हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसके कारण व्यक्ति को कई अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि शोधकर्ताओं ने अक्सर इस समस्या से जुड़े तथ्यों को लोगों के सामने रखा है, ताकि उच्च रक्तचाप को गंभीरता के साथ नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, आंकड़े इस बात की कतई गवाही नहीं देते हैं।
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ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हाइपरटेंशन के चलते साल 2016 में 15 लाख से अधिक (1.63 मिलियन) लोगों की मौत हुई थी। रिपोर्ट से पता चलता है कि उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय रोग जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है, जो कि महिलाओं और पुरुषों दोनों में मृत्यु का प्रमुख कारण बनता है।
जैसे कि हम सभी जानते हैं अधिक वजन होना, व्यायाम की कमी और खराब खान-पान कुछ ऐसे कारक हैं, जो उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं। वहीं, एक नई रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि विवाहिक स्थिति (मैरिटल स्टेट्स) जैसे कुछ सामाजिक प्रभाव भी हाइपरटेंशन के कारकों से जुड़े हैं।
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