देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों की संख्या देश की 'आर्थिक राजधानी' मुंबई से ज्यादा हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लोगों की संख्या 70 हजार के पार चली गई है। वहीं, मुंबई में यह आंकड़ा 69 हजार से ज्यादा है। बीते 24 घंटों में दिल्ली में कोविड-19 के 3,788 नए मरीज सामने आए हैं। इसी दौरान यहां 64 लोगों की मौत हुई है। इससे दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण से मारे गए लोगों की संख्या 2,365 हो गई है। नए आंकड़ों के सामने आने के बाद पता चलता है कि राजधानी में कोविड-19 की मृत्यु दर 3.35 प्रतिशत है, जबकि रिकवरी रेट लगभग 59 प्रतिशत हो चुका है।
(और पढ़ें - दिल्ली में कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर 'अमित शाह मॉडल' और 'केजरीवाल मॉडल' आमने-सामने आए)
मौतों के मामले में पीछे
मरीजों की संख्या के मामले में दिल्ली मुंबई से आगे निकल गई है, लेकिन यहां कोविड-19 से मारे गए लोगों का आंकड़ा महाराष्ट्र की राजधानी से अब भी पीछे है। बता दें कि मुंबई में कोरोना संक्रमण के चलते अब तक 3,964 लोगों की मौत हुई है। यह संख्या दिल्ली से करीब 1,600 अधिक है। हालांकि, टेस्टिंग के मामले में दिल्ली आगे दिखाई देती है। यहां अब तक चार लाख 20 हजार टेस्ट किए जा चुके है, जबकि मुंबई में कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान के लिए दो लाख 94 हजार लोगों की टेस्टिंग की गई है। कहा जा रहा है कि टेस्टिंग में हुआ यह इजाफा एक बड़ा कारण है जिसके चलते दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
(और पढ़ें - कोविड-19: दिल्ली में हरेक घर की स्क्रीनिंग होगी, 10,000 बेड्स की क्षमता वाला कोविड केयर सेंटर भी हो रहा तैयार)
हर घर की जांच करने की योजना
दिल्ली में कोविड-19 के मामले बढ़ते देख इसकी रोकथाम के लिए एक बड़ी महत्वकांक्षी योजना बनाई गई है। खबरें हैं कि आगामी 30 जून तक दिल्ली में कोविड-19 के चलते कनटेंमेंट जोन घोषित किए गए सभी इलाकों के घरों की स्क्रीनिंग की जाएगी। वहीं, छह जुलाई तक पूरी दिल्ली में हरेक घर में स्क्रीनिंग की जाएगी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय पैनल की बैठक में यह फैसला किया गया था कि राजधानी में कोरोना वायरस को रोकने के लिए संबंधित योजना को रिवाइज करने की जरूरत है। इसके तहत शहर में निगरानी के साथ टेस्टिंग बढ़ाने का सुझाव दिया गया था।
(और पढ़ें - दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों के आइसोलेशन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी, जानें इनके बारे में)
दो तरह की टेस्टिंग रणनीति
नई योजना के तहत अब दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट के साथ-साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट की मदद से भी कोरोना मरीजों की पहचान की जाएगी। इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, अगर एंटीजन टेस्ट में किसी व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव निकली तो इसकी पुष्टि के लिए उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किया जाएगा। वहीं, अगर एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव पाया गया तो व्यक्ति को कोविड-19 का मरीज मान लिया जाएगा। इसके अलावा, तीसरी टेस्टिंग रणनीति के तहत दिल्ली में 20,000 लोगों का सेरो-सर्वे किए जाने की भी योजना है। इसमें एंटीबॉडी टेस्ट की मदद से उनमें कोरोना वायरस का पता लगाया जाएगा।