हाई बीपी या उच्च रक्तचाप एक महामारी की तरह है। भारत में हाई बीपी के मरीजों की संख्‍या साल दर साल बढ़ती जा रही है। तनावपूर्ण तथा गतिहीन जीवनशैली और खानपान से संबंधित गलत आदतों को इस बीमारी के फैलने का प्रमुख कारक माना जाता है।

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क्या आप जानते हैं कि एक सक्रिय जीवनशैली ना केवल हाई बीपी के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है बल्कि हाई बीपी की दवा के असर को भी बेहतर कर सकती है?

यहां 7 एक्सरसाइज टिप्स दी गई हैं जो आपको एक फिट और तनावमुक्त जीवन जीने में मदद कर सकती हैं -

  1. टिप 1: व्यायाम को मजेदार बनाएं
  2. टिप 2: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग - स्वस्थ तरीके से वजन घटाएं
  3. टिप 3: एक पेशेवर ट्रेनर की मदद लें
  4. टिप 4: तैराकी करें
  5. टिप 5: एक्सरसाइज को आदत बनाएं
  6. टिप 6: अपने डॉक्टर से अनुमति लें
  7. टिप 7: धीमी लेकिन स्थिर गति से करें हाई बीपी को कंट्रोल
  8. सारांश
  9. एक्सरसाइज से हाई बी.पी को कम करने में मदद कर सकते हैं ये 7 टिप्स के डॉक्टर

अधिकांश लोग किसी जिम की सदस्यता लेने के बाद पहले सप्ताह में ही फिटनेस के लिए शुरू की गई अपनी कोशिश को खत्म कर देते हैं। एक्सरसाइज को बोरिंग ना बनाएं वरना आपका एक्‍सरसाइज करने का मन ही नहीं करेगा। जिम में की जाने वाली एक्‍सरसाइज करने से पहले ऑफबीट एक्टिविटीज करें, जैसे कि डांस या ज़ुम्बा आदि। 

शरीर को सक्रिय करने के लिए यह मजेदार तरीका है और वे बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज के रूप में भी काम करते हैं। लेकिन यदि आप डांस नहीं करना चाहते हैं तो ट्रेडमिल पर दौड़ने के बेहतर विकल्प के रूप में आप बागवानी, शाम को सैर और ध्यान आदि भी कर सकते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपके अधिक फैट को जल्दी से कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। वजन कम करने के लिए सिर्फ कार्डियो न करें। कुछ वजन उठाने वाली एक्सरसाइज को भी अपने वर्कआउट में शामिल करें। इससे न केवल आपको कुछ आवश्यक मांसपेशियों का निर्माण करने में मदद मिलेगी, बल्कि चयापचय जरूरतों को पूरा करने के लिए शरीर फैट घटाने के लिए भी तैयार हो पाएगा।

जैसे एक डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन का पालन करना जरूरी होता है, वैसे ही जिम में कसरत करते समय अपने जिम ट्रेनर के निर्देशों का पालन करना भी जरूरी है। वर्कआउट करते समय सही तकनीक सीखने के लिए जिम में लगने वाली मामूली चोट पर ज्‍यादा ध्‍यान ना दें।

तैराकी एक हल्की एरोबिक गतिविधि है जो न केवल बीपी को कम करने में मदद कर सकती है बल्कि "कार्डियो" से होने वाले घुटने के दर्द को भी कम कर सकती है। अगर जिम में कार्डियो करने नहीं जाना चाहते हैं, तो इसकी बजाय स्विमिंग पूल में जाकर 30 मिनट तैराकी कर लें।

एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करना मुश्किल होता है लेकिन नियमित एक्‍सरसाइज करना और उस पर टिके रहना उससे भी ज्‍यादा मुश्किल होता है। नियमित जिम जाकर एक्‍सरसाइज ना करने से आपको नुकसान हो सकता है। 

यदि आप जल्दी सोने वालों में से नहीं हैं तो ऑफिस के बाद वर्कआउट करने पर विचार करें। आप ऑफिस में काम के दौरान अपने मन और शरीर को सक्रिय रखने के लिए ब्रेक के समय में 10 मिनट के लिए मिनी-वर्कआउट भी कर सकते हैं। स्थायी रूप से वजन घटाने और अपनी एक्सरसाइज की योजना का पालन करने के लिए आपको चाहे कम समय के लिए ही सही पर नियमित व्‍यायाम करते रहना चाहिए।

हाइपरटेंशन के लिए ली जाने वाली दवाएं जैसे बीटा या कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स आपके दिल की धड़कन को सामान्य गति से धीमा कर सकती हैं। इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर से उन एक्‍सरसाइज के बारे में जान लें जिनसे आपके दिल को खतरा हो सकता है।

नियमित व्यायाम करने से आप बीपी को 5-10 अंक तक कम कर सकते हैं, लेकिन जब आप हाई बीपी जैसी स्थितियों से पीड़ित होते हैं, तो आपको अपनी सीमाओं के बारे में पता होना आवश्यक है। 

ज्‍यादा वर्कआउट करके शरीर पर दबाव या तनाव ना बढ़ाएं। इसकी बजाय, बीपी कम करने के लिए अपनी एक्सरसाइज की गति को धीरे-धीरे बढ़ाने की कोशिश करें।

फिटनेस पाने के सफर में जोखिम से बचना महत्वपूर्ण होता है। संतुलित और स्वस्थ वजन बनाए रखने एवं तनाव तथा बीमारी से मुक्त जीवन जीने के लिए ध्‍यान से एक्‍सरसाइज करें और खाने में हरी सब्जियां लें, नमक कम खाएं और अपने आहार में चीनी का उपयोग कम करें।

Dr. Farhan Shikoh

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