कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए संभावित वैक्सीन बनाने का दावा करके चर्चा में आई अमेरिकी दवा कंपनी मॉडेर्ना ने अपनी चर्चित कोविड-19 वैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया है। उसने एक बयान जारी कर कहा है कि उसकी एमआरएनए-1274 वैक्सीन से बुजुर्ग उम्र के प्रतिभागियों में वैसे ही इम्यून रेस्पॉन्स देखने को मिले हैं, जैसे कि पिछले परीक्षणों में युवा प्रतिभागियों में देखने में आए थे। कंपनी ने बुजुर्ग आयु के 20 लोगों के समूह पर किए एक अतिरिक्त परीक्षण के परिणामों के आधार पर यह दावा किया है। इसमें शामिल प्रतिभागियों की उम्र 56 वर्ष से 70 वर्ष और उससे ज्यादा थी। कंपनी की मानें तो वैक्सीन लगाए जाने के बाद इन लोगों के इम्यून रेस्पॉन्स 18 से 55 वर्ष के बीच के वॉलन्टियर्स जैसे ही थे।

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मॉडेर्ना इस समय कोरोना वायरस की काट के रूप में एमआरएनए-1273 के तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल कर रही है। उसका नया दावा पहले ट्रायल में किए गए परीक्षणों के अंतरिम डेटा से जुड़ा है। बुधवार को मॉडेर्ना ने ये आंकड़े शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी की एक एडवाइजरी कमेटी के सामने पेश किए हैं। इसमें उन 20 अतिरिक्त लोगों का डेटा भी शामिल है, जिसमें बताया गया है कि कैसे वैक्सीन ने बुजुर्ग प्रतिभागियों में मजबूत इम्यून रेस्पॉन्स पैदा करने का काम किया है। वहीं, अपने बयान में कंपनी ने कहा है कि उसकी वैक्सीन ने बुजुर्ग वयस्कों के शरीर में कोरोना वायरस को रोकने वाले सक्षम न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी पैदा किए हैं, जो उच्च स्तर के साथ लगातार बने रहते हैं।

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इसके अलावा कंपनी ने तीसरे ट्रायल में प्रतिभागियों को लगाए जा रहे वैक्सीन के 100 माइक्रोग्राम डोज के बारे में भी जानकारी दी है। इसमें मॉडेर्ना ने कहा है कि इस डोज से प्रतिभागियों के शरीर में जिस हाई लेवल के एंटीबॉडी विकसित हुए हैं, वे कोरोना संक्रमण से अपनेआप ठीक होने वाले लोगों में पैदा हुए एंटीबॉडी से ज्यादा हैं। कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन से कुछ साइडइफेक्टस हो सकते हैं। इनमें ठंड लगना, थकान, सिरदर्द, बुखार और मांसपेशी में दर्द महसूस होना शामिल हैं, हालांकि 100 एमजी की डोज में इनके अलावा कोई भी गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है।

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एमआरएनए-1273 वैक्सीन को लेकर मॉडेर्ना का दावा सही है तो यह अपनेआप में एक बहुत उपलब्धि होगी। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई स्वास्थ्य संगठनों और विशेषज्ञों ने यह सवाल उठाया है कि क्या कोविड-19 की वैक्सीन सभी उम्र और वर्ग के लोगों को समान रूप से कोरोना वायरस से सुरक्षित दे पाएगी। इस सिलसिले में यह अंदेशा जताया जाता रहा है कि शायद कोई भी कोविड वैक्सीन बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पर्याप्त न हो। ज्यादातर वैक्सीन के लिए कहा गया है कि वे केवल युवा वयस्क तक की उम्र वाले लोगों को सुरक्षा दे पाएंगी। लेकिन मॉडेर्ना के दावे ने एक उम्मीद पैदा की है। अब देखना होगा कि बड़े ट्रायल में बुजुर्गों पर आजमाने पर इस वैक्सीन के क्या परिणाम सामने आते हैं।

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