पूरा विश्व इस वक्त कोविड-19 संक्रमण की मार झेल रहा है। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों सहित सभी के लिए यह बिल्कुल नई बीमारी है। इस वायरल संक्रमण का इलाज और टीका को खोजने के लिए विभिन्न अध्ययन और बहुत सारे शोध किए जा रहे हैं।

कोविड-19 संक्रमण के मरीज जिनमें बीमारी के लक्षण गंभीर हो जाते हैं उन्हें बचाने के लिए डॉक्टर कई तरह के प्रयास लगातार कर रहे हैं। कोविड-19 के गंभीर लक्षणों की बात करें तो मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, सीने में तेज दर्द होने लगता है, अचानक भ्रम की स्थिति बनने लगती है और चेहरा और होंठ नीला पड़ने लगता है। अब तक डॉक्टरों ने ये बात साफ कर दी है कि वैसे मरीज जिन्हें पहले से उच्च रक्तचाप , मधुमेह, हृदय रोग, लंबे समय से किडनी रोग, फेफड़ों की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियां हैं उनमें कोविड-19 संक्रमण के गंभीर लक्षणों के विकसित होने का खतरा सबसे अधिक है।

आंकड़ों पर एक नजर डालें तों 9 अप्रैल तक दुनियाभर में मरने वालो की कुल संख्या 88 हजार को पार कर गई है। इसमें अधिकतर लोग 60 साल से उपर वाले हैं। जबकि कई अन्य लोगों में सेप्सिस, सांस लेने में तकलीफ, सेप्टिक शॉक और कई अंगों के एक साथ खराब हो जाने जैसी कई समस्याएं देखने को मिलीं। इस लेख में हम आपको कोविड-19 से संक्रमित मरीजों में मौत के क्या कारण हैं, इस बारे में जानकारी देंगे।

  1. कोविड-19 के गंभीर मरीजों में इन कारणों से होती है मौत
  2. कोविड-19 संक्रमितों में मौत के संभावित कारण
  3. कोविड-19: जानिए किन वजहों से हो जाती है मरीज की मौत के डॉक्टर

कोविड-19 संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित लोगों पर अध्ययन जारी है। ऐसे ही कोविड-19 संक्रमण से मरने वाले लोगों पर भी कुछ अध्ययन किए गए, साथ ही यह जानने का प्रयास किया गया कि आखिर वह कौन सी जटिलताएं थीं जो उन लोगों में मौत का कारण बनीं।

  • 11 मार्च 2020 को द लैंसेट नाम की प्रतिष्ठित पत्रिका में चीन में किए गए एक अध्ययन पर एक रिपोर्ट छपी। इसमें बताया गया कि जिन मरीजों में सेप्सिस की समस्या थी उनमें कोविड-19 के सबसे घातक परिणाम देखने को मिले। इसके आधार पर कहा गया कि सेप्सिस, कोविड-19 के गंभीर रोगियों में देखी गई सबसे सामान्य जटिलताओं में से एक थी। सेप्सिस किसी संक्रमण के प्रति शरीर द्वारा की जाने वाली सबसे खतरनाक प्रतिक्रियाओं में से एक है जो विभिन्न अंगों पर हमला करने की कोशिश करता है। सेप्सिस से कई अंगों को भयंकर नुकसान हो सकता है।
  • जामा नाम के जर्नल में 27 फरवरी 2020 को प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि चीन के वुहान में कोविड-19 के पुष्टि किए गए 44,672 मामलों में से 2,000 से अधिक मरीज गंभीर रूप से बीमार थे। इन मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ थी और उन्हे वेंटीलेटर की आवश्यकता थी। इन में से कुछ मरीजों की मौत सांस लेने में तकलीफ, सेप्टिक शॉक और कई अंग के फेल हो जाने की वजह से हुई। सांस लेने में तकलीफ इसमें सबसे सामान्य और घातक परिस्थिति है जिसमें फेफड़े ऑक्सीजन देने में विफल होते जाते हैं जिससे खून में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे मरीज आमतौर पर सांस नहीं ले पाते हैं और उनके दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है।
  • 11 मार्च 2020 को प्रकाशित जामा के एक अन्य लेख में बताया गया है कि कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार मरीजों में से अधिकांश में सेप्टिक शॉक और किडनी को क्षति पहंचने की समस्याएं देखी गईं। संक्रमण के दौरान ऐसे मरीजों में मौत का खतरा सबसे अधिक था।
  • 20 मार्च 2020 को प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया कि गंभीर रूप से बीमार रोगी जो निमोनिया, सांस लेने में त​कलीफ(एआरडीएस), सेप्सिस और सेप्टिक शॉक  से पीड़ित थे, इनमें मौत का खतरा बहुत अधिक पाया गया।

इन शोधों से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर कोविड-19 रोगियों में मौत के सबसे सामान्य कारण निम्नलिखित हैं

  • सेप्सिस
  • सेप्टिक शॉक
  • मल्टीपल ऑर्गन फेलियर यानी कई अंगों का क्षतिग्रस्त होना।
  • रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस एंड फेलियर
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कोविड-19 बीमारी के कारण हो रही इतने लोगों की मौत के पीछे का कारण जानने के लिए अभी भी वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कुछ मरीज तो इतने गंभीर थे कि आईसीयू में भर्ती होने के बाद उन्हें मेकैनिकल वेंटिलेशन, वैसोप्रेसर्स और रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी दी गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

ऐसा इसलिए है क्योंकि जब इन रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उस वक्त उनके अंग एक के बाद एक फेल (एसओएफए) होते जा रहे थे और डी-डिमर का स्तर तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक था। एसओएफए वह गणना है ​जो खराब हुए अंगों की संख्या और गंभीरता को निर्धारित करने में मदद करता है। वहीं बढ़े हुए डी-डिमर का स्तर असामान्य रक्त के थक्के के बढ़ने का खतरा दर्शाता है जो पल्मोनरी एम्बोलिज्म के दौरान देखने को मिलता है।

चिकित्सा सुविधाओं की कमी कोविड-19 से होने वाली मौतों का एक अन्य कारण है। सीमित चिकित्सा उपकरणों, बिस्तरों या मशीनों की कमी के कारण मरीजों को लाइफ सस्टेनिंग यानी जीवन बचाने के लिए आवश्यक थेरेपी नहीं मिल पा रही है। इस वजह से वृद्ध लोगों, वैसे लोग जिन्हें पहले से कोई बीमरी है और जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उन मरीजों को वक्त पर सही इलाज न मिल पाने के कारण उनकी मौत हो जा रही है।

Dr Rahul Gam

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