कोविड-19 महामारी के खत्म होने का इंतजार कर रहे लोगों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने झटका दिया है। उसने साफ कहा है कि कोरोना वायरस से होने वाली इस बीमारी का प्रकोप इतनी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है, बल्कि यह महामारी लंबे समय तक रहेगी। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गेब्रेयसुस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जो देश यह सोच रहे हैं कि कोरोना वायरस का कहर खत्म हो चुका है और सबकुछ सामान्य हो गया है, उनको फिर से संकट का सामना करना पड़ सकता है।

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लॉकडाउन के बाद संक्रमण फैलने की तीव्रता 'बढ़ेगी'
ब्रिटिश समाचार संस्थान बीबीसी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, टेड्रोस ने विशेषकर अफ्रीका, पूर्वी यूरोप, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में और वृद्धि होने की चेतावनी दी है। उनकी मानें तो लॉकडाउन हटाने के बाद कोरोना वायरस का संक्रमण और तेजी से फैल सकता है। टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर काफी पहले ही दुनिया को आगाह कर दिया था। जिनेवा स्थित मुख्यालय में मीडिया ब्रीफिंग देते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने बताया, ‘मुझे लगता है कि हमने सही समय पर आपातकाल की घोषणा की थी और तब दुनिया के सभी देशों के पास सही फैसला लेने का पर्याप्त समय था।'

गौरतलब है कि बीते साल के अंत और इस साल की शुरुआत में चीन से फैली इस बीमारी के चलते डब्ल्यूएचओ ने करीब तीन महीने पहले 30 जनवरी के दिन कोरोना वायरस संकट को 'अंतरराष्ट्रीय स्तर का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' यानी पीएचईआईसी घोषित किया था और 11 मार्च को इसे 'महामारी' घोषित कर दिया गया।

'अभी लंबा रास्ता तय करना है'
ब्रीफिंग में टेड्रोस ने कहा कि पश्चिमी यूरोप में कोविड-19 के मामलों में कुछ गिरावट दिखाई दी है, लेकिन कई देशों में इस बीमारी का प्रभाव अभी शुरू हुआ है। उनके मुताबिक, चूंकि कुछ देशों में कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू में फैला था, इसलिए अब वहां जीवन कुछ हद तक सामान्य हो रहा है। लेकिन उनका कहना है कि यहां गलती की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि यह वायरस लंबे समय तक हमारे साथ रहेगा, इसलिए हमें इससे लड़ाई में अभी लंबा रास्ता तय करना है।

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खबर के मुताबिक, टेड्रोस ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं कि सोशल डिस्टेंसिग और लॉकडाउन जैसे फैसलों से कई देशों में संक्रमण के फैलने की तीव्रता में कमी आई है। लेकिन हमें भूलना नहीं है कि यह वायरस बेहद खतरनाक है। ताजा हालात से पता चलता है कि दुनिया की अधिकांश आबादी संकट में है। इसका मतलब है कि यह महामारी आसानी से खत्म नहीं हो सकती, इसलिए हमें आने वाले बड़े खतरे के लिए तैयार रहना होगा।'

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