफ जंग में सरकार जीतने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बुधवार को कोविड-19 को लेकर अपनी दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख माइक रेयान ने कहा कि कई वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और सुरक्षा और इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करने की क्षमता के मामले में उनमें से कोई भी अभी तक विफल साबित नहीं हुई है। माइक रेयान ने कहा, 'हम (वैक्सीन बनाने में) अच्छी प्रोग्रेस कर रहे हैं।' लेकिन वैक्सीन के पूरी तरह बनने की संभावना पर बोलते हुए डब्ल्यूएचओ के उच्चाधिकारी ने कहा, 'वास्तव में यह अगले साल के पहले भाग में हो पाएगा। उसके बाद लोगों को वैक्सीन दी जानी शुरू की जाएगी।' रेयान ने बताया कि डब्ल्यूएचओ कोविड-19 की संभावित वैक्सीनों की उपलब्धता और उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के विषय में काम कर रहा है। वहीं, वैक्सीन के वितरण को लेकर माइक रेयान ने कहा, 'हमें इस बारे में न्यायसंगत होने की जरूरत है, क्योंकि यह वैश्किल कल्याण का सवाल है। इस महामारी के खिलाफ वैक्सीन केवल अमीरों के लिए नहीं है और न ही गरीबों के लिए, ये हर किसी के लिए हैं।'
वैक्सीन से कोविड-19 का इलाज भले मिल जाए, लेकिन कई जानकारों का कहना है कि इससे कोरोना वायरस के अस्तित्व पर शायद कोई असर न पड़े। इनमें अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची भी शामिल हैं। अमेरिका में कोविड-19 से निपटने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के साथ काम कर रहे एंथनी फाउची ने संभावना जताई है कि शायद कोरोना वायरस कभी भी जड़ से खत्म नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि वायरस पूरी तरह गायब नहीं होगा, लेकिन दुनियाभर की सरकारें और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी इसकी मात्रा को कम जरूर कर सकते हैं। खबरों के मुताबिक, फाउची ने कहा, 'मेरा मानना है कि सही सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं, कुछ सीमा तक विकसित हुई वैश्विक हर्ड इम्यूनिटी और एक अच्छी वैक्सीन से हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं। चाहे इस साल या अगली साल। लेकिन मुझे वास्तव में नहीं लगता कि हम इसे (कोरोना वायरस) जड़ से खत्म कर पाएंगे।'
डॉ. फाउची का यह बयान सार्स-सीओवी-2 को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह नया वायरस गायब हो जाएगा। गौरतलब है कि कोविड-19 को लेकर हुई एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, 'यह वायरस खत्म हो जाएगा। यह खत्म हो जाएगा।' लेकिन फाउची ने बताया है कि नया कोरोना वायरस 2003 में आए कोरोना वायरस की तरह नहीं है। उन्होंने कहा कि इंसानों के बीच फैलने की इसकी क्षमता जबर्दस्त है और यह बड़ी तादाद में लोगों को संक्रमित कर सकता है। फाउची ने यह भी कहा कि इसकी संभावना भी कम ही है कि यह वायरस बाद में बदल कर सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह हो जाए। शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक, सरकार को अगर राज्यों को पहले की तरह सामान्य रूप से खोलना है तो वायरस को बेहतर तरीके से नियंत्रित करना होगा। उन्होंने साफ कहा, 'निश्चित ही यह खेल अभी खत्म नहीं हो रहा है। फिलहाल हम इसमें नहीं जीत रहे हैं। हम इसे (वायरस) नहीं हरा पा रहे हैं।'