आमतौर पर हाइपरटेंशन की समस्‍या कई वर्षों में विकसित होती है, वो भी बिना किसी लक्षण के सामने आए। अस्‍वस्‍थ जीवनशैली के कारण आप भी हाई ब्‍लड प्रेशर का‍ शिकार हो सकते हैं।

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अगर आप हाइपरटेंशन यानी हाई ब्‍लड प्रेशर से ग्रस्‍त हैं या आपके ऊपर भी इसका खतरा मंडरा रहा है, तो बेहतर होगा कि अब आप इसे हल्‍के में लेना बंद कर दें क्‍योंकि इसकी वजह से आपको और कई बीमारियां घेर सकती हैं।

आइए जानते हैं हाइपरटेंशन के बारे में पांच जरूरी बातें -

  1. आसानी से नहीं चलता पता
  2. हाई ब्‍लडप्रेशर के मानदंडों में बदलाव
  3. एक टेस्‍ट से नहीं हो सकती हाइपरटेंशन की जांच
  4. दवा और बीमारी का असर
  5. आप खुद रख सकते हैं बीपी पर नजर
  6. हाई ब्लड प्रेशर के बारे में ये 5 बातें जानकर हो जाएंगे हैरान के डॉक्टर

भारत में हाइपरटेंशन की समस्‍या तेजी से बढ़ रही है। प्रत्‍येक 3 में से एक भारतीय वयस्‍क को हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या प्रभावित कर रही है। इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

वर्ष 2017 में विश्‍व की अग्रणी स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍था ने एक साथ‍ मिलकर ये निर्णय लिया कि हाइपरटेंशन की जांच के लिए ब्‍लड प्रेशर का लेवल 140/90 मि.मी ऑफ मर्करी (65 से कम उम्र में) और 150/80 मि.मी एचजी (65 से अधिक उम्र में) से बदलकर सभी वयस्‍कों में 130/80 मि.मी एचजी और इससे ज्‍यादा कर दिया।

इस बदलाव का यह परिणाम निकला कि हाई ब्‍लड प्रेशर संभावित रूप से 55 से अधिक उम्र (इसमें वो भी शामिल हो गए जिन्‍हें पहले स्‍वस्‍थ माना गया था) के 70 से 79 फीसदी लोगों को प्रभावित कर सकता है। अगर आपका ब्‍लड प्रेशर लेवल 130/80 मि.मी एचजी (मि.मी ऑफ मर्करी) से ऊपर पहुंच चुका है तो आप हाइपरटेंशन की चपेट में आ सकते हैं इसलिए इसे ठीक करने के लिए डॉक्‍टर से सलाह लें।

(और पढ़ें - हाई ब्लड प्रेशर का होम्योपैथिक इलाज)

क्‍या आप जानते हैं कि दिन में अलग-अलग समय पर ब्‍लड प्रेशर लेवल भिन्‍न होता है? आमतौर पर सुबह के समय बीपी कम रहता है जबकि दिन में बढ़ता है और फिर रात में घट जाता है। इसलिए ब्‍लड प्रेशर के टेस्‍ट में समय भी महत्‍वपूर्ण होता है। अगर आप स्‍वयं में हाइपरटेंशन के खतरे के बारे में जानना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप 24 घंटे में बीच-बीच में अपना बीपी टेस्‍ट करवाते रहें।

कुछ दवाओं के कारण ब्‍लड प्रेशर बढ़ सकता है। अस्‍थमा, गर्भनिरोधक या एस्‍ट्रोजन कंट्रोल करने वाली दवाएं ब्‍लड प्रेशर लेवल को प्रभावित कर सकती हैं। मेडिकल एंग्‍जाइटी (डॉक्‍टरों के आसपास होने पर ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाना), स्लीप एपनियाथायराइड संबंधित परेशानियों और कुछ दीर्घकालिक किडनी रोगों के कारण भी ब्‍लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव आ सकता है। अगर आप ऐसी किसी दवा का सेवन कर रहे हैं जिसका असर ब्‍लड प्रेशर पर पड़ सकता है तो अपने डॉक्‍टर को इस बारें में जरूर बताएं।

(और पढ़ें - ब्लड प्रेशर का नॉर्मल रेंज कितना होना चाहिए)

सैल्‍फ-मॉनिटरिंग डिवाइस की मदद से आप खुद घर पर ही अपना बीपी चेक कर सकते हैं। अगर आपको हाइपरटेंशन है या इसका खतरा है तो ये डिवाइस आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, आपको उंगलियों और कलाई के बजाय कोहनी पर लगने वाले कफ्स के डिवाइस खरीदने चाहिए क्‍योंकि इनकी बीपी रीडिंग ज्‍यादा सही रहती है। इस डिवाइस से पहली बार बीपी चैक करने से पहले अपने डॉक्‍टर से इसकी जांच जरूर करवा लें।

Dr. Farhan Shikoh

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