ब्राजील में कोविड-19 का इलाज ढूंढने के प्रयास के तहत किए जा रहे एक चीनी वैक्सीन के ट्रायल को अचानक से रोक दिया गया है। यहां के स्वास्थ्य नियामक ने बताया है कि चीन द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन 'कोरोनावैक' के परीक्षण के दौरान एक प्रतिभागी में कथित रूप से विपरीत रिएक्शन देखा गया था, जिसके बाद ट्रायल को सस्पेंड करने का फैसला किया गया है। कोरोनावैक वैक्सीन को चीन की दवा कंपनी साइनोवैक बायोटेक ने तैयार किया है। इस चर्चित टीके को कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे एडवांस वैक्सीनों में से एक माना जा रहा था, जिनके अंतिम चरण के ट्रायल दुनियाभर में चल रहे हैं। इस लिहाज से कोरोनावैक का ट्रायल रुकना चीन और साइनोवैक के साथ-साथ कोविड-19 की कारगर वैक्सीन का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों के लिए झटके की तरह हैं।
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खबर के मुताबिक, ब्राजीलियन हेल्थ रेग्युलेटर एजेंसी एनविसा ने बयान जारी कर बताया है कि बीती 29 अक्टूबर को ट्रायल के दौरान एक प्रतिभागी में 'सीरियस एडवर्स रिएक्शन' देखा गया था, जिसके बाद क्लिनिकल ट्रायल को बीच में ही रोक दिया गया। यह पता नहीं चल पाया है कि प्रतिभागी में यह गंभीर रिएक्शन वैक्सीन के कारण ही हुआ है या किसी और वजह से। इस जानकारी को ट्रायल कर रहे शोधकर्ताओं ने प्रतिभागी की निजता का हवाला देकर नहीं बताया है। हालांकि बयान में कहा गया है कि इस तरह की घटना के परिणाम गंभीर हो सकते हैं, जिनमें विकलांगता, जन्म से जुड़ी कमियां और मौत तक शामिल है। वहीं, वैक्सीन बनाने वाली कंपनी साइनोवैक ने बयान जारी कर कहा है कि प्रतिभागी में दिखा रिएक्शन वैक्सीन से संबंधित नहीं है। घटना के बाद भी उसने वैक्सीन के 'सुरक्षित' होने का दावा किया है।
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यह पहली बार नहीं है जब कोरोना वायरस के इलाज के लिए किए जा रहे अंतिम ट्रायल में किसी वैक्सीन को प्रतिभागियों को नहीं लगाने का फैसला किया गया हो। साइनोवैक से पहले ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित चर्चित कोविड-19 वैक्सीन चडॉक्स एनसीओवी1 और अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा तैयार की गई वैक्सीन एडी26-सीओवी-2-एस के अंतिम चरण के ट्रायल को प्रतिभागियों में दिखे किसी विपरीत रिएक्शन की वजह से रोकना पड़ा था। हालांकि बाद में इन ट्रायलों की बहाली हो गई थी। लेकिन इन घटनाओं ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ तैयार हो रहे टीकों की क्षमता पर संदेह पैदा किए हैं। गौरतलब है कि इस समय दुनियाभर में 11 कोविड-19 वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल किए जा रहे हैं। इनमें एस्ट्राजेनेका, साइनोवैक और जॉनसन एंड जॉनसन के अलावा अमेरिका दवा कंपनी मॉडेर्ना और फाइजर द्वारा विकसित की गई वैक्सीनों के परीक्षण शामिल हैं। वहीं, भारत में तैयार हुई पहली देसी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सीन को भी हाल ही में तीसरे चरण के ट्रायल में आजमाने की अनुमति भारतीय ड्रग नियामक की तरफ से दी गई है।
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