उपरोक्त लक्षणों के अनुसार, आहार में कुछ बदलाव करके उन लक्षणों पर नियंत्रण पाया जा सकता है, आइए जानते हैं कैसे :
1. ऊर्जा से भरपूर भोजन करें
हमारे शरीर को ऊर्जा हमारे भोजन में मौजूद पोषक तत्वों यानी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं फैट से मिलती है और उसी पर हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थ जैसे कि कार्बन डाई ऑक्साइड भी निर्भर करते हैं। जब हम सांस बाहर की ओर छोड़ते है, तब शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर निकाल पाते हैं। इस समस्या के दौरान जैसा कि सांस लेने में तकलीफ होती है, बहुत सारी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड शरीर में इकट्ठा हो जाती है, जिससे आप काफी थका हुआ एवं कमजोर महसूस करने लगते हैं। ऐसे में बुखार, कमजोरी एवं सांस की तकलीफ के कारण शरीर में ऊर्जा की आवश्यकता काफी बढ़ जाती है एवं ज्यादा ऊर्जा वाले आहार का सेवन करके स्थिति को सुधारा जा सकता है। ऐसे में अपने स्नैक्स के समय घर के बने लड्डू, चिक्की, खीर, पनीर, सैंडविच, कस्टर्ड आदि का सेवन कर सकते हैं।
2. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें
पूरे दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहें। इस पानी को आप 6-8 गिलास तक पीने की कोशिश करें। यह फेफड़ों में इकट्ठा हुए म्यूकस को पतला करने एवं निकालने में मदद करता है। कैफीन युक्त पेय पदार्थ शरीर में पानी की मात्रा कम कर देते हैं, उनके सेवन से बचें। इसके लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (कोल्ड ड्रिंक्स) जैसे कि चॉकलेट का सेवन ना करें। यह आपकी दवाओं के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं।
(और पढ़ें - पानी कैसे पीना चाहिए)
3. ज्यादा प्रोटीन वाले आहार लें
बुखार एवं सांस में तकलीफ के कारण, शरीर में मांसपेशियों की कमी एवं ऊर्जा में भी कमी देखी जाती है। ऐसे में प्रोटीन से भरपूर आहार ऊर्जा की मात्रा को ठीक बनाए रखने एवं मांसपेशियों को दोबारा से बनाने मदद कर सकते हैं। ऐसे में अपने हर आहार में एक प्रोटीन वाली वस्तु अवश्य लें। जैसे कि नाश्ते में अंडा, लंच में दाल, डिनर में पानी एवं स्नैक्स में सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़ें - प्रोटीन युक्त भारतीय आहार)
4. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर हो डाइट
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने के लिए मजबूत बनाते हैं। इस समस्या के दौरान इन्फेक्शन बढ़ने पर, अस्पताल जाने की भी नौबत आ जाती है। इसी कारण से, डाइट में एंटीऑक्सीडेंट का होना आवश्यक है। इसके लिए विटामिन ए, विटामिन ई, ओमेगा3 फैटी एसिड एवं जिंक आदि से भरपूर भोजन करें। सभी रंग के फलों एवं सब्जियों का सेवन करें, इसके साथ ही अंडे, वसा युक्त मछली, सूखे मेवे आदि का सेवन कर सकते है।
5. नमक का उपयोग नियंत्रित मात्रा में करें
ज्यादा मात्रा में नमक का उपयोग, शरीर में पानी का संग्रहण बढ़ा देता है (जो कि इस समस्या के दौरान काफी ज्यादा देखी जाती है), जिससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है। कुछ आसान उपायों से आप अपने नमक/सोडियम की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि :
(और पढ़ें - पेट में पानी भरने के कारण)
खाने में ऊपर से नमक की जगह, हर्ब्स जैसे कि ऑरेगैनो, काली मिर्च आदि का सेवन कर सकते हैं
- खाने में ऊपर से नमक ना लें
- खाने में अचार, पापड़, नमकीन के सेवन से परहेज करें
- न्यूट्रिशन लेबल पढ़कर ही पैकेट वाली चीजें खरीदें, लो सोडियम का ही उपयोग करें
- नमक के सब्स्टीट्यूट को लेने से पहले, डॉक्टर से सलाह अवश्य लें
6. खट्टे फलों का उपयोग करें
खट्टे फल विटामिन सी का काफी अच्छा स्रोत होते हैं। ये इम्यूनिटी को बढ़ाने, इन्फेक्शन को खत्म करने का काम करते हैं। 1 से 2 खट्टे फलों (नींबू, संतरा, चकोतरा, आंवला आदि) का रोजाना सेवन करें।
(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)