हाई ब्लड प्रेशर हमारी जीवनशैली से जुड़ी ऐसी बीमारी है, जो दुनियाभर में तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। हाई बीपी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि इस बीमारी के स्पष्ट तौर पर तब तक कोई लक्षण नजर नहीं आते जब तक कि यह बीमारी हृदय या धमनियों को प्रभावित न करने लगे। डॉक्टरों का भी यही मानना है कि उच्च रक्तचाप की समस्या सिर्फ बढ़ती उम्र में नहीं, बल्कि गलत लाइफस्टाइल की वजह से अब तो युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
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हाई बीपी के मरीज दवाइयों का सेवन करने के साथ-साथ अपनी डाइट में भी कई तरह के बदलाव करते हैं ताकि इस बीमारी का इलाज हो सके, लेकिन ज्यादातर मौकों पर यही देखने को मिलता है कि मरीज द्वारा सबकुछ सही करने और चिकित्सा से जुड़ा सही प्रोटोकॉल फॉलो करने के बावजूद ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। 26 मई 2020 को 'ऐनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुई एक स्टडी में बताया गया है कि हमारे शरीर में मौजूद ऐल्डोस्टेरोन नाम का हार्मोन इस तरह के ब्लड प्रेशर के मामलों के लिए जिम्मेदार है।
आज इस लेख में आप हाई बीपी और ऐल्डोस्टेरोन हार्मोन के बीच का संबंध विस्तार से जानेंगे -
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