पूरी दुनिया में नए कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सबसे ज्यादा खराब हालात अमेरिका के हैं। यहां इस वायरस ने करीब 11 लाख लोगों को संक्रमित किया है, जिनमें से 63,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। हाल में रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि अमेरिका में कोविड-19 से हुई मौतों का असल आंकड़ा मौजूदा संख्या से काफी ज्यादा हो सकता है। वहीं, अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी ने देश के सात राज्यों में हुई मौतों के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके बाद इस बहस को बल मिला है।
अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, सीडीसी के डेटा से पता चलता है कि न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, मैसच्युसेट्स, इलिनोइस, मैरीलैंड और कोलोराडो में इस साल आठ मार्च से 11 अप्रैल के बीच हुई सामान्य मौतों में 50 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, जबकि पिछले पांच सालों में इसी अवधि के दौरान होने वाले मौतों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम रही हैं।
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हालांकि अखबार ने नए डेटा को भी अधूरा बताया है। उसने कहा है कि सीडीसी ने कोरोना वायरस से हुई मौतों को उल्लेखनीय ढंग से कम आंका है, लेकिन डेटा यह जरूर बताता है कि कैसे कोरोनो वायरस के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित जगहों पर सामान्य मौतों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में अखबार ने बताया कि न्यूयॉर्क में कोविड-19 के चलते सामान्य से तीन गुना अधिक मौतों हुई हैं। वहीं, हाल के आंकड़े संकेत देते हैं कि यह दर छह गुना अधिक भी हो सकती है।
न्यूजर्सी में मौतों की संख्या सामान्य से 172 प्रतिशत अधिक रही है। पिछले पांच वर्षों की तुलना करें तो यहां औसत से 5,000 अधिक मौतें हुई हैं। वहीं, मिशिगन में एक सामान्य वर्ष के मुकाबले मौतों की संख्या 121 प्रतिशत रही है यानी यहां करीब 2,000 अधिक मौतों हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह शुरूआती आंकड़ा है जो और बढ़ सकता है, क्योंकि मृत्यु प्रमाण पत्र इकट्ठा करने में समय लगता है, इसलिए सीडीसी को मरने वालों की संख्या का हिसाब लगाने में आठ सप्ताह तक का समय लग सकता है।
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अभी यह जानना मुश्किल है कि अतिरिक्त मौतों और कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की आधिकारिक गणना के बीच कितना अंतर है। न्यूयॉर्क और बाकी जगहों से जो आंकड़े सामने आए हैं, वे यह बताते हैं कि आधिकारिक रूप से कोरोना वायरस की गिनती संभवतः बहुत कम है। बीमारी का पता लगाने के लिए सभी का परीक्षण करना कठिन है, खासकर उन लोगों का जो अस्पताल में नहीं मरे हैं। यही कारण है कि हाल ही में न्यूयॉर्क सिटी में कोरोना वायरस से संबंधित मामलों की संख्या में सुधार किया गया था। इसमें बताया गया था कि कोविड-19 की वजह से हजारों अतिरिक्त मौतें हुई हैं, लेकिन इन लोगों का टेस्ट तक नहीं किया गया।