कॉर्निया में घर्षण क्या है?

आंख पर खरोंच लगने को कॉर्नियल घर्षण कहा जाता है। ये अचानक हो सकता है। जब आंख में धूल या मिट्टी चले जाने पर आप तुरंत आंख को रगड़ना शुरू कर देते हैं तो इस वजह से कॉर्निया में घर्षण हो सकता है। इसमें आंख में दर्द होता है और आंख बंद करने पर भी आराम नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में आंख को बंद रखना ही बेहतर है क्योंकि आंख खोलने पर रोशनी की वजह से जलन या चुभन हो सकती है।

  1. कॉर्नियल घर्षण के लक्षण - Cornea me gharshan ko kaise pehchane
  2. कॉर्निया में घर्षण क्यों होता है - Cornea me abrasion kis vajah se ho sakta hai
  3. कॉर्नियल घर्षण के लिए प्राथमिक उपचार - Cornea abrasion hone par kya karen
कॉर्निया में घर्षण होने पर क्या करें के डॉक्टर

कॉर्नियल घर्षण के लक्षणों में शामिल हैं:

  • दर्द
  • आंख में कुछ गड़ने जैसा महसूस होना
  • कॉर्निया का टिश्यू डैमेज होना
  • आँख लाल होना
  • रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
  • सिरदर्द
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

निम्नलिखित स्थितियों में कॉर्निया के ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है: 

  • आंख को नाखून, पैन या मेकअप ब्रश से पोंछना
  • आंख में धूल-मिट्टी, लकड़ी का बुरादा, राख या कोई अन्य पदार्थ चला जाना
  • आंख में कोई रसायन चले जाना
  • आंख को तेजी से रगड़ना
  • गलत या गंदे काॅन्टेक्ट लेंस पहनना
  • कोई नेत्र संक्रमण होना
  • आंखों को सुरक्षित किए बिना सर्जरी करना
  • सेफ्टी आईवियर (आंखों की सुरक्षा वाले उपकरण जैसे चश्मा) के बिना खेल में हिस्सा लेना या उच्च जोखिम वाली शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना

हो सकता है कि तुरंत आपको इसके लक्षण महसूस न हों। इसी वजह से इसके कारण का पता लगाना आसान नहीं होता है।

डॉक्टर आंख को संक्रमित होने से बचाने के लिए एंटीबायोटिक आई ड्रॉप लिख सकते हैं। वह दर्द निवारक दवा के साथ-साथ लालिमा को कम करने के लिए आई ड्रॉप्स लेने की भी सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर आंख को आराम देने के लिए उन्हें टेप के जरिए बंद कर सकते हैं। यदि कॉर्नियल घर्षण ज्यादा नहीं हुआ है तो एक से तीन दिनों में ये अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में इस स्थिति को ठीक होने में तीन दिन से ज्यादा का समय लग सकता है। 

आंख को जल्दी ठीक करने के लिए आंख को न रगड़ें। नेत्र विशेषज्ञ से पूछे बिना कांटेक्ट लेंस न पहनें और धूप में जाने से पहले चश्मा पहन लें।

Dr. Vikram Bhalla

Dr. Vikram Bhalla

ऑपथैल्मोलॉजी
14 वर्षों का अनुभव

Dr. Rajesh Ranjan

Dr. Rajesh Ranjan

ऑपथैल्मोलॉजी
22 वर्षों का अनुभव

Dr. Nikhilesh Shete

Dr. Nikhilesh Shete

ऑपथैल्मोलॉजी
2 वर्षों का अनुभव

Dr. Ekansh Lalit

Dr. Ekansh Lalit

ऑपथैल्मोलॉजी
6 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें