डेनमार्क में कोरोना वायरस फैलने के बाद वहां लाखों मिंक्स को मारने का आदेश दिया गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डेनमार्क के 1,000 से ज्यादा मिंक फार्मों में नए कोरोना वायरस से जुड़े म्यूटेशन का पता चला है। इससे वहां की सरकार में यह चिंता पैदा हो गई है कि संक्रमित मिंक्स से इन्सानों के लिए बनने वाली वैक्सीन के प्रभाव में बाधा आ सकती है। इसके चलते बीते बुधवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडेरिक्सन ने मिंक्स को मारने से जुड़े फैसले की घोषणा की। बता दें कि डेनमार्क में डेढ़ करोड़ से ज्यादा मिंक्स हैं, जिसके चलते यह यूरोपीय देश दुनिया में मिंक फर के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से यहां नेवला प्रजाति के इन जानवरों का लाखों की संख्या में मारा जाएगा, जिसमें सेना को भी लगाया जाएगा।
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एनवाईटी के मुताबिक, डेनमार्क में सार्वजनिक स्वास्थ्य और संक्रामक रोगों से जुड़े एक संस्थान स्टेट सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख केर मोलबक ने पीएम मेट फ्रेडेरिक्सन की मौजूदगी में न्यूज कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वायरस में आया एक नया म्युटेशन भावी वैक्सीनों के प्रभावों को बाधित कर सकता है। डेनमार्क की सरकार का दावा है कि उसके जटलैंड क्षेत्र में 12 लोग कोरोना वायरस के इस नए म्युटेशन से संक्रमित हुए हैं, जिसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी गई है। सरकार का कहना है कि म्युटेशन के प्रभाव के चलते इन 12 संक्रमितों के एंटीबॉडी ने कमजोर प्रतिक्रिया दी है। इसी को सरकार ने मिंक्स को मारने का आधार बताया है।
हाल में शोधकर्ताओं के बीच नए कोरोना वायरस का डी614जी म्युटेशन काफी चर्चा में रहा है। इस पर शोध कर वैज्ञानिकों का कहना है कि सार्स-सीओवी-2 का यह नया परिवर्तित रूप ट्रांसमिशन को तेजी से बढ़ा सकता है। हालांकि उन्होंने साफ किया है कि इस म्युटेशन से कोरोना संक्रमण का प्रभाव और उग्र होगा या इससे किसी वैक्सीन की क्षमता प्रभावित होगी। तमाम अटकलों के बीच डेनमार्क के 400 फार्मों में मिंक्स की हत्या का काम शुरू हो चुका है। वहां के जानकारों का कहना है इन दुर्बल जानवरों की हत्या से डेनमार्क में मिंक फर से जुड़ा उद्योग लंबे वक्त तक के लिए खत्म हो जाएगा।
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कोरोना वायरस के मामले में कमजोर हैं ये जानवर
इससे पहले नीदरलैंड और स्पेन में मिंक्स जानवरों में कोरोना वायरस फैलने के बाद वहां हजारों की संख्या में इन्हें मारने का आदेश दिया गया था। दरअसल, नेवला प्रजाति के ये जानवर कोरोना वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। इन जानवरों को फार्म में बड़ी संख्या में एक साथ रखा जाता है। वायरस के फैलने के लिए यह एक आदर्श स्थिति है। अगर एक मिंक को भी संक्रमण हो जाए तो वह बड़ी संख्या में इसे ट्रांसमिट कर सकता है। संक्रमण के प्रभाव में ये जानवर काफी बीमार होकर मर सकते हैं। इनके संपर्क में आकर फार्म कर्मचारी भी कोरोना वायरस से बीमार हो सकते हैं। उनके जरिये वायरस अन्य लोगों में फैल सकता है, जिससे व्यापक स्तर के ट्रांसमिशन का खतरा पैदा हो जाता है। यही कारण है कि कोरोना संकट काल में इन जानवरों की हत्या करने का आदेश दिया गया है।