भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की पहचान के लिए किए जा रहे परीक्षणों की संख्या दो करोड़ से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है, जहां कोविड-19 के मरीजों को आइडेंटिफाई करने की मुहिम के तहत कम से कम दो करोड़ या उससे ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान यानी आईसीएमआर ने सोमवार सुबह अपडेट जारी कर बताया कि बीते 24 घंटों में देशभर में तीन लाख 81 हजार से ज्यादा कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं। इस बढ़ोतरी के बाद कुल टेस्टों का आंकड़ा दो करोड़ दो लाख 2,858 हो गया है। इनमें से 18 लाख से ज्यादा यानी करीब नौ प्रतिशत पॉजिटिव पाए गए हैं।
आंकड़े बताते हैं कि भारत टेस्टिंग के मामले में केवल चीन, अमेरिका और रूस से ही पीछे है। इन तीनों देशों में कोविड-19 के मरीजों की पहचान के लिए क्रमशः नौ करोड़, करीब छह करोड़ और लगभग तीन करोड़ टेस्ट किए गए हैं। प्रति दस लाख की आबादी पर अमेरिका एक लाख 80 हजार से ज्यादा टेस्ट कर रहा है। रूस में यह आंकड़ा एक लाख 98 हजार से ज्यादा है। वहीं, 143 करोड़ की आबादी की वजह से नौ करोड़ टेस्ट करने वाला चीन प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 62 हजार टेस्ट कर पाया है। यह नकारात्मक पहलू भारत के साथ भी है, जहां 137 करोड़ की आबादी के चलते प्रति दस लोगों पर 14 हजार 627 टेस्ट ही हो पा रहे हैं। हालांकि आने वाले दिनों में यह आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि भारत ने हाल के दिनों में अपनी टेस्टिंग क्षमता में तेजी से वृद्धि की है।
बहरहाल, भारत के राज्यों में हो रही टेस्टिंग से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि यहां सबसे ज्यादा परीक्षण तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में किए गए हैं। इन दोनों राज्यों में क्रमशः 27 लाख और 25 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। महाराष्ट्र में 22 लाख और आंध्र प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा परीक्षण अंजाम दिए गए हैं। वहीं, दस लाख से 20 लाख टेस्ट करने वाले राज्यों में राजस्थान (15.7 लाख), कर्नाटक (14.2 लाख) और दिल्ली (10.6 लाख) आते हैं। पश्चिम बंगाल भी दस लाख टेस्ट की तरफ बढ़ रहा है। यह रिपोर्ट लिखे जाने तक बंगाल में 9.3 लाख टेस्ट हो चुके थे।
कई बड़े राज्यों के टेस्टिंग के आंकड़े निराश करने वाले हैं। इनमें गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार का नाम सबसे पहले आता है। आंकड़े बताते हैं कि छह करोड़ से भी ज्यादा की आबादी वाले गुजरात में कोविड-19 के टेस्टों का आंकड़ा अब जाकर आठ लाख के पार गया है। मध्य प्रदेश की आबादी आठ करोड़ से ज्यादा है और यहां परीक्षणों की संख्या अभी भी आठ लाख से कम है। करीब 12 करोड़ की जनसंख्या वाले बिहार में छह लाख टेस्ट ही किए गए हैं। हालांकि हाल के दिनों में इन राज्यों में टेस्टिंग बढ़ाई गई है। उसके बावजूद ये राज्य असम और दिल्ली जैसे छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से पिछड़ते दिखते हैं। तीन करोड़ 40 लाख से ज्यादा की आबादी वाले असम में जहां कोरोना वायरस के संक्रमितों की पहचान के लिए नौ लाख 64 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं, वहीं लगभग दो करोड़ की जनसंख्या वाली दिल्ली में दस लाख से ज्यादा टेस्ट कर लिए गए हैं।