दाने निकलने के बाद चिकन पॅाक्स 14 से 16 दिनों तक रहता है। लेकिन दाने निकलने के पहले मरीज को 1 से 2 दिन पहले बुखार और हल्के सिरदर्द का अहसास हो सकता है।
चिकन पॅाक्स एक निरोध्य बीमारी है, जो एक से दो हफ्तों के अंदर ठीक हो जाती है। जब तक चिकन पॅाक्स के दाने नहीं निकल आते, तब यह बीमारी किसी अन्य को नहीं फैलती। लेकिन एक बार दाने निकलने के बाद यह संक्रामक हो जाती है, जो आसानी से किसी को भी संक्रमित कर सकती है। चिकन पॅाक्स आमतौर पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा होता है। लेकिन अगर आपने चिकन पॅाक्स की वैक्सीनेशन लगा रखी है, तो इसके होने की आशंका कम हो जाती है।
चिकन पॅाक्स के दाग हटाने के लिए मार्केट में असंख्य उत्पाद मौजूद हैं। आप चिकन पॅाक्स के दाग को प्राकृतिक तरीके से भी हटा सकते हैं। इसके लिए यहां मौजूद कुछ प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करें। लेकिन बेहतर होगा इस संबंध में एक बार एक्सपर्ट से संपर्क जरूर करें।
चिकन पॅाक्स से बचने के लिए इसका वैक्सीन लगाना जरूरी है। हर कोई, फिर चाहे वह बच्चा हो, किशोरवय हो या युवा, अगर आपने चिकन पॅाक्स की वैक्सीनेशन नहीं लगाया है या कभी चिकन पॅाक्स नहीं हुआ है, तो चिकन पॅाक्स की वैक्सीन के दो डोज अवश्य लें। चिकन पॅाक्स वैक्सीन इस बीमारी के लिए काफी सुरक्षित है। यदि चिकन पॅाक्स वैक्सीनेशन लगाने के बावजूद व्यक्ति को चिकन पॅाक्स होता है, तो उसमें इसके लक्षण बहुत कम दिखने को मिलेंगे। उसे हल्का बुखार और त्वचा पर हल्की लालिमा ही नजर आएगी।
चिकन पॅाक्स दाने निकलने के एक-दो दिन में ही फैलने लगता है। चिकन पॅाक्स के मरीज को अमूमन मांसपेशियों मंे दर्द और सिरदर्द का अहसास होता है। एक बार चिकन पॅाक्स के दाने सूख कर निकलने के बाद यह संक्रमित बीमारी नहीं रहती। जहां तक इसके फैलने की बात है तो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, बोलने और सांस लेने के दौरान हवा में छोड़ी गई लार की छोटी बूंदों से फैलता है।
चिकन पॅाक्स होने पर निम्न सावधानियां बरतें-
यूं तो चिकन पॅाक्स को ठीक करने के लिए कोई दवा नहीं है। यह ठीक होने में अपना समय लेता ही है। हां, चिकन पॅाक्स में कुछ दवाएं असरकारक हो सकती हैं।
खुजली कम करने के लिए-
प्रोमेथाजिन और डेक्सक्लोरफेनिरामिन खुजली कम करने की बेहतरीन दवा है। लेकिन अगर बच्चे की उम्र 2 साल से कम है, तो बिना प्रिस्क्रिपशन के यह दवा नहीं मिलती। अतः ऐसी स्थिति में डाक्टर के परामर्श पर ही उपयुक्त दवा लें।
चिकन पॅाक्स के मरीजों को अकसर लगता है कि उनकी खुजली शायद कभी न रुके। जबकि ऐसा नहीं है। तीन से चार दिन बाद ही खुजली में आराम आने लगता है और एक हफ्ते बाद खुजली पूरी तरह ठीक हो जाती है। लेकिन जब खुजली हो तो कोशिश करें कि कम से कम खुजली करें और अपने हाथों को हमेशा साफ रखें। जितना ज्यादा खुजली करेंगे, उतना ज्यादा आपकी समस्या बढ़ेगी। डाक्टरों की सलाह पर दी गई खुजली की क्रीम को दानों पर लगा सकते हैं। इससे कुछ आराम मिलता है।
अकसर लोग चिकन पॅाक्स में नहाने से बचते हैं। जबकि चिकन पॅाक्स होने पर नहाना बिल्कुल सेफ है बल्कि नहाने से आपको रिलीफ महसूस होता है। नहाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। लेकिन नहाते वक्त अपने दानों को न रगड़ें और न ही खरोचें। इससे असुविधा हो सकती है। अगर आप नहाना न चाहें, खासकर बच्चों के मामले में, तो किसी कपड़े को भिगाकर अपने शरीर को अच्छी तरह पोंछ सकते हैं। कपड़ा मुलायम होना चाहिए और शरीर को कपड़े से तेजी से रगड़ने से भी बचें।
अगर हाल-फिलहाल में ही आपको या आपके किसी जानने वाले को चिकन पॅाक्स हुए हैं, तो कुछ तरीकों से दानों को दाग बनने से रोक सकते हैं-
चिकन पॅाक्स के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं-
आमतौर पर एक बार चिकन पॅाक्स होने के बाद दोबारा कभी नहीं होता। हालांकि इसका वायरस नर्व टिश्यू में निष्क्रिय स्थिति में मौजूद रहता है। बहुत ही रेयर मामलों में ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति को चिकन पॅाक्स दोबारा हो रहा है। अगर किसी व्यक्ति को यह न पता हो कि उसे कभी चिकन पॅाक्स हुआ है या नहीं, यह जानने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकता है।
आपकी बातों से लग रहा है कि आपको चिकन पॅाक्स हुआ है। अगर आपको बचपन में चिकन पॅाक्स नहीं हुआ है, तो इस उम्र में चिकन पॅाक्स हो सकता है। इसको लेकर आप ज्यादा परेशान न हों। ये दानें निकलेंगे और इसके बाद अपने आप सूखकर गिर जाएंगे। लेकिन हां, इन दानों को कुरेदे नहीं, इससे आपके शरीर में दाग बन सकता है। इनमें खुजली भी होती है। लेकिन आप खुजली न करें, इससे बचने के लिए क्रीम या तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक बात और यह संक्रामक बीमारी है। सो, घर में जिन लोगों को चिकन पॅाक्स का टीका न लगा हो या कभी न हुआ हो, उन्हें खुद से दूर रहने के लिए कहें। अन्यथा वह भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
आपको अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध स्थापित करने के लिए अभी 10 से 15 दिन और इंतजार करना होगा। आप उनके दानों को पहले पूरी तरह झड़ने दें। आप उन्हें एक बार डर्मोटोलॅाजिस्ट को दिखाएं। उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा।
बचपन में चिकन पॅाक्स होने के बाद सामान्य तौर पर यह दोबारा कभी नहीं होता, क्योंकि इसके एंटीबॅाडीज आपके शरीर में मौजूद होते हैं। लेकिन आप बता रहे हैं कि आपको अभी तक चिकन पॅाक्स नहीं हुआ है, तो क्या बचपन में आपने इसकी वैक्सीनेशन लगवाई है? वैक्सीनेशन लगे होने की वजह से यह बीमारी कभी नहीं होती। अगर होती भी है तो इसका असर बहुत हल्का नजर आता है। आपके केस में यह क्लीयर नहीं है कि आपने वैक्सीनेशन लगवाया है या नहीं। बेहतर यही है कि कुछ दिनों के लिए अपनी बहन के आस-पास न जाएं, वरना आपको आसानी से उससे संक्रमण फैल सकता है।
क्या आपको यकीन है कि ये दानें चिकन पॅाक्स की वजह से आए हैं? क्या आपको बुखार है? आमतौर पर चिकन पॅाक्स के दाने एक बार पूरी तरह झड़ जाने के बाद दोबारा नहीं होते। बेहतर है कि आप एक बार डर्मोटोलॅाजिस्ट से संपर्क करें। वही देखकर बताएंगे कि आपके जो नए दाने निकले हैं, वह किस वजह से हैं।
युवाओं व वयस्कों को चिकन पॅाक्स होने पर बच्चों की तुलना में ज्यादा परेशानी होती है। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये तो आपको भी चिकन पॉक्स हो सकता है।
जिस तरह आप बता रही हैं, इससे लग रहा है कि आपकी समस्या चिकन पॅाकस की वजह से नहीं है। आप डाक्टर से मिलें। हो सकता है कि स्ट्रेस लेने की वजह से आपके बाल झड़ रहे हैं। आमतौर पर बाल अपने आप बढ़ने लगते हैं। अगर आपको बाल गिरने की गंभीर समस्या हो रही है तो हेयर सप्लीमेंट की मदद से अपना ट्रीटमेंट कर सकते हैं।
अगर आपकी पत्नी पूरी तरह ठीक हो चुका है, दाने सूख कर झड़ चुके हैं तो उसे घूमने जाने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन आप इस बात का ध्यान रखें कि वह फिजीकली फिट फील कर रही हैं। अगर कमजोरी महसूस हो रही है, तो बेहतर है कि घूमने की प्लानिंग कुछ दिनों के लिए टाल दें। जहां तक सन बाथ की बात है, तो दानों के झड़ने के बाद सनबाथ लेने में कोई दिक्कत नहीं है।
आप इन दिनों नॅार्मल डाइट लें। खाने में नमक कम लें, बासी खाना खाने से बचें। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा खाएं। ऐसे लोगों व बच्चों से दूर रहें, जिन्हें कभी भी चिकन पॅाक्स न हुआ हो और चिकन पॉक्स की वैक्सीन न लगी हो, क्योंकि आपके संपर्क में आने से उन्हें भी संक्रमण हो सकता है। आप इसके लिए ज्यादा परेशान न हों, यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी।
नहीं। आप इस तरह की दवाई अपने बेटे को न दें। उसे बहुत ज्यादा इचिंग की प्रॅाब्लम हो रही है, तो उन दानों पर पर कैलेमाइन लोशन लगा सकती हैं। अगर आपके बेटे को इससे आराम न आए, तो इसके लिए एंटीबायोटिक क्रीम मार्केट में मौजूद हैं। आप डाक्टर को दिखाकर एंटीबायोटिक क्रीम ले सकती हैं।
यह सच है कि चिकनपॅाक्स होने पर आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। लेकिन आंखों की रोशनी चली जाना यानी ब्लाइंडनेस रेयर मामलों में देखा जाता है।
आप अपने बेटे की अच्छी तरह केयर करें। खुद को भी संक्रमण से बचाकर रखें। अगर घर में दूसरा बच्चा है, जिसे अब तक चिकन पॉक्स की वैक्सीन नहीं लगी है, उसे भी बचाकर रखें। और हां, अब आपको अपने इस बच्चे को चिकन पॉक्स की वैक्सीनेशन लगवाने की जरूरत नहीं है।
संभव है। आमतौर पर चिकन पॅाक्स एक बार होने पर दोबारा नहीं होता। लेकिन फिर भी बेहतर यही है कि आप अपनी पत्नी को खुद से दूर रहने की सलाह दें।